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मुख्तार एंबुलेंस मामले की SIT करेगी जांच, डॉ अलका को गिरफ्तार करने मऊ पहुंची पुलिस

माफिया मुख्तार अंसारी को अदालत ले जाने वाली एंबुलेंस मामले की जांच अब एसआईटी करेगी. दूसरी तरफ पुलिस एक टीम डॉ. अलका राय को गिरफ्तार करने के लिए बाराबंकी से मऊ पहुंच चुकी है, जबकि दूसरी टीम पंजाब पहुंची है.

मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी
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Published : Apr 3, 2021, 10:56 PM IST

Updated : Apr 4, 2021, 12:31 AM IST

बाराबंकी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल के बाहुबली विधायक व माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस प्रकरण की जांच एसआईटी को सौंप दी है. पूरे प्रकरण की पड़ताल के लिए एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया है. SIT की एक टीम पंजाब पहुंच चुकी है, जबकि दूसरी बाराबंकी की एक टीम डॉ. अलका राय से पूछताछ के लिए मऊ पहुंच चुकी है.

बाराबंकी की एंबुलेंस मुख्तार को ले गई थी कोर्ट

बता दें कि बीते बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल से मोहाली अदालत निजी एंबुलेस में गया था. एंबुलेस पर यूपी 41 एटी 7171 दर्ज था, जो नंबर बाराबंकी का था. लिहाजा बाराबंकी के परिवहन विभाग में जब इस एंबुलेंस के कागजात खंगाले गए तो पता चला कि एंबुलेंस डॉ. अलका राय के नाम से पंजीकृत है. जिसका 21 दिसंबर 2013 को बाराबंकी परिवहन विभाग में पंजीकरण कराया गया था. एंबुलेंस का संचालन श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के लिए होता था.

यमुना प्रसाद,पुलिस कप्तान.
कूटरचित दस्तावेजों पर कराया गया एंबुलेंस का पंजीकरण

मामला सुर्खियों में आया तो परिवहन विभाग में हड़कम्प मच गया. कागजात खंगाले गए तो अधिकारियों को पता चला कि बिना फिटनेस और बीमा के ये वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहा है. इसका फिटनेस 31 जनवरी 2017 को समाप्त हो चुका है. नोटिस देने के बाद भी वाहन स्वामी ने फिटनेस नहीं कराया. इस खुलासे के बाद गहनता से जब पड़ताल शुरू की गई तो रजिस्ट्रेशन के समय जो इलेक्शन की आईडी लगाई गई थी वो संदिग्ध पाई गई. यही नहीं जो पता दर्ज था वो भी फर्जी निकला. इसके बाद एआरटीओ प्रशासन पंकज कुमार ने वाहन स्वामी डॉ. अलका राय के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज के आधार पर वाहन पंजीकृत कराने के लिए नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया था.

ये भी पढ़ें-डॉ. अलका राय ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ कोतवाली में दी तहरीर


SIT समेत तीन टीमें गठित

मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने आरोपी डॉ. अलका राय की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए और इसके लिए तीन टीमें गठित की. इंस्पेक्टर कोतवाली के नेतृत्व में एक टीम डॉ. अलका राय की गिरफ्तारी के लिए मऊ पहुंच चुकी है. जबकि सीओ हैदरगढ़ के नेतृत्व में दूसरी टीम पंजाब पहुंच गई है. इस पूरे प्रकरण की छानबीन और पड़ताल के लिए एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया है.

बाराबंकी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल के बाहुबली विधायक व माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस प्रकरण की जांच एसआईटी को सौंप दी है. पूरे प्रकरण की पड़ताल के लिए एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया है. SIT की एक टीम पंजाब पहुंच चुकी है, जबकि दूसरी बाराबंकी की एक टीम डॉ. अलका राय से पूछताछ के लिए मऊ पहुंच चुकी है.

बाराबंकी की एंबुलेंस मुख्तार को ले गई थी कोर्ट

बता दें कि बीते बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल से मोहाली अदालत निजी एंबुलेस में गया था. एंबुलेस पर यूपी 41 एटी 7171 दर्ज था, जो नंबर बाराबंकी का था. लिहाजा बाराबंकी के परिवहन विभाग में जब इस एंबुलेंस के कागजात खंगाले गए तो पता चला कि एंबुलेंस डॉ. अलका राय के नाम से पंजीकृत है. जिसका 21 दिसंबर 2013 को बाराबंकी परिवहन विभाग में पंजीकरण कराया गया था. एंबुलेंस का संचालन श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के लिए होता था.

यमुना प्रसाद,पुलिस कप्तान.
कूटरचित दस्तावेजों पर कराया गया एंबुलेंस का पंजीकरण

मामला सुर्खियों में आया तो परिवहन विभाग में हड़कम्प मच गया. कागजात खंगाले गए तो अधिकारियों को पता चला कि बिना फिटनेस और बीमा के ये वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहा है. इसका फिटनेस 31 जनवरी 2017 को समाप्त हो चुका है. नोटिस देने के बाद भी वाहन स्वामी ने फिटनेस नहीं कराया. इस खुलासे के बाद गहनता से जब पड़ताल शुरू की गई तो रजिस्ट्रेशन के समय जो इलेक्शन की आईडी लगाई गई थी वो संदिग्ध पाई गई. यही नहीं जो पता दर्ज था वो भी फर्जी निकला. इसके बाद एआरटीओ प्रशासन पंकज कुमार ने वाहन स्वामी डॉ. अलका राय के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज के आधार पर वाहन पंजीकृत कराने के लिए नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया था.

ये भी पढ़ें-डॉ. अलका राय ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ कोतवाली में दी तहरीर


SIT समेत तीन टीमें गठित

मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने आरोपी डॉ. अलका राय की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए और इसके लिए तीन टीमें गठित की. इंस्पेक्टर कोतवाली के नेतृत्व में एक टीम डॉ. अलका राय की गिरफ्तारी के लिए मऊ पहुंच चुकी है. जबकि सीओ हैदरगढ़ के नेतृत्व में दूसरी टीम पंजाब पहुंच गई है. इस पूरे प्रकरण की छानबीन और पड़ताल के लिए एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया है.

Last Updated : Apr 4, 2021, 12:31 AM IST
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