बाराबंकी: जीएसटी (GST) की चोरी कर सरकार को लाखों रुपया नुकसान पहुंचा रहे व्यापारियों पर लगाम लगाने के लिए वाणिज्यकर विभाग ने नया मेकेनिज्म तैयार किया है. भारत सरकार ने BIFA यानी (Business Intelligence and Fraud Analysis) नामक एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है जिसके जरिये व्यापारियों का हर डेटा रखा जाएगा. किसी भी प्रकार की चोरी पकड़ी जा सकेगी. सोमवार को उत्तर प्रदेश वाणिज्यकर कमिश्नर मिनिस्ती एस ने ये जानकारी ETV BHARAT से साझा की.
उत्तर प्रदेश के खजाने में सबसे ज्यादा राजस्व (revenue) देने वाला विभाग वाणिज्यकर है. दूसरे टैक्स के मुकाबले अकेले जीएसटी का हिस्सा 56 फीसदी है. कोरोना काल के बाद रिकार्ड तौर पर जीएसटी का कलेक्शन हुआ है. इसके पीछे व्यापारियों के ज्यादा से ज्यादा रजिस्ट्रेशन और विभाग द्वारा संचालित कई योजनाओं को माना जा रहा है लेकिन सबसे कारगर रहा है इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (Information Technology) का सदुपयोग जिसने न केवल टैक्स चोरी रोकी बल्कि रिकार्ड जीएसटी वसूल हुई.
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विभाग इस वर्ष मिले एक लाख 80 हजार करोड़ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जुट गया है. इसी क्रम में कमिश्नर उत्तर प्रदेश और एडिशनल कमिश्नर अयोध्या जोन (Additional Commissioner Ayodhya Zone) ने बाराबंकी कार्यालय पहुंचकर व्यापारियों से संवाद किया. मिनिस्ती एस ने बताया कि उन्होंने जोनल स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं और उनसे समय पर लक्ष्य पूरा करने को कहा है.
इस दौरान कमिश्नर ने व्यापारियों की समस्याएं सुनी और उनके निदान के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए. कमिश्नर वाणिज्यकर मिनिस्ती एस ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि ज्यादा से ज्यादा रजिस्ट्रेशन किये जांय और व्यापारियों को हर तरीके की सुविधा दी जाय. यही नहीं, उन्होंने कहा कि हर महीने व्यापारियों से बैठक कर उनसे बातचीत की जाय. इससे पहले मिनिस्ती एस ने विभाग के सभी पटलों का मुआयना कर वहां के रख-रखाव और साफ-सफाई देखी. कार्यालय की लिफ्ट खराब पाए जाने पर इसे तुरंत दुरुस्त कराए जाने के निर्देश भी दिए गए.
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