बाराबंकी: दूसरे प्रदेशों की तुलना में यूपी में बाल अपराध कम है. इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी के बुलडोजर का खौफ है. यह कहना है यूपी के राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी का. वह शुक्रवार को बाराबंकी जिले में बाल उत्पीड़न मामलों की समीक्षा करने आए थे. इस दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बाल अपराध तो बढ़ा है, लेकिन दूसरे प्रदेशों की तुलना में कम है. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी आबादी में अपराधों की ये संख्या बहुत कम है. आने वाली 17 नवम्बर से आयोग एक नई शुरुआत करने जा रहा है.
इसके बाद उन्होंने डीआरडीए सभागार में जिला प्रोबेशन अधिकारी, श्रम विभाग, आईसीडीएस, शिक्षा, स्वास्थ्य और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक कर उनसे रिपोर्ट ली. इस दौरान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी ने अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पूरी संवेदनाओं के साथ बच्चों के संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को मूर्त रूप में लागू किया जाए. उनकी सरकार हर हाल में बाल अधिकार संरक्षण को लेकर गम्भीर है. बच्चों का किसी प्रकार का कोई उत्पीड़न न हो, इसके लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है.
20 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक एक बार फिर आयोग के निर्देश पर श्रम विभाग अभियान चलाएगा. केंद्र और सूबे की सरकार बच्चों को लेकर संवेदनशील है. हम कहीं भी बाल श्रम नहीं होने देंगे. श्याम त्रिपाठी ने कहा कि सारे विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों के साथ किसी प्रकार का कोई उत्पीड़न न हो. उन्होंने बताया कि बाराबंकी जिले की दो वारदातें बहुत ही जघन्य हुई हैं. कुछ महीनों पहले रामनगर थाना क्षेत्र में एक बच्ची के साथ एक पुरुष द्वारा की गई हैवानियत और चार दिन पहले नगर कोतवाली क्षेत्र में एक बच्ची के साथ 60 साल के पुरुष द्वारा की गई हैवानियत को आयोग ने गंभीरता से लिया है.
सदस्य श्याम त्रिपाठी ने कहा कि तमाम सूचनाएं आयोग तक समय से नहीं पहुंच पाती हैं. जिसके लिए 17 नवम्बर 2023 से आयोग आम जनमानस के लिए एक वाट्सएप नम्बर चलाने जा रहा है. जिस पर बच्चों के साथ होने वाले किसी भी उत्पीड़न या बच्चों के अधिकारों का हनन होने पर तुरंत मैसेज किया जा सकेगा. ताकि आयोग उस पर तुरंत कार्रवाई कर सके.
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