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बाराबंकी: पराली जलाने पर जिले के 35 से ज्यादा किसानों पर लगा जुर्माना

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में पराली जलाने पर 35 से ज्यादा किसानों पर जुर्माना किया गया है. वहीं दोबारा ऐसा करने पर संज्ञेय अपराध की धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा. पराली न जलाने के लिए सरकार गोष्ठियों के माध्यम से किसानों को जागरूक कर रही है.

पराली जलाने पर 35 किसानों पर लगा जुर्माना
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Published : Nov 15, 2019, 4:31 PM IST

बाराबंकी: जिले में पराली जलाने पर 35 से ज्यादा किसानों पर 2500 रुपये से लेकर 7500 रुपये का जुर्माना किया गया. दोबारा ऐसा करने पर संज्ञेय अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा. जिलेभर के किसानों को तमाम गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किया गया. प्रत्येक स्तर पर लोगों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में जानकारी दी गई.

इसके चलते फसल अवशेष को छोटा करके काटने की मशीन सब्सिडी रेट पर उपलब्ध है. जिले के 81 किसान इसका लाभ उठा रहे हैं. अन्य लोगों को भी इस तरह के उपकरण का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

पराली जलाने पर 35 किसानों पर लगा जुर्माना

हमें गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किया जाता है कि पराली जलाने पर जुर्माना पड़ता है और पराली जलाने से वायु प्रदूषित होता है साथ ही साथ खेत के लिए भी यह बहुत हानिकारक है. सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार हम पराली नहीं जलाते है.

- शिव प्रकाश, किसान

किसानों को गोष्ठियों के माध्यम से पराली जलाने के नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. इससे होने वाले वायु प्रदूषण और मृदा प्रदूषण की भी जानकारी उन्हें दी गई है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पराली जलाने की घटनाएं कम होने से हम थोड़ा संतोष कर सकते हैं. और जो भी पराली जलाता है तो उसके खिलाफ जुर्माना किया भी गया है. यदि लोग जानबूझकर इस प्रकार से करेंगे लगातार करेंगे तो उनके खिलाफ संज्ञेय अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.
अनिल कुमार सागर, कृषि उपनिदेशक

बाराबंकी: जिले में पराली जलाने पर 35 से ज्यादा किसानों पर 2500 रुपये से लेकर 7500 रुपये का जुर्माना किया गया. दोबारा ऐसा करने पर संज्ञेय अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा. जिलेभर के किसानों को तमाम गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किया गया. प्रत्येक स्तर पर लोगों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में जानकारी दी गई.

इसके चलते फसल अवशेष को छोटा करके काटने की मशीन सब्सिडी रेट पर उपलब्ध है. जिले के 81 किसान इसका लाभ उठा रहे हैं. अन्य लोगों को भी इस तरह के उपकरण का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

पराली जलाने पर 35 किसानों पर लगा जुर्माना

हमें गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किया जाता है कि पराली जलाने पर जुर्माना पड़ता है और पराली जलाने से वायु प्रदूषित होता है साथ ही साथ खेत के लिए भी यह बहुत हानिकारक है. सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार हम पराली नहीं जलाते है.

- शिव प्रकाश, किसान

किसानों को गोष्ठियों के माध्यम से पराली जलाने के नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. इससे होने वाले वायु प्रदूषण और मृदा प्रदूषण की भी जानकारी उन्हें दी गई है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पराली जलाने की घटनाएं कम होने से हम थोड़ा संतोष कर सकते हैं. और जो भी पराली जलाता है तो उसके खिलाफ जुर्माना किया भी गया है. यदि लोग जानबूझकर इस प्रकार से करेंगे लगातार करेंगे तो उनके खिलाफ संज्ञेय अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.
अनिल कुमार सागर, कृषि उपनिदेशक

Intro: बाराबंकी , 15 नवंबर। जिले में पराली जलाने पर 35 से ज्यादा किसानों पर ,2500 रुपए से लेकर साढे 7500 रुपए का किया गया जुर्माना. दोबारा ऐसा करने पर मुकदमा और संज्ञेय अपराध में जेल भेजने की तैयारी. जिलेभर के किसानों को तमाम गोष्ठियों के माध्यम से दी गई थी जानकारी. पराली जलाने की घटनाएं ना हो इसके लिए लोगों को जागरूक किया गया था. प्रत्येक स्तर पर लोगों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में बताया गया था. इसके बाद भी यदि लोग नहीं बाज आ रहे हैं तो ,उन्हें जुर्माना किया जा रहा है. फसल अवशेष को छोटा करके काटने की मशीन सब्सिडी रेट पर उपलब्ध है. जिले के 81 किसान इसका लाभ उठा रहे हैं. अन्य लोगों को भी इस तरह के उपकरण का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.


Body:फसल अवशेष अर्थात पराली जलाने के जिस प्रकार से 35 से ज्यादा मामले जिले भर में आए हैं ,उससे यह साफ पता चलता है कि ,कुछ लोग जागरूकता करने के बाद भी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं .
इस संदर्भ में जब हमने किसानों से बात की तो हमसे बात करने वाले अधिकतर किसानों ने बताया कि ,उन्हें इसके बारे में जानकारी है ,और वह पराली नहीं जला रहे हैं .सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश की भी उन्हें जानकारी है. इससे साफ पता चल रहा है कि ,जानकारी के स्तर पर प्रक्रियाएं पूर्ण रूप से की गई है. सभी को इस बात की जानकारी है कि, पराली जलाने से नुकसान क्या है एवं खेती के लिए यह कितना हानिकारक है.

इस बाबत जब हमने जिले के कृषि उपनिदेशक अनिल कुमार सागर से बात की तो ,उन्होंने बताया कि किसानों को गोष्ठियों के माध्यम से पराली जलाने के नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है . इससे होने वाले वायु प्रदूषण और मृदा प्रदूषण की भी जानकारी उन्हें दी गई है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पराली जलाने की घटनाएं कम होने से हम थोड़ा संतोष कर सकते हैं. साथ ही साथ इस बार जिन लोगों ने पराली जलाने की घटनाएं की हैं ,उनके खिलाफ जुर्माना भी किया गया है और यदि लोग जानबूझकर इस प्रकार से करेंगे ,और लगातार करेंगे तो उनके खिलाफ संज्ञेय अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.



Conclusion: कुल मिलाकर एक बात तो साफ है कि ,जिस प्रकार से किसानों ने हमें बताया उससे यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि, फसल अवशेष जलाने पर होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को अच्छी जानकारी है. लेकिन जो लोग जानबूझकर इस प्रकार की घटनाएं कर रहे हैं वास्तव में दुखद है . इससे न केवल वायु प्रदूषण होता है बल्कि मिट्टी में तमाम प्रकार के जो अच्छी चीजें होती है, पराली जलाने के कारण वह नष्ट हो जाती हैं. यदि इसे खेत में ही सड़ा दिया जाए या कहीं एकत्रित करके सड़ा दिया जाए तो, यह जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है.


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1- शिव प्रकाश , किसान, पल्हरी गांव , बाराबंकी

2- राम सिंह, किसान, रामसनेहीघाट, बाराबंकी

3- तुलसीराम , किसान ,मोहद्दीपुर, , बाराबंकी

4- अनिल कुमार सागर, कृषि उपनिदेशक ,बाराबंकी


रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907
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