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मुख्तार अंसारी की बहुचर्चित एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन निरस्त, आटो डीलर का कमर्शियल सर्टिफिकेट भी कैंस‍िल

बाराबंकी परिवहन विभाग ने मुख्तार अंसारी की बहुचर्चित एंबुलेंस का पंजीयन निरस्त कर दिया है. इतना ही नही एंबुलेंस बेचने वाले आटो डीलर का कमर्शियल सर्टिफिकेट भी निरस्त कर दिया गया है.

मुख्तार अंसारी की बहुचर्चित एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन निरस्त
मुख्तार अंसारी की बहुचर्चित एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन निरस्त
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Published : Jul 9, 2021, 12:35 AM IST

बाराबंकी: परिवहन विभाग ने मुख्तार अंसारी की बहुचर्चित एंबुलेंस का पंजीयन निरस्त कर दिया है. इतना ही नही एंबुलेंस बेचने वाले आटो डीलर का कमर्शियल सर्टिफिकेट भी निरस्त कर दिया गया है. अब ये कभी भी वैध रूप से सड़क पर फर्राटा नहीं भर सकेगी. फर्जी वोटर आईडी के जरिए रजिस्टर्ड कराई गई इस एंबुलेंस मामले में पुलिस ने 06 अन्य आरोपियों के नाम चिन्हित कर लिए हैं. जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो सकती है. अब इस मामले में आरोपियों की संख्या 13 हो गई है, जिसमें मुख्तार समेत 07 आरोपी जेल में हैं.

एंबुलेंस कैसे आई चर्चा में
बताते चलें कि 31 मार्च को ये एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई थी, जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया गया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नम्बर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग में हड़कम्प मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी जिले के UP41 AT 7171 नम्बर वाली एंबुलेंस ने हड़कम्प मचा दिया था. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग में जब इस एंबुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिनिवल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव ,मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 02 अप्रैल को मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उनका नाम भी बढ़ाया गया था.

एंबुलेंस का पंजीयन किया गया निरस्त
पुलिस ने ये एंबुलेंस 05 अप्रैल को लावारिस हालत में पंजाब से बरामद कर ली थी. उसके बाद अगले ही दिन इसे बाराबंकी लाया गया था. जबसे ये एंबुलेंस माल मुकदमा के तौर पर कोतवाली के मालखाने में खड़ी है. एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने बताया कि अब इस एंबुलेंस का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें-मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस ड्राइवर को यूपी STF ने दबोचा, गैंग से जुड़े कई राज उगले

डीलर का व्यावसायिक प्रमाण पत्र भी निरस्त
इस एंबुलेंस को नगर कोतवाली के पल्हरी स्थित एमजीएस ऑटो फेब प्राइवेट लिमिटेड नामक डीलर से 09 दिसम्बर 2013 को खरीदा गया था, उसके बाद 21 दिसम्बर 2013 को फर्जी पते और फर्जी वोटर कार्ड के आधार पर रजिस्टर्ड कराया गया था. एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने बताया कि इस डीलर का व्यवसायिक प्रमाण पत्र भी निरस्त कर दिया गया है.

इस मामले 06 अन्य आरोपियों की जल्द हो सकती है गिरफ्तारी
इस मामले में कोतवाली पुलिस मुख्तार अंसारी समेत 07 आरोपियों के खिलाफ 05 जुलाई को चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. अब पुलिस ने इस मुकदमे में 06 अन्य लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने में मदद करने वालों को चिन्हित कर लिया है. जल्द ही इनकी भी गिफ्तारी हो सकती है. पुलिस इस मामले में 06 आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी है, जबकि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में निरुद्ध है.

बाराबंकी: परिवहन विभाग ने मुख्तार अंसारी की बहुचर्चित एंबुलेंस का पंजीयन निरस्त कर दिया है. इतना ही नही एंबुलेंस बेचने वाले आटो डीलर का कमर्शियल सर्टिफिकेट भी निरस्त कर दिया गया है. अब ये कभी भी वैध रूप से सड़क पर फर्राटा नहीं भर सकेगी. फर्जी वोटर आईडी के जरिए रजिस्टर्ड कराई गई इस एंबुलेंस मामले में पुलिस ने 06 अन्य आरोपियों के नाम चिन्हित कर लिए हैं. जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो सकती है. अब इस मामले में आरोपियों की संख्या 13 हो गई है, जिसमें मुख्तार समेत 07 आरोपी जेल में हैं.

एंबुलेंस कैसे आई चर्चा में
बताते चलें कि 31 मार्च को ये एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई थी, जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया गया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नम्बर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग में हड़कम्प मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी जिले के UP41 AT 7171 नम्बर वाली एंबुलेंस ने हड़कम्प मचा दिया था. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग में जब इस एंबुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिनिवल ही नहीं कराया गया था. कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव ,मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 02 अप्रैल को मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए उनका नाम भी बढ़ाया गया था.

एंबुलेंस का पंजीयन किया गया निरस्त
पुलिस ने ये एंबुलेंस 05 अप्रैल को लावारिस हालत में पंजाब से बरामद कर ली थी. उसके बाद अगले ही दिन इसे बाराबंकी लाया गया था. जबसे ये एंबुलेंस माल मुकदमा के तौर पर कोतवाली के मालखाने में खड़ी है. एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने बताया कि अब इस एंबुलेंस का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है.

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डीलर का व्यावसायिक प्रमाण पत्र भी निरस्त
इस एंबुलेंस को नगर कोतवाली के पल्हरी स्थित एमजीएस ऑटो फेब प्राइवेट लिमिटेड नामक डीलर से 09 दिसम्बर 2013 को खरीदा गया था, उसके बाद 21 दिसम्बर 2013 को फर्जी पते और फर्जी वोटर कार्ड के आधार पर रजिस्टर्ड कराया गया था. एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने बताया कि इस डीलर का व्यवसायिक प्रमाण पत्र भी निरस्त कर दिया गया है.

इस मामले 06 अन्य आरोपियों की जल्द हो सकती है गिरफ्तारी
इस मामले में कोतवाली पुलिस मुख्तार अंसारी समेत 07 आरोपियों के खिलाफ 05 जुलाई को चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. अब पुलिस ने इस मुकदमे में 06 अन्य लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने में मदद करने वालों को चिन्हित कर लिया है. जल्द ही इनकी भी गिफ्तारी हो सकती है. पुलिस इस मामले में 06 आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी है, जबकि मुख्तार अंसारी बांदा जेल में निरुद्ध है.

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