बाराबंकी: जिले के रामनगर थाना क्षेत्र में आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर दर्जन भर ग्रामीणों के खातों से हजारों रुपये निकल जाने का मामला सामने आया है. पीड़ित ग्रामीण मुकदमा लिखाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. नीलम नामक महिला जब खाते से पैसे निकालने पहुंची तो मामले की जानकारी हुई.
रामनगर थाना क्षेत्र के चांदामऊ गांव में बीती 29 सितम्बर को दिन में एक कार से चार लोग गांव आये और उन्होंने गांव की आशाबहु मुन्नीदेवी से मुलाकात की. आशाबहु मुन्नीदेवी ने गांव के लोगों में खबर भिजवाई कि जिनको आयुष्मान कार्ड बनवाना है, वे अपने-अपने आधार कार्ड लेकर पहुंचे. सूचना पर गांव के तमाम लोग मुन्नीदेवी के घर पहुंच गए. वहां पर मौजूद चारों आरोपियों के पास मशीनें थीं. चारों ने लोगों के आधार कार्ड के नम्बर लिए और मशीन में अंगूठा लगवाया. फिर कार्ड देने की बात कहकर इन लोगों को घर भेज दिया गया.
महिला के खाते से गायब हुए हजारों रुपये
नीलम एक महीने बाद 23 अक्टूबर को दीपावली के खर्च के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पैसे निकालने गई तो पता चला कि उसके खाते से 10 हजार रुपये निकल गए हैं. यह सुनते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. नीलम गांव आई और उसने यह खबर अन्य लोगों को बताई.
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मामले की जानकारी होने पर तमाम ग्रामीण बैंक पहुंच गए. ग्रामीणों ने अपने खातों को जांचा तो वह अवाक रह गए. उनके भी खातों से रुपये गायब मिले. किसी के खाते से 10 हजार तो किसी के खाते से 8 हजार रुपये निकाले गए थे. खास बात यह है कि सभी लोगों के खाते से एक ही तारीख को रुपये निकले थे, जिसमें ट्रांसफर टू एईपीएस लिखा है.
पुलिस कप्तान के दरबार में लगाई गुहार
खातों से रुपये गायब होने के बाद परेशान पीड़ित ग्रामीणों ने रामनगर थाने में गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई न हुई. जिसके बाद बुधवार को पीड़ितों ने पुलिस कप्तान के दरबार मे पहुंचकर अपनी गुहार लगाई. यहां से भी इन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला और एडिशनल एसपी आरएस गौतम द्वारा इन्हें सीएमओ कार्यालय भेज दिया गया.
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सीएमओ ने इनकी पीड़ा सुनी तो वे गम्भीर हो उठे और उन्होंने इसे क्रिमिनल ऑफेंस बताया. प्रथमदृष्टया आशाबहु की गलती मानते हुए उन्होंने उसे हटाने की बात कही, लेकिन पीड़ितों को यह कहकर पुलिस कार्यालय भेज दिया कि मामला पुलिस में दर्ज होना चाहिए.