बाराबंकीः जिले में तहसील दिवस के दौरान एक कानूनगो के निजी मुंशी ने खुद को आग लगा ली थी. मामले में मंगलवार को जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की. कानूनगो को निजी मुंशी रखने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए प्रशासन ने कानूनगो पर कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया है.
हैदरगढ़ तहसील में 21 जनवरी को तहसील दिवस के दौरान सभागार के बाहर एक कानूनगो वीरेंद्र सिंह के निजी मुंशी सुरजीत सिंह उर्फ डींगा सिंह ने किसी ज्वलनशील पदार्थ को अपने ऊपर डालकर आग लगा ली थी. उसकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि तहसीलदार की प्रताड़ना के चलते उसने यह कदम उठाया. आग से झुलसे सुरजीत का लखनऊ के अस्पताल में इलाज चल रहा है.
दरअसल सुरजीत ने हैदरगढ़ ब्लॉक के प्रमुख प्रतिनिधि को फोन कर एक बैनामा की बाबत पूछा था, जिससे नाराज होकर ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि ने तहसीलदार से शिकायत कर दी थी. आरोप है कि तहसीलदार ने उसको डांटते हुए कहा था कि तहसील में दिखाई दिए तो उस पर मुकदमा लिखा देंगे. शनिवार 21 जनवरी को जब वो तहसील में आया तो तहसीलदार ने उसे फिर धमकी दी, जिससे परेशान होकर उसने खुद को आग लगा ली थी. ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि ने मुंशी सुरजीत सिंह पर पैसे मांगने और अभद्रता करने का आरोप लगाकर तहसीलदार से शिकायत की थी.
फिलहाल इस मामले में प्रशासन द्वारा जांच की जा रही है. इसी मामले में सोमवार को कानूनगो वीरेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया गया. एडीएम प्रशासन राकेश सिंह ने बताया कि किसी भी कानूनगो को निजी मुंशी रखने का कोई नियम नहीं है. बावजूद इसके कानूनगो ने निजी मुंशी सुरजीत को रखा हुआ था. उसके द्वारा सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किया गया है. लिहाजा कानूनगो वीरेंद्र सिंह को निलंबित किया गया है.