बाराबंकी: तकरीबन चार माह पहले सभी थानों को स्वावलंबी बनाने व आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से तैयार की गई बाराबंकी एसपी की मधुमक्खी पालन की अनोखी पहल अब परवान चढ़ने लगी है. महीने भर पहले जिले के सभी थानों में रखवाए गए मधुमक्खी के बक्सों से शहद निकलना शुरू हो गया है. रविवार (29 नवंबर) को एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने मोहम्मदपुर चौकी से शहद निकालने की शुरुआत की. अब जल्द ही सभी थानों और पुलिस चौकियों पर हनी डिस्पेंसर लगाए जाएंगे, जो जवानों के लिए इम्युनिटी बूस्टर का काम करेंगे.
थानों और चौकियों पर लगेंगे हनी डिस्पेंसर
बाराबंकी में सभी थानों और चौकियों से तैयार होने वाले शहद को पुलिस परिवारों को सस्ते दर पर बेचा जाएगा. इसके अलावा बाकी शहद और उससे तैयार उत्पादों को निमित सिंह की फर्म को निर्धारित दर पर बेच दिया जाएगा. उससे मिलने वाली धनराशि को थानों और चौकियों के जीर्णोद्धार तथा पुलिस कल्याण पर खर्च किया जाएगा.
जानिए, कौन हैं निमित सिंह ?
गोरखपुर के रहने वाले निमित सिंह (29 वर्ष) ने साल 2014 में अन्ना मलाई यूनिवर्सिटी से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली थी. लेकिन, वे नौकरी की बजाय लीक से अलग हटकर कुछ नया करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने हनी बी फार्मिंग का मन बनाया. इस कार्य में निमित के पिता लखनऊ के मशहूर शल्य चिकित्सक डॉ. केएन सिंह ने बेटे के आत्मविश्वास को देखकर उनका हौसला बढ़ाया. उसके बाद निमित ने अपने एक दोस्त राजीव मिश्रा के साथ मिलकर 'रॉयल हनी एंड बी फार्मिंग' नामक एक सोसाइटी बनाई.
निमित का काम देख प्रभावित हुए एसपी
निमित सिंह के कार्य से प्रभावित होकर एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने जिले के सभी थाने और चौकियों में मधुमक्खी पालन का फैसला लिया. एसपी का मानना है कि इससे न केवल थाने स्वावलंबी होंगे बल्कि थाने में रहने वाले स्टाफ को शुद्ध शहद मिलेगा. साथ ही इसकी अर्निंग से एक फंड भी तैयार होगा, जो थाने के मेंटिनेंस के काम आएगा.
क्या थी योजना
एसपी ने रोजगार न होने से गलत धंधों में लिप्त लोगों को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की सोची. मधुमक्खी वाला निमित से मुलाकात के बाद उन्होंने सभी थानों पर मधुमक्खी के बक्से रखवाने की योजना तैयार की. ढाई महीने पहले मधुमक्खी पालन के लिए सभी थानों और चौकियों पर तैनात चार-चार चौकीदारों को बाकायदा प्रशिक्षित किया गया था. बीती 5 नवंबर को दस-दस बॉक्स चौकीदारों को देकर थानों को रवाना किया गया था. करीब महीने भर बाद इन बक्सों में शहद आ गया और रविवार को इनके निकालने की शुरुआत हुई.
शहद के 8 फ्लेवर तैयार करने में माहिर निमित
निमित सिंह नीम, सरसों, अजवाइन, जामुन, यूकेलिप्टस, आम, लीची और फूलगोभी फ्लेवर के शहद तैयार करते हैं. यही नहीं शहद निकालने के बाद बचे मोम के भी प्रोडक्ट्स तैयार करते हैं. जैसे- बी वैक्स क्रीम, बी वैक्स सोप और बी वैक्स कैंडल. निमित की कंपनी प्रगतिशील किसानों और इस क्षेत्र में कदम रखने वाले युवाओं को एक हफ्ते की विशेष ट्रेनिंग भी देती है. साथ ही इच्छुक लोगों की मांग पर सस्ते दर पर मधुमक्खी के डब्बे भी लगाती है. जल्द ही लखनऊ की तर्ज पर जिले की फतेहपुर तहसील के बिशुनपुर में इनकी फैक्ट्री शुरू हो रही है, जहां फिलहाल निर्माण कार्य चल रहा है.
तराई का एक गांव लिया गोद
रामनगर के तराई स्थित गांव चैनपुरवा जहां 80 घर हैं, यहां के 3 घरों को छोड़कर हर घर में अवैध देसी शराब बनाने का काम होता था. यही गांव वासियों का रोजगार बन चुका था. पुलिस कप्तान की पहल पर निमित ने यहां के लोगों का कायाकल्प करने की ठानी और उन्हें मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया. अब गांव के लोग शहद तैयार होने के बाद निकलने वाले मोम से मोमबत्तियां बना रहे हैं. गांव की महिलाओं के हाथों से तैयार मोम के दिये दिवाली में घरों को रोशन करते हैं.
निमित सिंह से मुलाकात के बाद मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की योजना बनाई. निमित से जिले के सभी 23 थानों में मधुमक्खी बॉक्स लगाने की उपयुक्तता और वातावरण जानने के लिए सर्वे करने को कहा, ताकि उन थानों में मधुमक्खी बॉक्स लगाए जा सकें. यही नहीं पुलिस लाइन ग्राउंड में 10 बॉक्स रखवाने का फैसला किया है. सर्वे के बाद चौकीदारों को प्रशिक्षित किया गया था, अब इनकी ये पहल फलने फूलने लगी है.
-डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, एसपी