बाराबंकी : मसौली इलाके में 12 सितम्बर को युवक की हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने शुक्रावार को वारदात का खुलासा कर दिया. पुलिस ने वारदात में शामिल विवाहिता, उसके प्रेमी समेत दो अन्य युवकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. विवाहिता का उसके ही सौतेले भाई के साथ अवैध संबंध थे. इसी के चलते वारदात को अंजाम दिया गया था. आरोपियों को कब्जे से हत्या में प्रयुक्त लोहे की रॉड, मृतक का मोबाइल और एक बाइक भी बरामद की गई है.
12 सितम्बर को हुई थी वारदात : पुलिस कप्तान दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि 12 सितम्बर की सुबह मसौली थाना क्षेत्र के पूरेजबर गांव में सड़क के किनारे खून से लथपथ 25 वर्षीय युवक का शव बरामद हुआ था. मृतक की जेब से मिली डायरी और रेलवे टिकट से उसकी शिनाख्त सीतापुर जिले के चिकवनपुरवा मजरे टिकथा थाना रामपुर मथुरा निवासी मो. आरिफ पुत्र महबूब के रूप में हुई थी. मसौली पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था. परिजन हैरान थे कि आरिफ गुजरात में था फिर आखिर यहां कैसे पहुंचा. मृतक के बड़े भाई नबीउल्लाह पुत्र महबूब ने हत्या का आरोप लगाते हुए पत्नी अफसरी बानो और उसके आशिक मुजाहिद के खिलाफ मसौली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. नबीउल्लाह ने बताया कि करीब एक महीना पहले आरिफ ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा था. पुलिस ने इसी थ्योरी पर काम करना शुरू किया तो फिर केस की कड़ी से कड़ी मिलती गई.
जानकारी होने पर प्रेमी को नौकरी से निकाला : एसपी ने बताया कि आरिफ की शादी कुर्सी थाना क्षेत्र के टिकैतगंज निवासी अफसरी पुत्री मतीन के साथ हुई थी. दोनों के दो बच्चे हैं. आरिफ गुजरात के सोमनाथ इलाके में मीट की दुकान चलाता था. वह अपने बीबी बच्चों के साथ रहता था. अफसरी की मां सायरा की शादी उड़ीसा में रहने वाले अब्दुलरहमान से हुई थी. अफसरी अब्दुलरहमान की बेटी थी. यह रिश्ता चल नहीं पाया था. इसके बाद सायरा की शादी बाराबंकी के कुर्सी थाना क्षेत्र के टिकैतगंज निवासी मतीन से हो गई. सायरा अफसरी को लेकर बाराबंकी आ गई. यहां उसका सौतेला भाई मुजाहिद रहता था. मुजाहिद भी गुजरात में आरिफ के यहां गया था. वहां वह दुकान पर नौकरी करने लगा. इसी दौरान अफसरी और मुजाहिद में प्रेम प्रसंग हो गया. जानकारी होने पर आरिफ ने मुजाहिद को नौकरी से निकाल दिया था. मुजाहिद वापस बाराबंकी आ गया लेकिन इसके बावजूद वह अफसरी से बांते करता था.
बाराबंकी में रोजगार करने का दिलाया भरोसा : अफसरी जब भी अपनी ससुराल सीतापुर आती, वहां से मायके बाराबंकी आ जाती थी. अफसरी और मुजाहिद अक्सर फोन से बातें करते रहते थे. आरिफ को उस पर शक पहले से ही था लेकिन घटना से कुछ महीने पहले आरिफ ने अफसरी और मुजाहिद को आपत्तिजनक हालत में देख लिया. अफसरी ने मुजाहिद के साथ रहने का फैसला कर लिया. आरिफ को रास्ते से हटाने की योजना बनाने लगी. उधर आरिफ अफसरी और बच्चों को लेकर गुजरात लौट गया . मुजाहिद ने बदोसराय थाना क्षेत्र के कस्बे के रहने वाले अपने रिश्तेदार रिजवान को आरिफ के पास गुजरात भेजा. आरिफ को समझाया कि बाराबंकी चलकर धंधा करो, वहां यहां से ज्यादा कमाई होगी. लिहाजा आरिफ गुजरात से ट्रेन से चला. 11 सितम्बर की देर रात बाराबंकी पहुंच गया. स्टेशन पर पहले से ही रिजवान और उसका साथी आफताब बाइक समेत मौजूद थे. इन दोनों ने आरिफ को बाइक पर बैठाया और मसौली थाने के पूरे जबर गांव के पास पहुंचकर लोहे की रॉड से मारकर उसकी हत्या कर डाली.
लोहे की रॉड और मोबाइल भी बरामद : पुलिस कप्तान दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि ये बिल्कुल ब्लाइंड मर्डर था, लेकिन सर्विलांस और मसौली पुलिस ने जब तार से तार जोड़े तो हत्याकांड का खुलासा हो गया. मसौली पुलिस ने शुक्रवार को आफताब उर्फ हमजा पुत्र मुश्ताक निवासी मीतपुर निजामुद्दीन पुरवा थाना रामनगर, रिजवान और मुजाहिद को बिंदौरा से मसूदबाद जाने वाले रोड पर रेलवे क्रासिंग के पास से गिरफ्तार कर लिया. मृतक की पत्नी अफसरी को चौपुला चौराहे से गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से आलाकत्ल लोहे की रॉड, मृतक का मोबाइल तथा घटना में इस्तेमाल की गई बाइक भी बरामद की गई है.
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