बाराबंकी: कार्बनडाई ऑक्साइड कम कर ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए वन विभाग जल्द ही जिले की 24 झीलों और करीब 200 तालाबों को जैव विविधता के रूप में विकसित करने जा रहा है. नमामि गंगे योजना के तहत तकरीबन 9 करोड़ रुपये खर्च कर इन झीलों और तालाबों को इको टूरिज्म पार्क बनाया जाएगा. इससे न केवल पर्यावरण और जल का संरक्षण होगा, बल्कि तमाम लोगों को रोजगार भी मिलेगा. वन विभाग ने एक वृहद कार्य योजना बनाकर परियोजना निदेशक नमामि गंगे को भेजी है.
जिले में छोटे-बड़े 2631 जलस्रोत हैं. ये राजस्व अभिलेखों में जलमग्न या तालाब दर्ज हैं. इनमें 199 ऐसे तालाब हैं, जिनके क्षेत्रफल करीब ढाई हेक्टेयर से ऊपर के हैं. ये भी राजस्व अभिलेखों में जलमग्न तालाब के रूप में दर्ज हैं. इन 199 तालाबों के पुनरुद्धार के लिए वन विभाग ने कार्ययोजना बनाकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजी है. इसके अलावा जिले की 13 झीलों के भी पुनरुद्धार करने की योजना बनाई गई है. पुनरुद्धार होने वाली झीलों में भगहर झील, बेना टीकहार, सलारपुर, बनगवां, उदवतनगर, खुर्दमऊ, कमरावां, सरायबराई, सराही, भिटारी, चकौरा, नरौली निरहूमऊ, बमहौरा शामिल हैं.
यहां आकर अध्ययन कर सकेंगे लोग
सुंदरीकरण के लिए विभाग इन झीलों और तालाबों से पहले इसकी तलहटी को साफ कराएगा. चेक डैम बनाए जाएंगे, हार्वेस्टिंग के जरिए बरसात का पानी इनमें लाया जाएगा. इनके चारों ओर ग्रीन बेल्ट बनाई जाएगी. पक्षियों के विचरण के लिए विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे लगाए जाएंगे. इनके चारों ओर ग्रीन कॉरिडोर बनेगा जिसके जरिए लोग यहां आकर न केवल सुकून महसूस कर सकें, बल्कि अध्धयन भी कर सकें. इन झीलों और तालाबों को इको पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि पर्यटन को भी बढ़ावा मिले. जलीय जीवों और पक्षियों का संरक्षण कर इन्हें आकर्षक बनाया जाएगा.
लोगों को रोजगार भी मिलेगा
जैव विविधता पार्क के विकसित हो जाने पर यहां लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इनके आसपास के ग्रामीणों को ईको गाइड के रूप में चयन कर उन्हें यहां तैनात किया जाएगा जो यहां पशु-पक्षियों और जलीय जीवों की देख-रेख के साथ यहां आने वाले पर्यटकों को इनकी विस्तृत जानकारी भी देंगे. इसके अलावा इसके पानी से किसान अपनी फसलों की सिंचाई कर अपनी आय भी बढ़ा सकेंगे.
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करीब-करीब हर ब्लॉक के बड़े तालाबों और झीलों का चयन किया गया है. इनको इको पार्क के रूप में विकसित कर पर्यावरण और जल संरक्षण को बढ़ाया जाएगा, इससे जिले के ऑक्सीजन का लेवल भी बढ़ेगा.
-डॉ. एनके सिंह, डीएफओ