बाराबंकी: कोरोना संकट के चलते स्कूल बंद हैं, वहीं संक्रमण के खतरे के चलते माता-पिता बच्चों को घर के बाहर खेलने के लिए भी नहीं जाने दे रहे. ऐसे में बच्चे घरों में कैद होकर रह गए हैं. जिससे बच्चे काफी परेशान हैं. बच्चों के मन मस्तिष्क पर बुरा असर न पड़े और वे किसी किस्म का दबाव और परेशानी न महसूस करें, इसको लेकर बाराबंकी पुलिस लाइन में नई पहल शुरू की गई है. पुलिस अधीक्षक की पत्नी रागिनी चतुर्वेदी की पहल पर यहां के बच्चों को मोटिवेशनल फिल्म दिखाई जा रही है. पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार के बच्चों को यहां के हाल हफ्ते में एक बार फिल्म दिखाई जाती है.
अतिरिक्त तैनाती के चलते बच्चों को नहीं मिल पा रहा प्यार-दुलार
लॉकडाउन शुरू होते ही सारे स्कूल कालेज बंद कर दिए गए थे. तब से सारे बच्चे घरों में कैद होकर रह गए हैं. यही हाल पुलिस लाइन का भी है. परिवार का कोई न कोई सदस्य पुलिस ड्यूटी कर रहा है. लिहाजा इन बच्चों को पर्याप्त प्यार और दुलार भी नहीं मिल पा रहा है. कोरोना संक्रमण खतरे के चलते न तो ये ठीक ढंग से खेल सकते हैं और न ही परिजनों के साथ कहीं घूमने ही जा सकते हैं. ऐसे में ये बच्चे व्याकुल हैं.
मनोरंजन के साथ शिक्षा भी
बच्चों के मन मष्तिष्क पर बुरा असर न पड़े इस खतरे को पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी की पत्नी रागिनी चतुर्वेदी ने महसूस किया. लिहाजा उन्होंने यहां के बच्चों का मूवी के जरिये मनोबल बढ़ाने की पहल की. हफ्ते में एक दिन यहां के हाल में परिसर के सारे बच्चों को कोई न कोई मोटिवेशनल मूवी दिखाई जाती है. मूवी दिखाने के पीछे मंशा है कि एक तो बच्चे खुश रहेंगे. दूसरे फिल्म से मिलने वाली शिक्षा से उनमें एक नया जोश आएगा. महिला कॉन्स्टेबल आरती श्रीवास्तव को इसकी जिम्मेदारी दी गई है.