बाराबंकी: जनपद के नगर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में लगभाग 12 वर्ष पूर्व पैसों के विवाद में एक युवक की हत्या उसके ही साथियों ने कर दी थी. हत्या करने के बाद आरोपियों ने साक्ष्य छिपाने के लिए शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था. परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कोर्ट में चार्ज सीट दाखिल की थी. बुधवार को बाराबंकी जिला अदालत ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में चौथे आरोपी की मौत हो गई थी.
अभियोजक अधिकारी रामजस सिंह ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि नगर कोतवाली के भीतरी पीरबटावन रौतन गढही निवासी वादी फैयाज पुत्र मदार बख़्श ने 12 अप्रैल 2012 को नगर कोतवाली में तहरीर दिया था. आरोप था कि उसके नब्बू (25) से किसी बात को लेकर ईदगाह के पीछे पीरबटावन के निवासी साथी सरवर, रफी अहमद, नूर आलम और अमित बाल्मीकि निवासी नई बस्ती नागेश्वर से पैसों को लेकर विवाद हुआ था. ये सभी कैटरिंग का काम करते थे. उसी बात को लेकर विवाद हुआ था. इस विवाद को लेकर सरवर, रफी अहमद,नूर आलम और अमित ने उसके पुत्र नब्बू से रंजिश रखते थे. इस रंजिश को लेकर सभी ने कसम खाई थी कि वह नब्बू की हत्या कर देंगे.
वादी के मुताबिक 2 अप्रैल 2012 को रात करीब 9 बजे अमित बाल्मीकि और सरवर उसके घर आए. उन लोगों ने नब्बू को बताया कि एक दोस्त के यहां शादी है. वहां चलकर काम करवा लिया जाए. इसके बाद नब्बू उन लोगों के साथ चला गया. इसके बाद योजना के मुताबिक सभी आरोपियों ने नब्बू को बिलाल की बिना शटर वाली दुकान के अंदर घसीट ले गए. इसके बाद चारों ने मिलकर उसकी धारदार हथियार से पीटकर हत्या कर दी. इसके बाद आरोपियों ने नब्बू के शव को ले जाकर रेलवे लाइन पर फेंक दिया था.
कोतवाली पुलिस ने वादी की तहरीर पर सरवर, रफी अहमद, नूर आलम और अमित बाल्मीकि के विरुद्ध धारा 302/201 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर चारों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट फाइल की. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. विचारण के दौरान अमित बाल्मीकि की मौत हो गई. अभियोजन और बचाव पक्षों द्वारा पेश किए गए गवाहों की गवाही और दोनों पक्षो के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ईसी ऐक्ट उमेश चन्द्र पाण्डेय ने तीनों आरोपियों सरवर, रफी अहमद और नूर आलमको दोषी करार दिया. साथ ही तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 40-40 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.
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