बाराबंकी: बाराबंकी नगर मुख्यालय से छह किमी दूरी पर मजीठा धाम है. जंहा हर वर्ष सावन के महीने में भव्य मेला लगता है और नागपंचमी के दिन तो आसपास के जिलों के हजारों श्रद्धालु आते है. यहां के मंदिर में श्रद्धालु नागदेवता को दूध और चावल से भरी मठिया चढ़ाते हैं. मान्यता है कि जिनके घर मे सांप आते हैं या जिनको सांपों से डर लगता है वो यहां मठिया चढ़ाकर सांपो से छुटकारा पा जाते हैं.
नागदेवता के प्रति श्रद्धालुओं की दिखती आस्था और श्रद्धा-
- बाराबंकी जिले से 6 किमी की दूर पर नागदेवता मंदिर है जिसे मजीठा धाम के नाम से जाना जाता हैं.
- नागदेवता के इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है और मंदिर के इतिहास के बारे में बाबत लोगों का अलग-अलग मत है.
- यहां पूरे वर्ष भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है और हर वर्ष सावन के महीने में यहां भव्य मेला लगता है.
- नागपंचमी के दिन यहां आसपास के जिलों के हजारों श्रद्धालु पहुंचते है.
- श्रद्धालु दूध और चावल से भरी मठिया चढ़ाते हैं और अपनी मुरादें पाते हैं.
- मान्यता है कि जिनको सांपों से डर लगता है वो यहां मठिया चढ़ाकर इससे छुटकारा पा जाते हैं.
- अगर किसी को सांप ने डस लिया है और वो जिंदा यहां आ जाता है तो उसको कोई नुकसान नही होता.
- कुछ लोगो का कहना है कि इधर से महात्मा बुद्ध गुजरे थे और कुछ का मानना है कि महात्मा बुद्ध के शिष्य ने यहां तपस्या किए थे.
- तमाम श्रद्धालु यहां बीमारियों और कष्टों के निवारण की मन्नत लेकर आते है और तमाम अपनी गरीबी दूर करने आते है.
- आस्था और श्रद्धा के इस केंद्र पर सैकड़ों वर्षों से दूरदराज से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता ही जा रहा है.
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