बाराबंकी: शिक्षा विभाग ने दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने के लिए पहल की है. विभाग 6 से 14 वर्ष के दिव्यांग बच्चों को स्कूल जाने के लिए विशेष उपकरण देने जा रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग मेजरमेंट कैम्प लगाकर ऐसे बच्चों का शारीरिक परीक्षण करवा रहा है. एलिम्को के डॉक्टरों की विशेष टीम इन बच्चों का परीक्षण कर रही है.
दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा में लाने की मंशा
शासन का मानना है कि सामान्य बच्चों की तरह दिव्यांग बच्चों को भी शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए उन्हें सारी सुविधाएं दी जाएं. हर बच्चे को स्कूल तक लाने के लिए उसकी बेसिक नीड पूरी होनी जरूरी है. दिव्यांग बच्चे बिना उपकरण के नहीं पढ़ सकते लिहाजा उन्हें उपकरण उपलब्ध कराने के लिए मेजरमेंट कैम्प लगाए जा रहे हैं.
विशेष बच्चों का हुआ शारीरिक परीक्षण
कानपुर एलिम्को की टीम के ऑडियोलॉजिस्ट मनोज कुमार और प्रोस्थेटिक्स व अर्थोडिस्क अनिल नायक ने परीक्षण कर बच्चों के लिए उपकरण रिकमेंड किए. इन बच्चों को 12 मार्च तक उपकरण दिए जाएंगे. जिसमें चलने फिरने से मजबूर बच्चों को ट्राई साइकिल, व्हील चेयर और छड़ी दी जाएगी. वहीं देखने और सुनने से मजबूर बच्चों को ब्रेल किट, एमआर किट और हियरिंग मशीन दी जाएगी.
उपकरण के लिए 350 बच्चे हुए चयनित
नगरपालिका के पास स्थित नगर संसाधन केंद्र पर आयोजित इस मेजरमेंट कैम्प में नवाबगंज, फतेहपुर, सिरौलीगौसपुर, रामनगर और रामसनेहीघाट तहसीलों के 350 बच्चों का परीक्षण किया गया. जबकि दूसरे कैम्प का आयोजन शनिवार को बीआरसी हरख पर किया जाएगा.
गरीब मां-बाप को मिला सहारा
दिव्यांगता और गरीबी के चलते तमाम मां बाप अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान थे. ऐसे में अब उन्हें उम्मीद है कि उपकरण मिल जाने से उनके भी बच्चे पढ़ जाएंगे. निश्चय ही शिक्षा विभाग की यह पहल सराहनीय है, क्योंकि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को बिना सुविधाएं दिए उन्हें सामान्य बच्चों की तरह मुख्यधारा में नहीं लाया जा सकता.