बाराबंकी: करीब 9 वर्ष पूर्व एक किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ रेप करने के मामले में बाराबंकी की एक अदालत ने बुधवार को आरोपी को दोषी करार दिया. कोर्ट ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास (Barabanki rape accused convicted for 10 year imprisonment) और 05 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश /विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो ऐक्ट) कोर्ट नंबर-46 सुभाष चंद्र यादव ने सुनाया. साथ में यह भी आदेश दिया है कि दोषी द्वारा जुर्माने की रकम अदा किए जाने पर उसमें से 04 हजार रुपये बतौर प्रतिकर पीड़िता को देना होगा.
बाराबंकी में रेप के दोषी को 10 साल कैद की सज़ा के मामले में अभियोजक अधिकारी लव त्रिपाठी और पुरुषोत्तम मिश्रा ने बताया कि सतरिख थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले वादी ने 26 जून 2014 को थाने में तहरीर देकर बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री बीती रात को घर से बाहर शौच के लिए गई थी. काफी देर तक जब वह घर वापस नहीं लौटी, तब वादी को संजीत नामक एक युवक पर संदेह हुआ. अक्सर वह उसकी पुत्री से छेड़छाड़ किया करता था.
पीड़िता के परिजन जब उस युवक के घर गए, तब युवक की मां ने गाली देकर भगा दिया और धमकी दी कि जो कुछ करना हो करो. पुलिस ने वादी की तहरीर पर आईपीसी की धारा 363, 366, 504 के तहत संजीत पुत्र हनुमान के विरुद्ध मुकदमा लिखकर विवेचना शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर आरोपी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की बढ़ोतरी की साथ ही संजीत की मां सुमित्रा का नाम बढ़ाते हुए उसके विरुद्ध आईपीसी की धारा 363,366,504 के तहत न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की. इस मामले में अभियोजन पक्ष ने ठोस गवाह पेश किए.
अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट सुभाष चन्द्र यादव ने आरोपी सुमित्रा यादव को दोष मुक्त कर दिया. वहीं आरोपी संजीत को रेप का दोषी पाया. कोर्ट ने दोषी संजीत को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 05 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. (Crime New Barabanki)
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