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बाराबंकी: मोहर्रम के अलविदा जुलूस के जरिये लोगों को दिया गया मानवता का संदेश - मोहर्रम का ऐतिहासिक अलविदा जुलूस

यूपी के बाराबंकी में मोहर्रम का ऐतिहासिक अलविदा जुलूस परंपरागत रूप से निकाला गया. हजरत इमाम हुसैन की याद में निकाले जाने वाले इस जुलूस के जरिये लोगों को मानवता और सच्चाई का संदेश दिया जाता है.

अलविदा जुलूस के जरिये लोगों को दिया गया मानवता का संदेश
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Published : Nov 6, 2019, 11:24 PM IST

बाराबंकी: जिले में मोहर्रम का ऐतिहासिक अलविदा जुलूस परंपरागत रूप से निकाला गया. यह जुलूस नगर के देवां रोड स्थित अस्करी इमामबाड़े से निकलकर कर्बला पर जाकर खत्म होता है. इस जुलूस में तमाम कम्युनिटी के लोग शामिल होते हैं. हजरत इमाम हुसैन की याद में निकाले जाने वाले इस जुलूस के जरिये लोगों को मानवता और सच्चाई का संदेश दिया जाता है.

बातचीत करते हुसैन के चाहने वाले.

पिछले कई दशकों से बाराबंकी में मोहर्रम का अलविदाई जुलूस निकाला जाता है. पूरे मोहर्रम के महीने में तमाम जुलूस निकाले जाते हैं, लेकिन ये जुलूस मोहर्रम से सम्बंधित आखिरी जुलूस होता है. नगर के देवां रोड स्थित अस्करी इमामबाड़े से निकलकर ये जुलूस लायन्स चौराहा, घोसियाना, छाया चौराहा और केडी सिंह मार्ग होते हुए कोतवाली के करीब स्थित कर्बला पर जाकर खत्म होता है.

अलम, जुलजना और आमारियों के साथ निकलने वाले इस जुलूस में न केवल जिले भर से बल्कि आसपास के कई जिलों के हुसैन के चाहने वाले लोग शामिल होते हैं. इस दौरान जुलूस में शामिल तमाम अंजुमन रास्ते भर नौहाख्वानी और सीनाजनी करती हैं. जुलूस के जरिये लोगों को हजरत इमाम हुसैन के बताए रास्ते इंसानियत और सच्चाई पर चलने का सन्देश दिया जाता है.


इसे भी पढ़ें- अयोध्या विवाद: हाथरस में प्रशासन ने निकाला फ्लैगमार्च जाना सुरक्षा का हाल

बाराबंकी: जिले में मोहर्रम का ऐतिहासिक अलविदा जुलूस परंपरागत रूप से निकाला गया. यह जुलूस नगर के देवां रोड स्थित अस्करी इमामबाड़े से निकलकर कर्बला पर जाकर खत्म होता है. इस जुलूस में तमाम कम्युनिटी के लोग शामिल होते हैं. हजरत इमाम हुसैन की याद में निकाले जाने वाले इस जुलूस के जरिये लोगों को मानवता और सच्चाई का संदेश दिया जाता है.

बातचीत करते हुसैन के चाहने वाले.

पिछले कई दशकों से बाराबंकी में मोहर्रम का अलविदाई जुलूस निकाला जाता है. पूरे मोहर्रम के महीने में तमाम जुलूस निकाले जाते हैं, लेकिन ये जुलूस मोहर्रम से सम्बंधित आखिरी जुलूस होता है. नगर के देवां रोड स्थित अस्करी इमामबाड़े से निकलकर ये जुलूस लायन्स चौराहा, घोसियाना, छाया चौराहा और केडी सिंह मार्ग होते हुए कोतवाली के करीब स्थित कर्बला पर जाकर खत्म होता है.

अलम, जुलजना और आमारियों के साथ निकलने वाले इस जुलूस में न केवल जिले भर से बल्कि आसपास के कई जिलों के हुसैन के चाहने वाले लोग शामिल होते हैं. इस दौरान जुलूस में शामिल तमाम अंजुमन रास्ते भर नौहाख्वानी और सीनाजनी करती हैं. जुलूस के जरिये लोगों को हजरत इमाम हुसैन के बताए रास्ते इंसानियत और सच्चाई पर चलने का सन्देश दिया जाता है.


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Intro:बाराबंकी ,06 नवम्बर । यूपी के बाराबंकी में मोहर्रम का ऐतिहासिक अलविदाई जुलूस परंपरागत रूप से निकाला गया । नगर के देवां रोड स्थित अस्करी इमामबाड़े से निकलकर यह जुलूस कर्बला पर जाकर खत्म होता है । जुलूस में तमाम कम्युनिटी के लोग शामिल होते हैं । हजरत इमाम हुसैन की याद में निकाले जाने वाले इस जुलूस के जरिये लोगों को मानवता और सच्चाई का संदेश दिया जाता है ।


Body:वीओ- पिछले कई दशकों से बाराबंकी में मोहर्रम का अलविदाई जुलूस निकाला जाता है । पूरे मोहर्रम के महीने में तमाम जुलूस निकाले जाते हैं लेकिन ये जुलूस मोहर्रम से सम्बंधित आखिरी जुलूस होता है । नगर के देवां रोड स्थित अस्करी इमामबाड़े से निकलकर ये जुलूस लायन्स चौराहा, घोसियाना, छाया चौराहा और केडी सिंह मार्ग होते हुए कोतवाली के करीब स्थित कर्बला पर जाकर खत्म होता है । अलम, जुलजना और आमारियों के साथ निकलने वाले इस जुलूस में न केवल जिले भर से बल्कि आसपास के कई जिलों के हुसैन के चाहने वाले लोग शामिल होते हैं । इस दौरान जुलूस में शामिल तमाम अंजुमने रास्ते भर नौहाख्वानी और सीनाजनी करती हैं । जुलूस के जरिये लोगों को हजरत इमाम हुसैन के बताए रास्ते इंसानियत और सच्चाई पर चलने का सन्देश दिया जाता है ।
बाईट- रज़ा रिज़वी , हुसैन के चाहने वाले


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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