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बाराबंकी: आम दिनों की अपेक्षा 50 फीसदी भी नहीं हुई शराब की बिक्री

देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद से शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी. वहीं सोमवार को सरकार के आदेश के बाद कई जगहों पर शराब की दुकानें खोली गईं. हालांकि आम दिनों की तरह शराब की बिक्री नहीं हो सकी.

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Published : May 4, 2020, 8:53 PM IST

जिला आबकारी अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद
जिला आबकारी अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद

बाराबंकी: लॉकडाउन के बाद पहली बार सोमवार को शराब की दुकानें खोल दी गईं. शराब खरीदने के लिए दुकानों पर सुबह से भीड़ लग गई. ऐसा लगा कि और दिनों की अपेक्षा बिक्री का रिकार्ड टूट जाएगा, लेकिन अधिकारी हैरान हैं कि आम दिनों की अपेक्षा अंग्रेजी शराब की 50 फीसदी भी बिक्री नहीं हुई. देसी शराब और बियर का तो और भी बुरा हाल रहा.

जिले में शराब की कुल 396 दुकानें हैं, जिनमें 229 देसी, 87 अंग्रेजी, 72 बीयर की दुकानें और आठ मॉडल शॉप हैं. आम दिनों में इन दुकानों से आबकारी विभाग को रोजाना एक करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट होता था. सुबह जब दुकानें खुलीं तो लगा कि बिक्री का रिकार्ड टूट जाएगा, लेकिन शाम होते-होते ग्राहक आने कम हो गए. हालात ये रहे कि आम दिनों की अपेक्षा आधी भी बिक्री नहीं हो सकी.

कम बिक्री के पीछे कारण
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर दुकानें बंद हैं. छोटे कर्मचारी या मजदूर तबके के लोग जो रिक्शे या ऑटो रिक्शे चलाते हैं या छोटी-छोटी दुकानों पर काम करते हैं उनके पास पैसे नहीं हैं, ऐसे में देसी शराब की बिक्री नहीं हो रही है. अंग्रेजी शराब भी बड़े लोग ही खरीद रहे हैं. इन सब के बावजूद ज्यादातर लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं. कोरोना को लेकर दहशत है. दूसरे ये कि लोगों के पास आर्थिक तंगी है.

नया स्टॉक आने के बाद बिक्री बढ़ने की उम्मीद
वहीं मार्च के महीने में फिर से लॉटरी के जरिये दुकानों का आवंटन होता है. पुरानी दुकानों को मार्च के महीने में ही कोटा खत्म करना होता है, उसके बाद स्टॉक दिया जाता है. मार्च के आखिरी दिनों में ही लॉकडाउन हो गया, लिहाजा नया माल नहीं आ पाया, जिसके चलते भी बिक्री पर असर पड़ा. हालांकि जिला आबकारी अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद का कहना है कि दो एक दिन बाद जब माल आ जायेगा तो सेल बढ़ेगी.

इसे भी पढ़ें- COVID-19: UP में कोरोना के 51 नए मामले आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 2696

बाराबंकी: लॉकडाउन के बाद पहली बार सोमवार को शराब की दुकानें खोल दी गईं. शराब खरीदने के लिए दुकानों पर सुबह से भीड़ लग गई. ऐसा लगा कि और दिनों की अपेक्षा बिक्री का रिकार्ड टूट जाएगा, लेकिन अधिकारी हैरान हैं कि आम दिनों की अपेक्षा अंग्रेजी शराब की 50 फीसदी भी बिक्री नहीं हुई. देसी शराब और बियर का तो और भी बुरा हाल रहा.

जिले में शराब की कुल 396 दुकानें हैं, जिनमें 229 देसी, 87 अंग्रेजी, 72 बीयर की दुकानें और आठ मॉडल शॉप हैं. आम दिनों में इन दुकानों से आबकारी विभाग को रोजाना एक करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट होता था. सुबह जब दुकानें खुलीं तो लगा कि बिक्री का रिकार्ड टूट जाएगा, लेकिन शाम होते-होते ग्राहक आने कम हो गए. हालात ये रहे कि आम दिनों की अपेक्षा आधी भी बिक्री नहीं हो सकी.

कम बिक्री के पीछे कारण
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर दुकानें बंद हैं. छोटे कर्मचारी या मजदूर तबके के लोग जो रिक्शे या ऑटो रिक्शे चलाते हैं या छोटी-छोटी दुकानों पर काम करते हैं उनके पास पैसे नहीं हैं, ऐसे में देसी शराब की बिक्री नहीं हो रही है. अंग्रेजी शराब भी बड़े लोग ही खरीद रहे हैं. इन सब के बावजूद ज्यादातर लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं. कोरोना को लेकर दहशत है. दूसरे ये कि लोगों के पास आर्थिक तंगी है.

नया स्टॉक आने के बाद बिक्री बढ़ने की उम्मीद
वहीं मार्च के महीने में फिर से लॉटरी के जरिये दुकानों का आवंटन होता है. पुरानी दुकानों को मार्च के महीने में ही कोटा खत्म करना होता है, उसके बाद स्टॉक दिया जाता है. मार्च के आखिरी दिनों में ही लॉकडाउन हो गया, लिहाजा नया माल नहीं आ पाया, जिसके चलते भी बिक्री पर असर पड़ा. हालांकि जिला आबकारी अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद का कहना है कि दो एक दिन बाद जब माल आ जायेगा तो सेल बढ़ेगी.

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