बाराबंकी: देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए अब महाविद्यालयों के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. अब हर महाविद्यालय को एक गांव गोद लेना होगा और हर शिक्षक को कम से कम एक टीबी से ग्रस्त बच्चे को गोद लेना होगा.
कुलपति ने दिए ये निर्देश
राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने अधीन आने वाले सभी कॉलेजों को इसका अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं. यही नहीं उन्होंने सभी डिग्री कालेजों को यूजीसी एक्ट की धारा 12B और 2F से आच्छादित हो जाने के निर्देश भी जारी किए हैं. शुक्रवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने इस बात की जानकारी दी.
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टीबी को लेकर पीएम मोदी और राज्यपाल हैं गंभीर
जिले के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक करने बाराबंकी पहुंचे कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने शुक्रवार को सभी प्राचार्यों को इसका सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की तरह सूबे की राज्यपाल टीबी जैसी खतरनाक बीमारी को लेकर गंभीर हैं. उनकी मंशा है कि 2023 तक भारत टीबी मुक्त हो जाए.
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सात जिलों के महाविद्यालयों को जारी किए निर्देश
इस मौके पर कुलपति ने राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले सात जिलों में सभी महाविद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने बताया कि अभी तमाम डिग्री कालेज यूजीसी एक्ट की धारा 12B और 2F से आच्छादित नहीं हैं, जिसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि इन धाराओं से आच्छादित हो जाने पर सभी कालेज एक समान हो जाएंगे. समानता होने पर ये सभी कालेज सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे. प्रो. दीक्षित ने बताया कि वह हर जिले में जाकर प्राचार्यों को इसके लिए निर्देश दे रहे हैं.