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मुख्तार के एंबुलेंस केस में डॉ. अलका राय समेत दो गिरफ्तार - मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामला

डॉ. अलका राय गिरफ्तार
डॉ. अलका राय गिरफ्तार
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Published : Apr 20, 2021, 9:06 AM IST

Updated : Apr 20, 2021, 3:34 PM IST

08:48 April 20

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. मुख्तार को जिस एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था, उस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है. पुलिस ने अस्पताल संचालिका डॉ. अलका राय और शेषनाथ राय को गिरफ्तार कर लिया है.

डॉक्टर अलका राय गिरफ्तार

बाराबंकी: बाहुबली मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस केस में आज बड़ी कार्रवाई हुई है. बाराबंकी पुलिस ने डॉ. अलका राय और शेषनाथ राय को गिरफ्तार किया है. बता दें कि अलका राय, मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका हैं. 

इसे भी पढ़ें :  मुख्तार एंबुलेंस प्रकरण : बाराबंकी पुलिस ने डॉ. अलका राय से की पूछताछ

दरअसल, जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था, तब उसे मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था. मुख्तार यूपी के बाराबंकी की नंबर प्लेट लगी एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट पहुंचा था. इसके बाद जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि इस एंबुलेंस का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराया गया है. जिसके बाद बाराबंकी की नगर कोतवाली में इसे लेकर केस दर्ज किया गया था. जिसमें पुलिस ने मुख्तार अंसारी को भी साजिश और जालसाजी का आरोपी बनाया है. 

विवेचना के आधार पर बढ़ाये गए नाम
इस मामले में बाराबंकी पुलिस की जांच के दौरान मऊ की डॉ. अलका राय उनके सहयोगी डॉ. शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद, राजनाथ यादव समेत कुछ अन्य लोगों के नाम सामने आये. इन लोगों पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर एंबुलेंस को खरीदने का आरोप है. इसके साथ ही अवैध पंजीयन के बावजूद अपने कब्जे में रखकर एंबुलेंस का संचालन किया. इस मामले में विवेचना के आधार पर धारा 120 बी, 506, 177 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट की बढ़ोतरी की गई थी.

एक आरोपी किया गया था गिरफ्तार
मामले में बाराबंकी पुलिस ने राजनाथ यादव को पहले ही गिरफ्तार कर 6 अप्रैल को अदालत में पेश किया था. जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. बाद में राजनाथ की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. जमानत का कोई आधार न होने पर अदालत ने जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया. उसके बाद पुलिस ने आरोपी राजनाथ को रिमांड पर लेकर उससे एंबुलेंस को लेकर पूछताछ की. शनिवार को नगर कोतवाली पुलिस उसे लेकर एआरटीओ कार्यालय पहुंची थी.

स्थानीय कनेक्शन तलाश रही पुलिस
पुलिस इस मामले में स्थानीय कनेक्शन को तलाश रही है, जिसने एंबुलेंस पंजीकरण कराने में भूमिका निभाई. पुलिस ऐसे सभी लोगों सें पूछताछ कर रही है. मुख्तार अंसारी के संपर्क में रहने वालों पर भी पुलिस नजर रख रही है. पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने बताया कि मामले की जांच अभी की जा रही है. इसमें और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

दर्ज हो सकता है एक और मुकदमा
मुख्तार के एंबुलेंस का फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले में एसआईटी डॉ. एसएन राय और डॉ. अलका राय के बयान के आधार पर मुख्तार अंसारी पर एक और मुकदमा दर्ज कर सकती है. हालांकि, बाराबंकी में दर्ज मुकदमे में मुख्तार को साजिश रचने और जालसाजी का आरोपी बनाया है. विवेचना में अब मुख्तार की भूमिका की जांच की जा रही है. एसआईटी के अफसरों का कहना है कि यह जांच की जा रही है कि क्या एंबुलेंस विधायक निधि खरीदी गई थी. अगर जांच में ये सच पाया गया तो जल्द एक और मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

08:48 April 20

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. मुख्तार को जिस एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था, उस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है. पुलिस ने अस्पताल संचालिका डॉ. अलका राय और शेषनाथ राय को गिरफ्तार कर लिया है.

डॉक्टर अलका राय गिरफ्तार

बाराबंकी: बाहुबली मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस केस में आज बड़ी कार्रवाई हुई है. बाराबंकी पुलिस ने डॉ. अलका राय और शेषनाथ राय को गिरफ्तार किया है. बता दें कि अलका राय, मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका हैं. 

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दरअसल, जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था, तब उसे मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था. मुख्तार यूपी के बाराबंकी की नंबर प्लेट लगी एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट पहुंचा था. इसके बाद जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि इस एंबुलेंस का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराया गया है. जिसके बाद बाराबंकी की नगर कोतवाली में इसे लेकर केस दर्ज किया गया था. जिसमें पुलिस ने मुख्तार अंसारी को भी साजिश और जालसाजी का आरोपी बनाया है. 

विवेचना के आधार पर बढ़ाये गए नाम
इस मामले में बाराबंकी पुलिस की जांच के दौरान मऊ की डॉ. अलका राय उनके सहयोगी डॉ. शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद, राजनाथ यादव समेत कुछ अन्य लोगों के नाम सामने आये. इन लोगों पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर एंबुलेंस को खरीदने का आरोप है. इसके साथ ही अवैध पंजीयन के बावजूद अपने कब्जे में रखकर एंबुलेंस का संचालन किया. इस मामले में विवेचना के आधार पर धारा 120 बी, 506, 177 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट की बढ़ोतरी की गई थी.

एक आरोपी किया गया था गिरफ्तार
मामले में बाराबंकी पुलिस ने राजनाथ यादव को पहले ही गिरफ्तार कर 6 अप्रैल को अदालत में पेश किया था. जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. बाद में राजनाथ की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. जमानत का कोई आधार न होने पर अदालत ने जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया. उसके बाद पुलिस ने आरोपी राजनाथ को रिमांड पर लेकर उससे एंबुलेंस को लेकर पूछताछ की. शनिवार को नगर कोतवाली पुलिस उसे लेकर एआरटीओ कार्यालय पहुंची थी.

स्थानीय कनेक्शन तलाश रही पुलिस
पुलिस इस मामले में स्थानीय कनेक्शन को तलाश रही है, जिसने एंबुलेंस पंजीकरण कराने में भूमिका निभाई. पुलिस ऐसे सभी लोगों सें पूछताछ कर रही है. मुख्तार अंसारी के संपर्क में रहने वालों पर भी पुलिस नजर रख रही है. पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने बताया कि मामले की जांच अभी की जा रही है. इसमें और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

दर्ज हो सकता है एक और मुकदमा
मुख्तार के एंबुलेंस का फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले में एसआईटी डॉ. एसएन राय और डॉ. अलका राय के बयान के आधार पर मुख्तार अंसारी पर एक और मुकदमा दर्ज कर सकती है. हालांकि, बाराबंकी में दर्ज मुकदमे में मुख्तार को साजिश रचने और जालसाजी का आरोपी बनाया है. विवेचना में अब मुख्तार की भूमिका की जांच की जा रही है. एसआईटी के अफसरों का कहना है कि यह जांच की जा रही है कि क्या एंबुलेंस विधायक निधि खरीदी गई थी. अगर जांच में ये सच पाया गया तो जल्द एक और मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

Last Updated : Apr 20, 2021, 3:34 PM IST
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