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बाराबंकी: डेढ़ हजार किसानों का गन्ना नहीं खरीदेगा विभाग, ये है वजह

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में नए नियम के मुताबिक मई-जून के महीने से ही किसानों को अपनी फसल संबंधी तमाम ब्यौरे का घोषणा पत्र विभाग को देना होता है. बार-बार चेतावनी के बाद भी करीब डेढ़ हजार किसानों ने घोषणा पत्र नहीं जमा किया है. ऐसे में अब किसानों का गन्ना इस बार विभाग नहीं खरीदेगा.

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Published : Dec 7, 2019, 9:27 PM IST

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डेढ़ हजार किसानों का गन्ना नहीं खरीदेगा विभाग.

बाराबंकी: बार-बार सूचना देने के बाद भी घोषणा पत्र न देने वाले तकरीबन डेढ़ हजार किसानों का गन्ना इस बार विभाग नहीं खरीदेगा. विभाग के इस फरमान से गन्ना किसानों में हड़कम्प मच गचा है. गन्ना हैदरगढ़ चीनी मिल और अयोध्या जिले में स्थित रौजागांव चीनी मिल पर बेचा जाता है. घोषणा पत्र न देने वाले किसानों में अकेले दरियाबाद समिति के ही 35 फीसदी किसान शामिल हैं.

डेढ़ हजार किसानों का गन्ना नहीं खरीदेगा विभाग.
क्यों देना होता है घोषणा पत्र
  • नए नियम के मुताबिक मई-जून के महीने से ही किसानों को अपनी फसल संबंधी तमाम ब्यौरे का घोषणा पत्र विभाग को देना होता है.
  • तमाम ब्यौरे के आधार पर सर्वे भी होता है और किसानों को सट्टा दिया जाता है.
  • तकरीबन 14 हजार किसान गन्ने की खेती करते हैं और 9 हजार 8 सौ हेक्टेयर गन्ने की खेती होती है.
  • पांच गन्ना समितियां हैदरगढ़, बाराबंकी, दरियाबाद, बुढ़वल और बड़ागांव हैं, जिनके अंतर्गत 52 गन्ना क्रय तौल केंद्र बनाये गए हैं.
  • किसानों द्वारा दिये गए घोषणा पत्रों के आधार पर विभाग गन्ने की तौल के लिए केंद और किसानों को पर्चियों की व्यवस्था करता है.
  • बार-बार चेतावनी के बाद भी करीब डेढ़ हजार किसानों ने घोषणा पत्र नहीं जमा किया.
  • गन्ना किसानों को घोषणा पत्र में अपना नाम, पिता का नाम ,विकासखंड और गांव का पूरा ब्यौरा देना होता है.
  • किसान को अपनी भूमि का रकबा और कितने खेतों एवं कितने रकबे में गन्ना बोया है, इसका पूरा डिटेल भरकर गन्ना विभाग में जमा करना होता है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: आर्थिक तंगी से हारा होमगार्ड, 6 महीने से वेतन न मिलने पर उठाया आत्महत्या का कदम

बाराबंकी: बार-बार सूचना देने के बाद भी घोषणा पत्र न देने वाले तकरीबन डेढ़ हजार किसानों का गन्ना इस बार विभाग नहीं खरीदेगा. विभाग के इस फरमान से गन्ना किसानों में हड़कम्प मच गचा है. गन्ना हैदरगढ़ चीनी मिल और अयोध्या जिले में स्थित रौजागांव चीनी मिल पर बेचा जाता है. घोषणा पत्र न देने वाले किसानों में अकेले दरियाबाद समिति के ही 35 फीसदी किसान शामिल हैं.

डेढ़ हजार किसानों का गन्ना नहीं खरीदेगा विभाग.
क्यों देना होता है घोषणा पत्र
  • नए नियम के मुताबिक मई-जून के महीने से ही किसानों को अपनी फसल संबंधी तमाम ब्यौरे का घोषणा पत्र विभाग को देना होता है.
  • तमाम ब्यौरे के आधार पर सर्वे भी होता है और किसानों को सट्टा दिया जाता है.
  • तकरीबन 14 हजार किसान गन्ने की खेती करते हैं और 9 हजार 8 सौ हेक्टेयर गन्ने की खेती होती है.
  • पांच गन्ना समितियां हैदरगढ़, बाराबंकी, दरियाबाद, बुढ़वल और बड़ागांव हैं, जिनके अंतर्गत 52 गन्ना क्रय तौल केंद्र बनाये गए हैं.
  • किसानों द्वारा दिये गए घोषणा पत्रों के आधार पर विभाग गन्ने की तौल के लिए केंद और किसानों को पर्चियों की व्यवस्था करता है.
  • बार-बार चेतावनी के बाद भी करीब डेढ़ हजार किसानों ने घोषणा पत्र नहीं जमा किया.
  • गन्ना किसानों को घोषणा पत्र में अपना नाम, पिता का नाम ,विकासखंड और गांव का पूरा ब्यौरा देना होता है.
  • किसान को अपनी भूमि का रकबा और कितने खेतों एवं कितने रकबे में गन्ना बोया है, इसका पूरा डिटेल भरकर गन्ना विभाग में जमा करना होता है.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: आर्थिक तंगी से हारा होमगार्ड, 6 महीने से वेतन न मिलने पर उठाया आत्महत्या का कदम

Intro:बाराबंकी ,06 दिसम्बर । बार-बार सूचना देने के बाद भी घोषणापत्र न देने वाले तकरीबन डेढ़ हजार किसानों का गन्ना इस बार विभाग नहीं खरीदेगा । विभाग के इस फरमान से गन्ना किसानों में हड़कम्प मचा है । जिले में पांच गन्ना समितियां हैदरगढ़, बाराबंकी, दरियाबाद, बुढ़वल और बड़ागांव हैं । जिनके अंतर्गत 52 गन्ना क्रय तौल केंद्र बनाये गए हैं । जिले का गन्ना हैदरगढ़ चीनी मिल और अयोध्या जिले में स्थित रौजागांव चीनी मिल पर बेचा जाता है । घोषणा पत्र न देने वाले किसानों में अकेले दरियाबाद समिति के ही 35 फीसदी किसान शामिल हैं ।


Body:वीओ- जिले में तकरीबन 14 हजार किसान गन्ने की खेती करते हैं । पूरे जिले में 9 हजार 8 सौ हेक्टेयर गन्ने की खेती होती है ।नए नियम के मुताबिक मई -जून के महीने से ही किसानों को अपनी फसल संबंधी तमाम ब्यौरे का घोषणा पत्र विभाग को देना होता है । उसी के आधार पर सर्वे भी होता है और किसानों को सट्टा दिया जाता है । किसानों द्वारा दिये गए घोषणापत्रों के आधार पर विभाग गन्ने की तौल के लिए केंद और किसानों को तौल के लिए दी जाने वाली पर्चियों की व्यवस्था करता है । हैरानी की बात तो ये कि बार-बार चेतावनी के बाद भी करीब डेढ़ हजार किसानों ने घोषणा पत्र नहीं जमा किया ।

क्या देना होता है घोषणा पत्र में

गन्ना किसानों को घोषणापत्र में अपना नाम, पिता का नाम ,विकासखंड और गांव का पूरा ब्यौरा देना होता है । इसके अलावा किसान को अपनी भूमि का रकबा और कितने खेतों और कितने रकबे में गन्ना बोया है इसका पूरा डिटेल भरकर विभाग में जमा करना होता है ।
बाईट- रत्नेश्वर त्रिपाठी , जिला गन्ना अधिकारी बाराबंकी


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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