बाराबंकी: सालों से सड़कों के किनारे बनी झोपड़ियों या खुले आकाश के नीचे रहने वाले गरीबों को सरकार ने जल्द ही छत मुहैया करवाने की तैयारी कर ली है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 4293 गरीबों का चयन किया गया है. जिला नगरीय विकास अभिकरण इन चयनित लोगों की जमीन के साथ टैगिंग करने में जुटा है. जिओ टैगिंग होने के बाद इन्हें 50 हजार रुपये की पहली किस्त दे दी जाएगी.
शासन को भेजी गई डिटेल रिपोर्ट
जिले की 13 निकायों और नगर पालिका क्षेत्र से आये आवेदनों में 4293 लोगों का चयन किया गया है. सबसे अधिक लोग फतेहपुर से चयनित हुए हैं, तो सबसे कम बंकी नगर पंचायत से चयनित किए गए हैं. लोगों के चयन के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी, जिसे मंजूरी मिल गई है. जिओ टैगिंग होने के बाद प्रथम किस्त लाभार्थियों के खातों में भेज दी जाएगी. फाउंडेशन कम्प्लीट होने के बाद फिर से जिओ टैगिंग कराई जाएगी और उसके बाद लाभार्थियों को डेढ़ लाख रुपये की दूसरी क़िस्त दी जाएगी. लाभार्थियों को इन पैसों से छत तक निर्माण कराना होगा. बाद में इस निर्माण की जांच कर इन्हें 50 हजार रुपये की अंतिम किस्त दे दी जाएगी.
क्या है योजना का मकसद
25 जून 2015 को पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना का मकसद है कि देश के शहरी इलाकों में आर्थिक रूप से कमजोर, कम आय के लोग और मध्यम आय वर्ग के लोगों को उनका घर उपलब्ध कराना. केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2022 तक करीब 2 करोड़ पक्के मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
कब शुरू हुई योजना
ये योजना तीन चरणों में शुरू की गई थी. पहला चरण वर्ष 2015 से मार्च 2017 तक चलाया गया. दूसरा चरण अप्रैल 2017 से शुरू हुआ, जो मार्च 2019 तक चला और तीसरा चरण अप्रैल 2019 से शुरू किया गया है.
बाराबंकी में आवास
बाराबंकी में पिछले दोनों चरणों में 10,890 आवास बनाये जाने का लक्ष्य मिला था. इनका काम करीब-करीब पूरा होने वाला है. इस वर्ष 4293 आवास देने का लक्ष्य मिला है.
क्या है शर्त
इस योजना के तहत बनने वाले पक्के मकान 270 स्क्वायर फिट में बनाये जाने हैं. पारदर्शिता बनी रहे लिहाजा योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी राशि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है.