बाराबंकी: राज्य विधिक सेवा प्राधिक्करण के निर्देश पर जिले में राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत का आयोजन किया गया. जनपद न्यायाधीश श्रीमती नीरजा सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 25 हजार 871 मामलों का निस्तारण किया गया. साथ ही 7 करोड़ 82 लाख 71 हजार 489 रुपये अर्थदंड के रूप में जमा कराए गए. राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी अशोक कुमार यादव ने बताया कि इन लोक अदालतों के जरिये अदालतों का भार काफी हद तक कम हो रहा है.
लोक अदालत में कई मामलों का हुआ निस्तारण
लोक अदालत में सिविल के 2620 मामलों का निस्तारण हुआ तो वहीं राजस्व मामलों, बैंकों और विभिन्न विभागों के 23,251 मामले निपटाए गए. जनपद न्यायाधीश नीरजा सिंह ने 4 मामले निपटाए तो अपर जिला न्यायाधीशों ने 105 मामले निस्तारित किए. दीवानी न्यायालयों द्वारा 48, पारिवारिक अदालतों द्वारा 63 मामले निपटाए गए. विधिक सेवा के जिला सचिव नंद कुमार ने बताया कि अलग- अलग विभागों में आर्यावर्त बैंक द्वारा 750 मामले, विद्युत विभाग द्वारा 1186, नगर पालिका द्वारा 54, बांट-माप विभाग द्वारा 04, दूर संचार द्वारा 20, पशुपालन विभाग द्वारा 183, वाणिज्य कर विभाग द्वारा 327, स्वास्थ्य विभाग द्वारा 9072, वन विभाग द्वारा 21, कृषि विभाग द्वारा 16 मामले निस्तारित किए गए.
भदोही की लोक अदालत में 1 करोड़ 10 लाख की हुई रिकवरी
जिले में फंसे हुए बैंकों के कर्ज निकालने के लिए आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौते के तहत 1 करोड़ 10 लाख रुपये से अधिक की रिकवरी की गई. समझौते के तहत कुल 440 एनपीए लोन खातों का निस्तारण करते हुए यह रिकवरी की गई है. माना जा रहा है कि लगातार लोक अदालत के माध्यम से रिकवरी में आ रही तेजी से बैंकों की हालत में भी सुधार आएगा.
इस लोक अदालत में उन लोन खाताधारकों को भी आमंत्रित किया गया था, जो काफी लंबे समय से लोन लेने के बाद उसकी अदायगी नहीं कर रहे थे और उनके खाते एनपीए हो चुके थे. जिस तरह से लोक अदालत के माध्यम से एनपीए खातों के समझौते हो रहे हैं, माना जा रहा है कि आर्थिक सुस्ती के दौरान तमाम चुनौतियों से जूझ रहे बैंकों को इससे कुछ राहत तो जरूर ही मिलेगी.