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वाहनों के फाइनेंस में फर्जीवाड़ा करने वाला गिरफ्तार, फर्जी मत्यु प्रमाणपत्र बनाकर करता था ठगी

वाहन स्वामियों के फर्जी मत्यु प्रमाणपत्र (Fake Death Certificate) के सहारे एक आरोपी फाइनेंस में हेराफेरी करने के बाद फरार चल रहा था. यूपी एसटीएफ ने एक कंपनी के पास से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी वाहनों को फर्जी तरीके से अपने रिश्तेदारों के नाम कराता था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 8:49 AM IST

Updated : Nov 18, 2023, 9:34 AM IST

बाराबंकी: यूपी एसटीएफ ने वाहन स्वामियों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर फाइनेंस में हेराफेरी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. शुक्रवार को गिरोह के सरगना को एसटीएफ ने बाराबंकी से गिरफ्तार किया है. आरोपी औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में छिपकर रह रहा था. एसटीएफ आरोपी से पूछताछ कर कानूनी कार्रवाई कर रही है.

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वाहन स्वामियों के फर्जी मत्यु प्रमाणपत्र बनाकर हेराफेरी करने वाला बदमाश गिरफ्तार.

इंडस्ट्रियल एरिया में छिपा था आरोपी
बता दें कि यूपी एसटीएफ टीम को 4 पहिया वाहनों की खरीद और फाइनेंस में हेराफेरी करने की शिकायत मिल रही थी. शिकायत के बाद यूपी एसटीएफ सक्रिय हो गई थी. साथ ही इस गिरोह के खुलासे के लिए इंटेलिजेंस टीम को लगाया था. जिसे डिप्टी एसपी एसटीएफ दीपक कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में टीम इनपुट कलेक्ट कर रही थी. शुक्रवार को इस टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि इस गिरोह का वांछित अभियुक्त बाराबंकी के कुर्सी थाना क्षेत्र के अनवारी इंडस्ट्रियल एरिया में एक कंपनी में छिपकर रह रहा है. मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान पर टीम ने छापेमारी करते हुए शातिर बदमाश को गिरफ्तार कर लिया.

एक मुकदमे में चल रहा था वांछित
यूपी एसटीएफ की पूछताछ में गिरफ्तार बदमाश ने अपना नाम मुंशीलाल यादव निवासी दृगपाल सिंह का पुरवा नारायणपुर कला बताया. यह स्थान गोंडा जनपद के थाना कटरा क्षेत्र में पड़ता है. आरोपी के विरुद्ध लखनऊ के विभूतिखंड थाने में धारा 419, 420, 467, 468, आईपीसी का मुकदमा दर्ज था. जिसमे आरोपी वांछित चल रहा था.

क्या था फर्जीवाड़े का तरीका
यूपी एसटीएफ की पूछताछ में मुंशीलाल ने बताया कि वह अपने गिरोह के सदस्यों के नाम पर विभिन्न जनपदों से 4पहिया वाहन फाइनेंस कराकर खरीदता है. कुछ किश्तें जमा करने के बाद किश्तें देना बंद कर देता है. जब लोन की अदा की जाने वाली रकम ज्यादा हो जाती है, तो जिस सदस्य के नाम वाहन होता है, उसका फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर बैंक लोन को एनपीए घोषित कराकर उसका सेटेलमेंट अपने नाम या अपने रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर करा देता है. उसके बाद गाड़ियों की बैंक की फर्जी एनओसी बनाकर आरटीओ ऑफिस के दलालों के जरिए, उन्हें अपने या अपने रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर करा लेता है. फिर उन गाड़ियों को ट्रांसपोर्ट कम्पनियों में लगा देता है. डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि विभूतिखंड में दर्ज मुकदमे में अभियुक्त को दाखिल किया गया है.

यह भी पढ़ें- सिगरेट नहीं देने पर बदमाशों ने दुकानदार की मां पर किया चापड़ से वार, फायरिंग करते हुए फरार

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बाराबंकी: यूपी एसटीएफ ने वाहन स्वामियों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर फाइनेंस में हेराफेरी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. शुक्रवार को गिरोह के सरगना को एसटीएफ ने बाराबंकी से गिरफ्तार किया है. आरोपी औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में छिपकर रह रहा था. एसटीएफ आरोपी से पूछताछ कर कानूनी कार्रवाई कर रही है.

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वाहन स्वामियों के फर्जी मत्यु प्रमाणपत्र बनाकर हेराफेरी करने वाला बदमाश गिरफ्तार.

इंडस्ट्रियल एरिया में छिपा था आरोपी
बता दें कि यूपी एसटीएफ टीम को 4 पहिया वाहनों की खरीद और फाइनेंस में हेराफेरी करने की शिकायत मिल रही थी. शिकायत के बाद यूपी एसटीएफ सक्रिय हो गई थी. साथ ही इस गिरोह के खुलासे के लिए इंटेलिजेंस टीम को लगाया था. जिसे डिप्टी एसपी एसटीएफ दीपक कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में टीम इनपुट कलेक्ट कर रही थी. शुक्रवार को इस टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि इस गिरोह का वांछित अभियुक्त बाराबंकी के कुर्सी थाना क्षेत्र के अनवारी इंडस्ट्रियल एरिया में एक कंपनी में छिपकर रह रहा है. मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान पर टीम ने छापेमारी करते हुए शातिर बदमाश को गिरफ्तार कर लिया.

एक मुकदमे में चल रहा था वांछित
यूपी एसटीएफ की पूछताछ में गिरफ्तार बदमाश ने अपना नाम मुंशीलाल यादव निवासी दृगपाल सिंह का पुरवा नारायणपुर कला बताया. यह स्थान गोंडा जनपद के थाना कटरा क्षेत्र में पड़ता है. आरोपी के विरुद्ध लखनऊ के विभूतिखंड थाने में धारा 419, 420, 467, 468, आईपीसी का मुकदमा दर्ज था. जिसमे आरोपी वांछित चल रहा था.

क्या था फर्जीवाड़े का तरीका
यूपी एसटीएफ की पूछताछ में मुंशीलाल ने बताया कि वह अपने गिरोह के सदस्यों के नाम पर विभिन्न जनपदों से 4पहिया वाहन फाइनेंस कराकर खरीदता है. कुछ किश्तें जमा करने के बाद किश्तें देना बंद कर देता है. जब लोन की अदा की जाने वाली रकम ज्यादा हो जाती है, तो जिस सदस्य के नाम वाहन होता है, उसका फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर बैंक लोन को एनपीए घोषित कराकर उसका सेटेलमेंट अपने नाम या अपने रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर करा देता है. उसके बाद गाड़ियों की बैंक की फर्जी एनओसी बनाकर आरटीओ ऑफिस के दलालों के जरिए, उन्हें अपने या अपने रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर करा लेता है. फिर उन गाड़ियों को ट्रांसपोर्ट कम्पनियों में लगा देता है. डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि विभूतिखंड में दर्ज मुकदमे में अभियुक्त को दाखिल किया गया है.

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Last Updated : Nov 18, 2023, 9:34 AM IST
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