बाराबंकी: कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से व्यवसायी वर्ग के लोगों का भी काफी नुकसान हो रहा है. वहीं जनपद में मजदूर गर्मी के दिनों में कूलर के घास बेचकर अपने परिवार का रोजी-रोटी चलाता था. लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन के कारण उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है.
मजदूरों के सामने आई रोजी-रोटी की समस्या
गर्मी का सीजन आते ही लोग कूलर खरीदना शुरू कर देते हैं. नगर के हजारा बाग, लखपेड़ाबाग और पल्हरी तिराहे के समीप रहने वाले तमाम मजदूरों को इस सीजन में अच्छी खासी कमाई हो जाती थी. घास बेचकर या कूलर में लगाकर मजदूर इतनी कमाई कर लेते थे कि पूरे साल भर का इनका खर्चा निकल जाता था.
ये मजदूर गली मोहल्लों में फेरी लगाकर घास बेचने का काम किया करते थे. कुछ मजदूर बेगमगंज और जीआईसी के पास घास रखकर बेचते थे, लेकिन इस बार इनको कोई नहीं पूछ रहा. लॉकडाउन के चलते ये लोग फेरी नहीं लगा पा रहे हैं. इसकी वजह से मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है.
परिवार का गुजारा कैसे होगा इस बात को लेकर समस्या हो गई है. ऐसा नहीं है कि लोगों ने कूलर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है. आर्थिक तंगी के कारण लोग कूलर में घास लगवाने की अपेक्षा रोजमर्रा की चीजें खरीदना जरूरी समझ रहे हैं.