बाराबंकी: मुख्तार अंसारी चर्चित एम्बुलेंस मामले में सरकार बनाम डॉ.अलका राय के मुकदमे की मंगलवार को अदालत में सुनवाई हुई. अभियोजन की ओर से एक सभासद को गवाह के रूप में पेश किया गया. जिसकी गवाही और जिरह पूरी हुई. इस दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और दो अलग-अलग जेलों में बंद दो अन्य आरोपियों की एमपीएमएलए कोर्ट एसीजेएम विपिन यादव के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई. कोर्ट ने मामले के अगले गवाह की गवाही के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है.
डॉ. अलका राय और मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि एसीजेएम कोर्ट नम्बर-19 (एमपीएमएलए कोर्ट) में सरकार बनाम डॉ. अलका रॉय का मुकदमा चल रहा है. इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत 13 आरोपी हैं. मंगलवार को मामले में अभियोजन के गवाह नगर कोतवाली के दुर्गापुरी वार्ड के सभासद सादिक हुसैन कोर्ट में पेश हुए. जिनके बयान और जिरह पूरी हुई.
दरअसल, अभियोजन द्वारा सभासद सादिक हुसैन को इस मामले में आरोपी द्वारा किराए पर रहने वाले निवास स्थान की सच्चाई के लिए पेश किया गया था.अब अगले गवाह के रूप में नेहरूनगर के सभासद मो. फैसल की गवाही होनी है. जिसके लिए कोर्ट ने 25 अक्टूबर की तारीख लगाई है. मामले की सुनवाई के दौरान बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और इसी मामले के आरोपी जफर उर्फ चंदा की संतकबीरनगर और अफरोज चुन्नू की गाजीपुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई. इस मामले के दो आरोपी डॉ. शेषनाथ राय और शुऐब मुजाहिद कोर्ट में उपस्थित हुए. बाकी के आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी दी गई थी. इस मामले में वादी मुकदमा तत्कालीन एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह की गवाही और जिरह पहले ही पूरी हो चुकी है.कोर्ट ने अगली गवाही के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है.
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क्या है एम्बुलेंस मामला: 31 मार्च 2021 को बाराबंकी की एंबुलेंस उस वक्त चर्चा में आई, जब पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में इसका प्रयोग मुख्तार अंसारी ने किया था. इस एंबुलेंस पर बाराबंकी जिले का नंबर था. इसके बाद बाराबंकी परिवहन विभाग (Barabanki Transport Department) में हड़कंप मच गया था. छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे वर्ष 2013 में एंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग (Barabanki Divisional Transport Department) ने जब इस एंबुलेंस की पड़ताल की तो पता चला कि इसका रिन्यूअल ही नहीं कराया गया था.
कागजात खंगाले गए तो ये डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी (fake voter id) से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में मऊ जिले की डॉ. अलका राय, डॉ. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में 2 अप्रैल 2021 को अपराध संख्या 369/21 पर धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, 177,506 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लाॅ एमेंडमेंट ऐक्ट के तहत एआरटीओ प्रशासन द्वारा मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाते हुए मुख्तार का नाम भी बढ़ाया गया था. विवेचना के दौरान मामले में 13 आरोपी सामने आए. जिनमे, मुख्तार अंसारी,डॉ अलका राय,डॉ शेषनाथ राय,राजनाथ यादव,मोहम्मद जाफरी उर्फ शाहिद,आनंद यादव,मुहम्मद सुहैब मुजाहिद,अफरोज खां उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सुरेंद्र शर्मा,सलीम,मोहम्मद शाहिद और फिरोज कुरैशी के नाम सामने आए और इन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था.मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं.इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत सभी 13 अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगेस्टर की भी कार्यवाही की गई थी.जिसका विचारण बाराबंकी की सेशन कोर्ट में चल रहा है.
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