बाराबंकी: महाशिवरात्रि के महापर्व पर बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर में लाखों भक्तों ने भगवान महादेव के 52 शिव लिंगों में से एक पौराणिक शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. इस महापर्व को देखते हुए प्रशासन ने कड़े इंतजाम कर रखे हैं, ताकि शिव भक्तों को किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाना पड़े. भगवान महादेव का यह मंदिर कलयुग में लोधेराम अवस्थी को प्राप्त हुआ था, इसी वजह से इस प्राचीन पौराणिक शिवलिंग को लोधेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. यहां पर प्रतिवर्ष चार बार मेला लगता है. जिसमें से महाशिवरात्रि का यह महा मेला प्रमुख है.
महाशिवरात्रि के अवसर पर लोधेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का हुजूम देखने को मिला. कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ शिवलिंग स्वरूप में आज ही के दिन अवतरित हुए थे और इसी दिन भगवान का विवाह भी हुआ था, जिसके कारण महाशिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. भगवान भोलेनाथ को एक ऐसा देवता माना जाता है जो प्रसन्न हो जाएं तो किसी भी मनुष्य के लिए कोई भी चीज असंभव नहीं है. तीनों लोकों में भगवान भोलेनाथ के इस शिवलिंग स्वरूप का पूजन अर्चन किया जाता है.
भगवान लोधेश्वर महादेव की पूजा द्वापर युग में पांडवों ने की थी जब वह अपने अज्ञातवास पर थे. उसी समय उन्होंने यहां पर रह कर भगवान लोधेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करके महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त की थी और असत्य पर सत्य की जीत का पताका लहराया था इसलिए इस शिवलिंग का महत्व और भी बढ़ जाता है और यही कारण है कि पूरे भारत से यहां पर भक्तगण भगवान भोलेनाथ के चरणों में जलाभिषेक करने आते हैं.