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महाशिवरात्रि के महापर्व पर लाखों भक्तों ने किया लोधेश्वर महादेव का जलाभिषेक

भगवान महादेव का यह मंदिर कलयुग में लोधेराम अवस्थी को प्राप्त हुआ था. इसी वजह से इस प्राचीन पौराणिक शिवलिंग को लोधेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.

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Published : Mar 4, 2019, 6:47 PM IST

लाखों भक्तों ने किया लोधेश्वर महादेव का जलाभिषेक

बाराबंकी: महाशिवरात्रि के महापर्व पर बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर में लाखों भक्तों ने भगवान महादेव के 52 शिव लिंगों में से एक पौराणिक शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. इस महापर्व को देखते हुए प्रशासन ने कड़े इंतजाम कर रखे हैं, ताकि शिव भक्तों को किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाना पड़े. भगवान महादेव का यह मंदिर कलयुग में लोधेराम अवस्थी को प्राप्त हुआ था, इसी वजह से इस प्राचीन पौराणिक शिवलिंग को लोधेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. यहां पर प्रतिवर्ष चार बार मेला लगता है. जिसमें से महाशिवरात्रि का यह महा मेला प्रमुख है.

लाखों भक्तों ने किया लोधेश्वर महादेव का जलाभिषेक

महाशिवरात्रि के अवसर पर लोधेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का हुजूम देखने को मिला. कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ शिवलिंग स्वरूप में आज ही के दिन अवतरित हुए थे और इसी दिन भगवान का विवाह भी हुआ था, जिसके कारण महाशिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. भगवान भोलेनाथ को एक ऐसा देवता माना जाता है जो प्रसन्न हो जाएं तो किसी भी मनुष्य के लिए कोई भी चीज असंभव नहीं है. तीनों लोकों में भगवान भोलेनाथ के इस शिवलिंग स्वरूप का पूजन अर्चन किया जाता है.

भगवान लोधेश्वर महादेव की पूजा द्वापर युग में पांडवों ने की थी जब वह अपने अज्ञातवास पर थे. उसी समय उन्होंने यहां पर रह कर भगवान लोधेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करके महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त की थी और असत्य पर सत्य की जीत का पताका लहराया था इसलिए इस शिवलिंग का महत्व और भी बढ़ जाता है और यही कारण है कि पूरे भारत से यहां पर भक्तगण भगवान भोलेनाथ के चरणों में जलाभिषेक करने आते हैं.

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बाराबंकी: महाशिवरात्रि के महापर्व पर बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर में लाखों भक्तों ने भगवान महादेव के 52 शिव लिंगों में से एक पौराणिक शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. इस महापर्व को देखते हुए प्रशासन ने कड़े इंतजाम कर रखे हैं, ताकि शिव भक्तों को किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाना पड़े. भगवान महादेव का यह मंदिर कलयुग में लोधेराम अवस्थी को प्राप्त हुआ था, इसी वजह से इस प्राचीन पौराणिक शिवलिंग को लोधेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. यहां पर प्रतिवर्ष चार बार मेला लगता है. जिसमें से महाशिवरात्रि का यह महा मेला प्रमुख है.

लाखों भक्तों ने किया लोधेश्वर महादेव का जलाभिषेक

महाशिवरात्रि के अवसर पर लोधेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का हुजूम देखने को मिला. कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ शिवलिंग स्वरूप में आज ही के दिन अवतरित हुए थे और इसी दिन भगवान का विवाह भी हुआ था, जिसके कारण महाशिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. भगवान भोलेनाथ को एक ऐसा देवता माना जाता है जो प्रसन्न हो जाएं तो किसी भी मनुष्य के लिए कोई भी चीज असंभव नहीं है. तीनों लोकों में भगवान भोलेनाथ के इस शिवलिंग स्वरूप का पूजन अर्चन किया जाता है.

भगवान लोधेश्वर महादेव की पूजा द्वापर युग में पांडवों ने की थी जब वह अपने अज्ञातवास पर थे. उसी समय उन्होंने यहां पर रह कर भगवान लोधेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करके महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त की थी और असत्य पर सत्य की जीत का पताका लहराया था इसलिए इस शिवलिंग का महत्व और भी बढ़ जाता है और यही कारण है कि पूरे भारत से यहां पर भक्तगण भगवान भोलेनाथ के चरणों में जलाभिषेक करने आते हैं.

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Intro:बाराबंकी,04 मार्च। आज महाशिवरात्रि के महापर्व पर बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर में लाखों भक्तों ने भगवान महादेव के 52 शिव लिंगों में से एक पौराणिक शिवलिंग पर जलाभिषेक किया । इस महापर्व को देख प्रशासन ने कड़े इंतजाम कर रखे है ताकि शिव भक्तों को किसी भी प्रकार का जोखिम ना उठाना पड़े और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। भगवान महादेव का यह मंदिर कलयुग में लोधे राम अवस्थी को प्राप्त हुआ था इसी वजह से इस प्राचीन पौराणिक शिवलिंग को लोधेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है यहां पर प्रतिवर्ष चार बार मेला लगता है जिसमें से महाशिवरात्रि का यह महामेला प्रमुख है।



Body:महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तों का हुजूम देखने को मिला हर कोई अपने आराध्य देव भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने को आतुर दिखाई दिया कुछ भक्त तो ऐसे भी थे जो साष्टांग दंडवत होते हुए भगवान के शिवलिंग के निकट तक पहुंचे और उनके चरणों में अभिषेक कर पुण्य का लाभ प्राप्त किया।
कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ शिवलिंग स्वरूप में आज ही के दिन अवतरित हुए थे और इसी दिन भगवान का विवाह भी हुआ था जिसके कारण महाशिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है इस दिन भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं भगवान भोलेनाथ को एक ऐसा देवता माना जाता है जो पसंद हो जाए तो किसी भी मनुष्य के लिए कोई भी चीज असंभव नहीं है तीनों लोकों में भगवान भोलेनाथ के इस शिवलिंग स्वरूप का पूजन अर्चन किया जाता है।
मंदिर के पास में सरोवर में स्नान करके भक्त प्रभु के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं और कुछ भक्त भगवान शिव के शिवलिंग पर चढ़े जल को मंदिर के पीछे स्थित छोटे तालाब में पहुंचने वाले जल को अपने घर भी ले जाते हैं और कुछ लोग वहीं पर अपना मुंडन संस्कार भी कराते हैं।
प्रभु शिव शंभू का यह शिवलिंग सतयुग से है और हर युगों में भगवान भोलेनाथ ने अपने अनुयाई भक्तों का कल्याण किया है और इसी कारण यहां पर इतना बड़ा मेला भी लगता है ,



Conclusion: भारत श्रद्धा विश्वास और सांस्कृतिक मूल्य वाला देश है जहां पर लोग आस्था और विश्वास को सर्वाधिक महत्व देते हैं हमारे यहां प्रत्येक माह में त्यौहार और उत्सव होता है देवी देवता हमारे भारत में भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं और भगवान भोलेनाथ तो भारत में एक ऐसे देवता के रूप में जाने जाते हैं जो अपने भक्तों के ऊपर बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें मुंह मांगा वरदान भी दे देते हैं लेकिन यहां पर जो भक्त आते हैं वह भगवान से मुंह मांगा वरदान तो नहीं मांगते हां अपनी श्रद्धा उनके चरणों में जरूर व्यक्त कर देते हैं।
भगवान लोधेश्वर महादेव की पूजा द्वापर युग में पांडवों ने की थी जब वह अपने अज्ञातवास पर थे उसी समय उन्होंने यहां पर रह कर भगवान लोधेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करके महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त की थी, और असत्य पर सत्य की जीत का पताका लहराया था इसलिए इस शिवलिंग का महत्व और भी बढ़ जाता है और यही कारण है कि पूरे भारत से यहां पर भक्तगण भगवान भोलेनाथ के चरणों में जलाभिषेक करने आते हैं।
भगवान लोधेश्वर महादेव सभी का कल्याण करें यही उनसे प्रार्थना है कि कोई भी भक्त निराश ना हो वह देश और समाज के कल्याण में अपना बेहतर दे सके इसी प्रेरणा के साथ महाशिवरात्रि का यह पर्व सभी के लिए शुभ फलदाई हो।


bite-

1- आदित्य नाथ तिवारी पुजारी लोधेश्वर महादेव मंदिर
2- आर . एस. गौतम ( additional S.P. Barabanki )


रिपोर्ट - आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर ,त्रबाराबंकी
96284 76907
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