बाराबंकी: जिले में घाटे से उबारने के लिए अब अन्नदाताओं को औद्यानिक खेती के गुर सिखाए जा रहे हैं. नई-नई तकनीकें इस्तेमाल कर किसान कैसे इसे लाभकारी बना सकते हैं इसको लेकर जिले के उद्यान विभाग के कृषि वैज्ञानिक किसानों को तमाम तकनीकों से रूबरू करा रहे हैं. ब्लॉकवार किसान गोष्ठियों का आयोजन कर विभाग सीरियल क्राप्स की बजाय फूलों और सब्जियों की फसलों के पैदावार को बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है.
इसे भी पढ़ें- मऊ: दो दिवसीय कृषक औद्यानिक गोष्ठी और मेले का आयोजन
उद्यान विभाग ने ब्लॉकवार किसान गोष्ठियों का किया आयोजन
- पिछले कई वर्षों से खेती को लेकर परेशान अन्नदाताओं की आय बढाने के लिए अब उन्हें औद्यानिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
- शासन के निर्देश पर उद्यान विभाग ब्लॉकवार गोष्ठियां कर किसानों को जागरूक कर रहा है.
- कृषि वैज्ञानिक किसानों को नई-नई तकनीकों से रूबरू करा रहे हैं.
- शनिवार को हरख विकासखण्ड में दो दिवसीय वर्कशाप की शुरुआत हुई.
- विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के स्टाल लगाकर किसानों को उनसे अवगत कराया गया.
- विभाग के अधिकारी मानते हैं कि किसान और वैज्ञानिकों के समागम से तमाम नई जानकारियां निकलकर सामने आती है.
- उद्यान अधिकारी के मुताबिक पीएम मोदी की मंशा है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय हर हाल में दो गुनी हो जाय.
निश्चय ही वर्तमान हालात में औद्यानिक खेती मुनाफे का सौदा है. कम समय और कम लागत मे अच्छी पैदावार कर किसान इससे खासा लाभ ले रहे हैं. जिले में केला, स्ट्राबेरी, खरबूजा, तरबूज, टमाटर, आलू और तमाम प्रकार के फूलों की खेती कर किसान मालामाल हो रहे हैं.
ऐसे आयोजन लाभकारी हैं. इससे खेती में दिनों दिन हो रहे नित नए प्रयोगों की जानकारी तो होती ही है. साथ ही फसल की पैदावार के बाद उनके प्रबंधन की भी जानकारी होती है.
- राजेश पटेल, प्रगतिशील किसान