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बाराबंकी: मशहूर शायर पं. हनुमान प्रसाद शर्मा 'आजिज मातवी' की याद में हुआ मुशायरा - mushaira organized in memories of aziz matwi

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में मशहूर शायर पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र 'आजिज मातवी' की याद में अजीमुश्शान मुशायरे का आयोजन किया गया. इस दौरान प्रदेश के कई जिलों से आए मशहूर शायरों ने अपनी शायरी से लोगों का दिल जीत लिया.

आजिज मातवी की याद में हुआ मुशायरे का आयोजन
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Published : Oct 12, 2019, 9:05 AM IST

बाराबंकी: जिले में उर्दू अदब को बढ़ाने वाले मशहूर शायर पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र 'आजिज मातवी' की याद में शुक्रवार रात अजीमुश्शान मुशायरे का आयोजन किया गया. शायरों की संस्था तामीर फाउंडेशन के बैनर तले नगर के गांधी भवन में आयोजित इस मुशायरे में लखनऊ, रायबरेली और प्रतापगढ़ समेत कई जिलों के शायरों ने अपने कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी. कार्यक्रम की अध्यक्षता बुजुर्ग उस्ताद शायर रहबर ताबानी ने की और निजामत शहबाज तालिब ने की. मुशायरे में मशहूर शायर वासिफ फारूकी बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए.

आजिज मातवी की याद में हुआ मुशायरे का आयोजन.

यहां के देवा ब्लाक के छोटे से गांव के रहने वाले पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र 'आजिज मातवी' ने उर्दू अदब में जिले को नई ऊंचाइयां दीं. सन 1932 में पैदा हुए आजिज मातवी की 2014 में मौत हो गई. उनकी गजलों के कई संग्रह प्रकाशित हुए. जिले के उर्दू अदब से सम्बन्ध रखने वाले तमाम लोग उनको आज भी बतौर उस्ताद के तौर पर याद करते हैं. उनकी याद को बरकरार रखने के लिए जिले के शायरों की संस्था तामीर फाउंडेशन ने शुक्रवार को एक मुशायरे का आयोजन किया. इस मुशायरे में शायरों ने अपने कलाम पेश कर लोगों को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया.

बाराबंकी: जिले में उर्दू अदब को बढ़ाने वाले मशहूर शायर पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र 'आजिज मातवी' की याद में शुक्रवार रात अजीमुश्शान मुशायरे का आयोजन किया गया. शायरों की संस्था तामीर फाउंडेशन के बैनर तले नगर के गांधी भवन में आयोजित इस मुशायरे में लखनऊ, रायबरेली और प्रतापगढ़ समेत कई जिलों के शायरों ने अपने कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी. कार्यक्रम की अध्यक्षता बुजुर्ग उस्ताद शायर रहबर ताबानी ने की और निजामत शहबाज तालिब ने की. मुशायरे में मशहूर शायर वासिफ फारूकी बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए.

आजिज मातवी की याद में हुआ मुशायरे का आयोजन.

यहां के देवा ब्लाक के छोटे से गांव के रहने वाले पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र 'आजिज मातवी' ने उर्दू अदब में जिले को नई ऊंचाइयां दीं. सन 1932 में पैदा हुए आजिज मातवी की 2014 में मौत हो गई. उनकी गजलों के कई संग्रह प्रकाशित हुए. जिले के उर्दू अदब से सम्बन्ध रखने वाले तमाम लोग उनको आज भी बतौर उस्ताद के तौर पर याद करते हैं. उनकी याद को बरकरार रखने के लिए जिले के शायरों की संस्था तामीर फाउंडेशन ने शुक्रवार को एक मुशायरे का आयोजन किया. इस मुशायरे में शायरों ने अपने कलाम पेश कर लोगों को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया.

Intro:बाराबंकी ,12 अक्टूबर । बाराबंकी में उर्दू अदब को बढ़ाने वाले मशहूर शायर पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र "आजिज़ मातवी" की याद में शुक्रवार की रात एक अजीमुश्शान मुशायरे का आयोजन किया गया । जिले के शायरों की संस्था तामीर फाउंडेशन के बैनर तले नगर के गांधी भवन में आयोजित इस मुशायरे में लखनऊ, रायबरेली,प्रतापगढ़ समेत कई जिलों के शायरों ने अपने कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी । कार्यक्रम की अध्यक्षता बुजुर्ग उस्ताद शायर रहबर ताबानी ने की और निजामत शहबाज़ तालिब ने की । मुशायरे में मशहूर शायर वासिफ फारूकी बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए ।


Body:वीओ - यहां के देवां ब्लॉक के छोटे से गांव के रहने वाले पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र ' आजिज़ मातवी' ने उर्दू अदब में जिले को नई ऊंचाइयां दी । सन 1932 में पैदा हुए आजिज़ मातवी की 2014 में मौत हो गई । उनके गजलों के कई संग्रह प्रकाशित हुए । जिले के उर्दू अदब से सम्बन्ध रखने वाले तमाम लोग उनको आज भी बतौर उस्ताद के तौर पर याद करते हैं । उनकी याद को बाकी रखने के लिए जिले के शायरों की संस्था तामीर फाउंडेशन ने शुक्रवार को एक मुशायरे का आयोजन किया । इस मुशायरे में शायरों ने अपने कलाम पेश कर लोगों को वाह वाह करने पर मजबूर कर दिया ।
बाईट- फ़ैज़ ख़ुमार , ख़ुमार बाराबंकवी के पौत्र
बाईट- सगीर नूरी , शायर
बाईट- मालविका हरिओम, शायरा लखनऊ
बाईट- मो0 अली साहिल लखनवी
बाईट- इरशाद बाराबंकवी
बाईट- शुऐब अनवर ,शायर
बाईट- सलीम सिद्दीकी, शायर
बाईट- सुधीर बेकस , रायबरेली
बाईट- हिसाल बारी


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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