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बाराबंकी: रानीगंज में मजहब के ऊपर भी है एक रस्म, मुस्लिम करते हैं दुर्गा पूजा में मदद

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में नवरात्रि के अवसर पर रानीगंज में 30 वर्षों से अनोखी परंपरा चली आ रही है. इस परंपरा में दुर्गा मां की प्रतिमा को 30 फुट ऊपर स्थापित करने की परंपरा है.

बाराबंकी में मुस्लिम भाई करते है दुर्गा पूजा का शुभांरभ
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Published : Oct 8, 2019, 10:55 AM IST

Updated : Oct 8, 2019, 7:10 PM IST

बाराबंकी: रानीगंज में लगभग 30 वर्षों से प्रतिमा स्थापित करने की अनोखी परंपरा चली आ रही है. यहां के लोग हर्षोल्लास के साथ नवरात्रि का पर्व मनाते हैं. मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहे इसके लिए अनोखी रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है. इसमें दुर्गा मां की प्रतिमा को 30 फुट ऊपर स्थापित किया जाता है.

इस पूजा का शुभारंभ एक मुस्लिम भाई के द्वारा कराया जाता है जो कि गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल है. गंगा जमुनी की मिसाल रानीगंज में देखने को मिलती है.

बाराबंकी में मुस्लिम भाई करते हैं दुर्गा पूजा का शुभांरभ
इसके साथ ही यहां पर नाटक के माध्यम से पॉलिथीन मुक्त अभियान, स्वच्छता अभियान और साक्षरता अभियान के बारे में जानकारी दी जाती है. इससे लोग देख कर आसानी से समझ सकते हैं और जागरूक होते हैं.

रानीगंज में अनोखे रीति रिवाज
रामनगर के रानीगंज में 30 वर्षों से मां दुर्गा की प्रतिमा एक अनोखी तरह से रखी जाती है. 30 फुट ऊपर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है जिनकी ज्योति ज्वाला देवी से लोग लेकर पैदल आते हैं. यहां मान्यता है कि यहां पर जो भी लोग मन्नत मांगते हैं वह पूरी होती है. इस भव्य मूर्ति के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. मां दुर्गा की चढ़ाई चढ़कर पूजा अर्चना और अपनी मन्नत मांगते हैं.

मां दुर्गा काआशीर्वाद यहां के क्षेत्रवासियों पर बना रहे और हर साल एक नया आयोजन नए तरह से किया जाता है.
-अयाज अहमद, कमेटी सदस्य


लगातार 30 वर्षों से यहां भव्य मेले का आयोजन होता है और हर साल दूर-दूर से मां के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं. मां दुर्गा की ज्योति ज्वाला देवी से लाई जाती है. हिंदू मुस्लिम भाईचारे और गंगा जमुनी की तहजीब की मिसाल रानीगंज की दुर्गा पूजा है.
-ज्ञानू सिंह, कमेटी अध्यक्ष

बाराबंकी: रानीगंज में लगभग 30 वर्षों से प्रतिमा स्थापित करने की अनोखी परंपरा चली आ रही है. यहां के लोग हर्षोल्लास के साथ नवरात्रि का पर्व मनाते हैं. मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहे इसके लिए अनोखी रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है. इसमें दुर्गा मां की प्रतिमा को 30 फुट ऊपर स्थापित किया जाता है.

इस पूजा का शुभारंभ एक मुस्लिम भाई के द्वारा कराया जाता है जो कि गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल है. गंगा जमुनी की मिसाल रानीगंज में देखने को मिलती है.

बाराबंकी में मुस्लिम भाई करते हैं दुर्गा पूजा का शुभांरभ
इसके साथ ही यहां पर नाटक के माध्यम से पॉलिथीन मुक्त अभियान, स्वच्छता अभियान और साक्षरता अभियान के बारे में जानकारी दी जाती है. इससे लोग देख कर आसानी से समझ सकते हैं और जागरूक होते हैं.

रानीगंज में अनोखे रीति रिवाज
रामनगर के रानीगंज में 30 वर्षों से मां दुर्गा की प्रतिमा एक अनोखी तरह से रखी जाती है. 30 फुट ऊपर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है जिनकी ज्योति ज्वाला देवी से लोग लेकर पैदल आते हैं. यहां मान्यता है कि यहां पर जो भी लोग मन्नत मांगते हैं वह पूरी होती है. इस भव्य मूर्ति के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. मां दुर्गा की चढ़ाई चढ़कर पूजा अर्चना और अपनी मन्नत मांगते हैं.

मां दुर्गा काआशीर्वाद यहां के क्षेत्रवासियों पर बना रहे और हर साल एक नया आयोजन नए तरह से किया जाता है.
-अयाज अहमद, कमेटी सदस्य


लगातार 30 वर्षों से यहां भव्य मेले का आयोजन होता है और हर साल दूर-दूर से मां के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं. मां दुर्गा की ज्योति ज्वाला देवी से लाई जाती है. हिंदू मुस्लिम भाईचारे और गंगा जमुनी की तहजीब की मिसाल रानीगंज की दुर्गा पूजा है.
-ज्ञानू सिंह, कमेटी अध्यक्ष

Intro:बाराबंकी 7 अक्टूबर रामनगर के रानीगंज में मां दुर्गा की प्रतिमा एक अनोखी तरह से रखी जाती है 30 फुट ऊपर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है जिनकी ज्योति ज्वाला देवी से लोग लेकर पैदल आते हैं और यह माना जाता है कि यहां पर जो भी लोग मन्नत मांगते हैं वह पूरी होती है यह भव्य मूर्ति के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और मां दुर्गा की चढ़ाई चढ़कर पूजा अर्चना और अपनी मन्नतें मांगते हैं।


Body:रानीगंज में लगभग 30 वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है जिसको यहां से लोग हर्षोल्लास से नवरात्रि का पर्व मनाते और यहां के लोगों का मानना है कि मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहे और एक अनोखी रीति-रिवाज की तरह मनाया जाता है।
इस पूजा की शुभारंभ एक मुस्लिम भाई के द्वारा कराया जाता है जो कि गंगा जमुनी की तहजीब एक मिसाल कायम है और यह सदभावना हिंदू और मुस्लिम दोनों मिलकर भव्य आयोजन का संचालन करते अगर कहीं पर गंगा जमुनी की मिसाल देखने को मिलता है तो वह रानीगंज है।
और यहां पर नाटक के माध्यम से पॉलिथीन मुक्त अभियान जागरुकता व स्वच्छता अभियान और साक्षरता अभियान के बारे में जानकारी दी जाती है। जिसको लोगों देख कर आसानी से समझते जागरुक होते है।


Conclusion:रानीगंज के दुर्गा कमेटी से अध्यक्ष ज्ञानसिंह सिंह का मानना है।
कि मां दुर्गा काआशीर्वाद यहां से क्षेत्रवासियों पर बना रहे और हर साल एक नया आयोजन एक नई तरह से की जाती है

लगातार 30 वर्षों से यह भव्य मेले का आयोजन होता हैं
और हर साल दूर-दूर से मां के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में इकट्ठा होते हैं ।

मां दुर्गा की ज्योति ज्वाला देवी से लाई जाती है।
हिंदू मुस्लिम भाईचारे व गंगा जमुनी की तहजीब की मिसाल
रानीगंज की दुर्गा पूजा।

विजुअल
वाइट दुर्गा कमेटी अध्यक्ष ज्ञानू सिंह की
बाइट अयाज अहमद

रिपोर्ट _आर् एन साहनी (स्टिंगर रामनगर विधानसभा बाराबंकी
9919688836)
Last Updated : Oct 8, 2019, 7:10 PM IST
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