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बाराबंकी: जनसुनवाई का कमरा छोटा होने पर नाराज हुईं महिला आयोग की सदस्य

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में हर बुधवार को पीड़ित महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई होती है. राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल जब सुनवाई के लिए समीक्षा परिसर में पहुंची तो कमरा छोटा होने के चलते वह नाराज हो गईं.

जनसुनवाई के लिए छोटा पड़ा हॉल.
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Published : Jul 4, 2019, 1:10 PM IST

बाराबंकी: बुधवार को महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई करने आईं राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल नाराज दिखाई दी. उनकी नाराजगी का कारण थी कि जिस कमरे में महिला मामलों की समीक्षा होनी थी वह कमरा बहुत छोटा था. छोटा कमरा देख उन्होंने सुनवाई से इनकार कर दिया.

जनसुनवाई के लिए छोटा पड़ा हॉल.

सुनवाई के लिए परेशान हुईं महिलाएं

  • बुधवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल पीड़ित महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई करने पहुंची.
  • छोटा कमरा देख सुनीता बंसल नाराज हो गई.
  • उनकी नाराजगी देख मौजूद अधिकारी सकते में आ गए.
  • आनन-फानन में अधिकारिओं ने सुनवाई के लिए बड़े हॉल का इंतजाम में लग गए.
  • कुछ देर बाद पीड़ित महिलाओं की सुनवाई जिला पंचायत हॉल में हुई.
  • इस दौरान पीड़ित महिलाओं को पीडब्लूडी परिसर में काफी देर बैठ कर सुनवाई के लिए परेशान होना पड़ा.


महिलाओं की जन सुनवाई को लेकर जिले के अधिकारी गंभीर नहीं हैं. हर महीने के पहले बुधवार को होने वाली जनसुनवाई महज औपचारिकता बन कर रह गई है. पिछले एक साल से जितनी भी जनसुनवाई हुई है वो पीडब्लूडी के इसी छोटे से कमरे में ही निपटा दी गई है. इससे पहले भी सदस्यों ने हॉल छोटा होने की बात उठाई थी लेकिन अधिकारियों ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया. इस बार सुनीता बंसल के कड़े रुख को देख अधिकारी सकते में आ गए. निश्चित ही बड़े हॉल में सुनवाई होने से पीड़ितों को बैठने की सुविधा भी होगी साथ ही पीड़ित महिलाएं सुनवाई में आने से संकोच भी नहीं करेंगी.

आज हम अपनी परेशानी लेकर यहां आए थे. कमरा छोटा होने की वजह से उन्होंने हमें जिला पंचायत कार्यालय में बुलाया है.

-पीड़ित महिला

वहां कमरा छोटा था इसलिए हमने सभी महिलाओं को यहां बुलाया है. वहां सही तरीके से समीक्षा नहीं हो पाती इसलिए पीड़ितों को जिला पंचायत कार्यालय में बुलाया है.

-सुनीता बंसल, सदस्य, राज्य महिला आयोग

बाराबंकी: बुधवार को महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई करने आईं राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल नाराज दिखाई दी. उनकी नाराजगी का कारण थी कि जिस कमरे में महिला मामलों की समीक्षा होनी थी वह कमरा बहुत छोटा था. छोटा कमरा देख उन्होंने सुनवाई से इनकार कर दिया.

जनसुनवाई के लिए छोटा पड़ा हॉल.

सुनवाई के लिए परेशान हुईं महिलाएं

  • बुधवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल पीड़ित महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई करने पहुंची.
  • छोटा कमरा देख सुनीता बंसल नाराज हो गई.
  • उनकी नाराजगी देख मौजूद अधिकारी सकते में आ गए.
  • आनन-फानन में अधिकारिओं ने सुनवाई के लिए बड़े हॉल का इंतजाम में लग गए.
  • कुछ देर बाद पीड़ित महिलाओं की सुनवाई जिला पंचायत हॉल में हुई.
  • इस दौरान पीड़ित महिलाओं को पीडब्लूडी परिसर में काफी देर बैठ कर सुनवाई के लिए परेशान होना पड़ा.


महिलाओं की जन सुनवाई को लेकर जिले के अधिकारी गंभीर नहीं हैं. हर महीने के पहले बुधवार को होने वाली जनसुनवाई महज औपचारिकता बन कर रह गई है. पिछले एक साल से जितनी भी जनसुनवाई हुई है वो पीडब्लूडी के इसी छोटे से कमरे में ही निपटा दी गई है. इससे पहले भी सदस्यों ने हॉल छोटा होने की बात उठाई थी लेकिन अधिकारियों ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया. इस बार सुनीता बंसल के कड़े रुख को देख अधिकारी सकते में आ गए. निश्चित ही बड़े हॉल में सुनवाई होने से पीड़ितों को बैठने की सुविधा भी होगी साथ ही पीड़ित महिलाएं सुनवाई में आने से संकोच भी नहीं करेंगी.

आज हम अपनी परेशानी लेकर यहां आए थे. कमरा छोटा होने की वजह से उन्होंने हमें जिला पंचायत कार्यालय में बुलाया है.

-पीड़ित महिला

वहां कमरा छोटा था इसलिए हमने सभी महिलाओं को यहां बुलाया है. वहां सही तरीके से समीक्षा नहीं हो पाती इसलिए पीड़ितों को जिला पंचायत कार्यालय में बुलाया है.

-सुनीता बंसल, सदस्य, राज्य महिला आयोग

Intro:बाराबंकी ,03 जुलाई । महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई और महिला मामलों की समीक्षा करने पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल उस वक्त नाराज हो गई जब उन्होंने सुनवाई के कमरा देखा । कमरा छोटा देख उन्होंने सुनवाई से इनकार कर दिया । उनकी नाराजगी देख मौजूद अधिकारी सकते में आ गए । आनन फानन अधिकारी बड़े हाल के इंतेजाम में लग गए । काफी देर बाद जिला पंचायत के हाल में जन सुनवाई हो सकी । इस दौरान पीड़ित महिलाओ को पीडब्लूडी परिसर में काफी देर तक बैठ कर सुनवाई के लिए परेशान होना पड़ा ।


Body:वीओ - महिलाओं की जन सुनवाई को लेकर जिले के अधिकारी गम्भीर नही हैं । हर महीने के पहले बुधवार को होने वाली जनसुनवाई महज औपचारिकता बन कर रह गई है । एक तो इन सुनवाइयों में सभी अधिकारी अपनी उपस्थिति को लेकर गम्भीर नही रहते तो वही सुनवाई महज एक कमरे में ही निबटा दी जाती है । बुधवार को जनसुनवाई करने पहुंची सदस्य राज्य महिला आयोग सुनीता बंसल ने जब पीडब्लूडी गेस्ट हाउस का कमरा देखा तो नाराज हो गईं । दरअसल ये कमरा छोटा था और यहाँ सुनवाई नही की जा सकती थी । उनकी नाराजगी देख वहां मौजूद अधिकारियों में हड़कम्प मच गया । आनन फानन अधिकारी किसी बड़े हाल की तलाश में लग गए । इस दौरान पीड़ित महिलाओं को काफी देर तक बाहर बैठ कर परेशान होना पड़ा । आखिरकार काफी देर बाद जिला पंचायत का हाल मिला और वहां महिलाओं को ले जाया गया जहां इनकी सुनवाई की जा सकी ।
बाईट - पीड़ित महिला
बाईट- सुनीता बंसल , सदस्य राज्य महिला आयोग


Conclusion:पिछले एक साल से जितनी भी जनसुनवाई हुई है वो पीडब्लूडी के इसी छोटे से कमरे में ही निबटा दी गई है । इससे पहले भी सदस्यों ने हाल छोटा होने की बात उठाई थी लेकिन अधिकारियों ने गम्भीरता से नही लिया लेकिन इस बार सुनीता बंसल के सख्त रुख से अधिकारी सकते में आ गए । निश्चय ही बड़े हाल में सुनवाई होने से पीड़ितों को बैठने की सुविधा भी होगी साथ ही पीड़ित महिलाएं सुनवाई में आने से संकोच भी नही करेंगी ।
रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
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