बाराबंकीः आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के मद्देनजर कायस्थ समाज ने फिर से राजनीति में हिस्सेदारी की मांग उठाई है. समाज का कहना है कि प्रदेश में कायस्थों की आबादी करीब डेढ़ करोड़ है. बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कायस्थ समाज को हिस्सेदारी नहीं दी थी. इसे लेकर ही समाज की ओर से 18 दिसम्बर को कायस्थ समाज महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.
सम्मेलन के आयोजक और गोरखपुर शहर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके दिनेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कायस्थों को हमेशा वोट लेकर छला गया है. सूबे में तकरीबन डेढ़ करोड़ कायस्थ हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश में सरकार चलाने वाली बीजेपी ने एक भी कायस्थ को बीते चुनाव में प्रत्याशी नही बनाया. विधान परिषद हो या मेयर या फिर जिला पंचायत चुनाव, कहीं भी कायस्थ को जगह नही दी गई. तकरीबन 55 सीटों पर कायस्थ हार-जीत तय करते हैं. सभी राजनीतिक दलों ने वोट लेकर छलने का काम किया है. अब कायस्थ समाज जाग चुका है, वो अपनी हिस्सेदारी लेकर रहेगा.
उन्होंने कहा कि आगामी 18 दिसंबर को कायस्थ समाज के लोगों का महासम्मेलन होगा, जिसमें समाज के लोग भाग लेंगे. अगर भाजपा ने हिस्सेदारी नही दी तो वे विरोध में वोट करेंगे.
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर अब तक इस देश की संस्कृति को समृद्ध करने में कायस्थों का बड़ा योगदान रहा है. राजनीति में अब वे हाशिये पर आ गए हैं. कायस्थ समाज ने कभी वोटर के तौर पर अपने संगठन का प्रदर्शन नही किया. लगातार उपेक्षा के कारण अब समाज चुप नहीं बैठने वाला है.
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