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मुसोलिनी और हिटलर के साम्राज्य जैसी है केंद्र सरकार: कम्युनिस्ट पार्टी

उत्तर प्रदेश के बारांबकी जिले में नए कृषि कानून के विरोध में बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार विरोधी नारे भी लगाए.

कृषि कानून के विरोध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदर्शन किया.
कृषि कानून के विरोध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदर्शन किया.
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Published : Oct 14, 2020, 2:06 PM IST

बाराबंकी. नए कृषि कानून के विरोध में बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने शहर के छाया चौराहे पर स्थित कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक प्रदर्शन किया. इस दौरान अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए. इस दौरान कम्युनिस्टों ने केंद्र की भाजपा सरकार को मुसोलिनी और हिटलर के साम्राज्य की संज्ञा दी.


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के लिए काला कानून जैसा है. इस कानून को वापस लेने के लिए हम आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार जन विरोधी सरकार है. इन्होंने कहा कि एक ओर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों को समाप्त किया जा रहा है. यही नहीं, यह सरकार बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानून 2020 बनाकर किसानों को बर्बाद करने की तैयारी में है. इन कानूनों से मंडी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय किसान सभा किसी भी कीमत पर इन कानूनों बर्दाश्त नहीं करेगी. वर्तमान सरकार मुसोलिनी और हिटलर की तरह है. उन्होंने कहा कि उनका यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते. मुसोलिनी और हिटलर की तरह ही यह सरकार भी उखड़ जाएगी.



बाराबंकी. नए कृषि कानून के विरोध में बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने शहर के छाया चौराहे पर स्थित कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक प्रदर्शन किया. इस दौरान अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए. इस दौरान कम्युनिस्टों ने केंद्र की भाजपा सरकार को मुसोलिनी और हिटलर के साम्राज्य की संज्ञा दी.


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के लिए काला कानून जैसा है. इस कानून को वापस लेने के लिए हम आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार जन विरोधी सरकार है. इन्होंने कहा कि एक ओर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों को समाप्त किया जा रहा है. यही नहीं, यह सरकार बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानून 2020 बनाकर किसानों को बर्बाद करने की तैयारी में है. इन कानूनों से मंडी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय किसान सभा किसी भी कीमत पर इन कानूनों बर्दाश्त नहीं करेगी. वर्तमान सरकार मुसोलिनी और हिटलर की तरह है. उन्होंने कहा कि उनका यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते. मुसोलिनी और हिटलर की तरह ही यह सरकार भी उखड़ जाएगी.



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