बाराबंकी: राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान मंगलवार को लेखपालों के एक कार्यक्रम में शिरकत करने बाराबंकी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग में जल्द ही एक बड़ा क्रांतिकारी बदलाव होने जा रहा है. बाबा आदम के जमाने से जमीन की पैमाइश को लेकर चले आ रहे सिस्टम को हाईटेक बनाया जा रहा है. अब जमीनों की पैमाइश जरीब से नहीं बल्कि ईटीएस (ETS) मशीन से की जाएगी. इसके लिए जल्द हर तहसील को ट्रायल के लिए पांच-पांच ईटीएस मशीनें मिलने जा रही हैं.
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क्या है जरीब
अमूमन लेखपाल या जमीनों की नाप जोख करने वाले लोग एक जंजीर नुमा यंत्र का प्रयोग करते हैं. इसे जरीब कहा जाता है. ये लम्बाई नापने की एक इकाई है. ये एक जंजीर होती है, जो लोहे की बनी होती है. इसके दोनों सिरों पर पीतल के हैंडल लगे होते हैं. एक जरीब की स्टैंडर्ड लंबाई 66 फी और 22 गज जबकि 04 लट्ठे होती है. इस जरीब में 100 कड़ियां होती हैं. एक लंबे जमाने से भूमि के नापने में इसी जरीब का प्रयोग होता आ रहा है. कहीं कहीं फीते का भी प्रयोग किया जाता है.
क्या है ईटीएस मशीन
ईटीएस(ETS- Electronic Total Station Machine) डिजिटल यंत्र होगा, जिसको ऑपरेट करने पर लेजर किरणें निकलेंगी और किसी भी भुजा (side) की लंबाई बिल्कुल एक्यूरेट नापी जा सकेगी. ईटीएस के प्रयोग से गलती की संभावना लगभग शून्य होगी. राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान ने कहा कि जरीब से नाप जोख के दौरान राजस्वकर्मियों पर आरोप प्रत्यारोप लगते थे. लेकिन इस मशीन के आ जाने से समय की बचत होगी साथ ही पक्षकारों को सेटिस्फेक्शन भी होगा.
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