बाराबंकी: जिले में अपने दुश्मनों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए एक युवक खुद ही जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया. एक तीर से कई शिकार करने के चक्कर में एक बेटे ने अपने पिता की हत्या कर डाली. यही नहीं वारदात को लूट दिखाने के लिए उसने घटनास्थल पर कई चीजें प्लांट कीं. लेकिन, उसके एक फोन ने ही उसका राजफाश कर दिया. फिलहाल, पुलिस ने आरोपी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया.
मूलरूप से जैदपुर थाने के शाहपुर मजरे कडेरा का रहने वाला 80 वर्षीय बहादुर का 4 नवंबर को सफदरगंज थाना क्षेत्र के सराय कायस्थान गांव के एक बाग में पुआल से ढका हुआ शव मिला था. बहादुर यहां काफी अरसे से कुटी बनाकर रह रहा था. बहादुर की हत्या की सूचना उसके बेटे संतराम ने पुलिस को दी. सूचना पर पहुंची सफदरगंज पुलिस को बहादुर का शव पास में ही पुआल से ढका मिला. यही नहीं थोड़ी दूर पर एक छोटा सा बॉक्स पड़ा मिला.
शुरुआत में आशंका जताई गई कि तंत्र-मंत्र का काम करने वाले बहादुर की हत्या लूट के इरादे से की गई है. लेकिन, बहादुर के बेटे संतराम ने कोठी थाना क्षेत्र के अकनपुर निवासी संग्राम सिंह, जैदपुर थाना क्षेत्र के गुलहरिया निवासी विपिन चन्द्र और जैदपुर थाना क्षेत्र के टाडपुरवा निवासी श्रेकेशन के दो बेटों बिट्टू उर्फ बबलू और सरवन पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. संतराम ने आरोप लगाया था कि पूर्व में ये आरोपी उसे और उसके पिता को जान माल की धमकी दिया करते थे. लिहाजा, 3 नवंबर की रात में इन आरोपियों ने उसके पिता की ईंट-पत्थर से कूचकर हत्या कर दी.
पुलिस ने जब शव का पोस्टमार्टम कराया तो रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या सामने आई. इसी दौरान पुलिस को मिले एक और सुराग ने चौंका दिया. दरअसल, मृतक के बेटे संतराम के फोन पर उसके साले का 4 नवंबर को भोर में फोन आया. बातचीत के दौरान संतराम ने अपने रिश्तेदार से कहा कि मर्डर हो गया है और फोन पर ज्यादा बातचीत न करो. फोन सर्विलांस पर लगा है. उसके बाद रिश्तेदार ने जब संतराम के घर पर और लोगों से बातचीत की तो किसी को कोई जानकारी नहीं थी. बस यहीं से पुलिस को संतराम की गतिविधियों पर संदेह हुआ और उससे जब कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो इस हत्याकांड का खुलासा हो गया.
संतराम ने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में बताया कि संतराम की बेटी का आरोपी बिट्टू उर्फ बबलू से प्रेम प्रसंग था. बिट्टू उसकी बेटी को ले गया था. इसका जैदपुर थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. संतराम की बेटी बिट्टू के साथ ही रहना चाहती थी और उसके नाम का सिंदूर लगाती थी. जबकि, संतराम को यह मंजूर नहीं था. लेकिन, बहादुर इस शादी के फेवर में था. उसने अपनी पोती को आश्वस्त भी कर रखा था कि वह उसकी शादी बिट्टू से करा देगा. यही नहीं करवा चौथ के दिन बहादुर अपनी पोती के लिए विवाहिता वाला सामान भी लेकर आया था. संतराम ने इसका विरोध किया था. उसके बाद दोनों में गाली गलौज और झगड़ा भी हुआ था.
इसी तरह आरोपी विपिन का भी उसके घर आना-जाना था. यह भी संतराम को पसंद नहीं था. संतराम ने योजना बनाई कि वह पिता की हत्या कर दे और इल्जाम इन लोगों पर लगा दे. इससे किसी को कोई शक भी नहीं होगा. इशके बाद उसने रात में अपने पिता की गमछे से गला कसकर हत्या कर दी और सिर को ईंट से कुचल दिया. बाद में सुबह खुद ही पुलिस को हत्याकांड की सूचना दी. इस मामले में चारों आरोपियों की नामजदगी गलत पाई गई.
यह भी पढ़ें: फिरौती के लिए दो मासूमों का अपहरण, एक को बोरी में बांधकर डाला, दूसरे को खेत में छोड़ा
यह भी पढ़ें: "मृतक" ने मांगा एके-47 का लाइसेंस, कहा- जीवित मृतकों की रक्षा के लिए चाहिए लाइसेंस