बाराबंकी : बाराबंकी पुलिस इन दिनों "मिशन कायाकल्प" चला रही है. जिसके तहत रामनगर थाने के चैनपुरवा गांव को गोद लिया गया है. गांव के लोगों को नशे की लत से दूर ले जाने और उनके सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए पुलिस काम कर रही है. इसके लिए पुलिस ग्रामीणों को तरह-तरह के धंधे के लिए प्रेरित कर रही है, जो इनकी सुविधा इन्हें क्षेत्र में है और इनके आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण हैं.
आप को बता दें कि ये गांव तराई क्षेत्र का है. यहां के तकरीबन सभी परिवारों के पास कोई ठोस रोजगार नहीं होने की वजह से ये देसी शराब बनाने का काम करते हैं. इस शराब को पीकर आसपास के लोग नशे के लती हो गए हैं. लिहाजा उनका आर्थिक और सामाजिक विकास नहीं हो पा रहा है.
'मिशन कायाकल्प' के जरिए पुलिस कप्तान इन परिवारों को इस शराब के धंधे से अलग कर किसी और धंधे को करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. लिहाजा पुलिस कप्तान ने इस गांव के लोगों को मधुमक्खी पालन और उनसे निकलने वाले मोम से मोमबत्ती बनाने को प्रेरित कर रहे हैं. अचानक शराब बनाने का धंधा छोड़ने पर इन परिवारों को खाने-पीने की दिक्कत न हो, इसका प्रबंध पुलिस अधीक्षक अपने स्तर से करा रहे हैं. जिसको लेकर पुलिस कप्तान ने आईटीसी कंपनी से सहयोग मांगा था. जिसके बाद कंपनी ने गरीबों के लिए भारी मात्रा में आटा, चिप्स, जूस, साबुन सहित रोजमर्रा की जरूरत का सामन मुहैया कराया है.
आईटीसी कंपनी ने गरीबों की मदद की
17 टन आशीर्वाद आटा
11 हजार फेमा साबुन
40 हजार चिप्स और जूस के पैकेट
आप को बता दें कि इससे पहले लॉकडाउन के दौरान भी आइटीसी कम्पनी ने गरीबों और प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए तमाम सामान मुहैया कराया था.