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कंट्रोल होगा सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा, यूपी के इस जिले में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों को काबू में करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ने शुरू की नई पहल. पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुने गए बाराबंकी जिले के 5 ब्लॉकों के 45 गांव. सर्वाईकल कैंसर ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (papilloma virus) के कारण होती है. महिलाओं में पाए जाते हैं ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर के केस.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के केस
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के केस
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Published : Dec 21, 2021, 11:18 AM IST

बाराबंकी: महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के केस दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. इस खतरनाक कैंसर (Cervical Cancer) से होने वाली मौतों को काबू में करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ने नई पहल की है. जिसके तहत अब कैंसर की पहचान और बचाव के लिए महिलाओं का परीक्षण कर लक्षण पाए जाने पर उनका टीकाकरण ( vaccination) किया जाएगा. सूबे में बाराबंकी जिले के 5 ब्लॉकों के 45 गांवों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है.

REC कर रहा फंडिंग
इस अभियान में आशाओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्थ वैलनेस सेंटर के जरिए महिलाओं की जांच कर उनकी स्क्रीनिंग (screening) की जाएगी और फिर उनका टीकाकरण किया जाएगा. इस पायलट प्रोजेक्ट की फंडिंग कर रहे आरईसी फाउंडेशन (Rural electrification corporation limited) का मानना है कि महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य (health) के लिए यह बहुत जरूरी है.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के केस

यह भी पढ़ें- उन्नाव रेप केस: पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर बरी, जानें क्या है मामला


स्वास्थ्य विभाग और प्रोग्रेसिव फाउंडेशन करेगा क्रियान्वयन
प्रोग्रेसिव फाउंडेशन की अध्यक्ष अमिता यादव ने बताया कि इस अभियान को स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलाकर प्रोग्रेसिव फाउंडेशन चलाएगा. बाराबंकी जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुने जाने के पीछे नोडल अस्पताल सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टिट्यूट लखनऊ में स्थित है. लिहाजा स्क्रीनिंग में पाई जाने वाली बीमार महिलाओं के इलाज में लखनऊ स्थित अस्पतालों में इलाज कराने में आसानी होगी.

आरईसी (REC) लखनऊ के जनरल मैनेजर एसके शर्मा ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 400 महिलाओं का निशुल्क टीकाकरण किया जाएगा. उसके बाद पूरे सूबे में यह अभियान चलाया जाएगा.

क्या है सर्वाइकल कैंसर
ये बीमारी ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (papilloma virus) के कारण होती है. ये कैंसर महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा में विकसित होता है. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर होता है.


सर्वाइकल कैंसर का कारण
कम उम्र में ज्यादा बच्चे
धूम्रपान
कमजोर इम्युनिटी
यौन संचारित रोग
जानकारी का अभाव

हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई है. जिसमें उत्तर प्रदेश में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग का प्रतिशत केवल 1.5 ही बताया गया है. यह कार्यक्रम जिले के निंदूरा, देवा, फतेहपुर, बंकी और मसौली में संचालित किया जाएगा, जिनमें लगभग 45 गांव की 4000 महिलाओं को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाएगा. महिलाओं को इस बीमारी की गंभीरता और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा साथ ही इस इस बीमारी की पहचान के लिए उनका पैप टेस्ट कराया जाएगा.

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महिलाओं की कैंसर से होने वाली मौतों में से 23 फ़ीसदी मौतें अकेले सर्वाइकल कैंसर से ही होती हैं .यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर खासा गंभीर है. ग्रामीण क्षेत्रों में इस बीमारी की जानकारी का अभाव है. इसके अलावा महिलाएं जांच कराने में संकोच करती हैं साथ ही इसे किसी से बताती नही हैं. निश्चय ही महिलाओं का बेहतर समाज बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है. ऐसे में महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह पहल सराहनीय है.

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बाराबंकी: महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के केस दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. इस खतरनाक कैंसर (Cervical Cancer) से होने वाली मौतों को काबू में करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ने नई पहल की है. जिसके तहत अब कैंसर की पहचान और बचाव के लिए महिलाओं का परीक्षण कर लक्षण पाए जाने पर उनका टीकाकरण ( vaccination) किया जाएगा. सूबे में बाराबंकी जिले के 5 ब्लॉकों के 45 गांवों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है.

REC कर रहा फंडिंग
इस अभियान में आशाओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्थ वैलनेस सेंटर के जरिए महिलाओं की जांच कर उनकी स्क्रीनिंग (screening) की जाएगी और फिर उनका टीकाकरण किया जाएगा. इस पायलट प्रोजेक्ट की फंडिंग कर रहे आरईसी फाउंडेशन (Rural electrification corporation limited) का मानना है कि महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य (health) के लिए यह बहुत जरूरी है.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के केस

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स्वास्थ्य विभाग और प्रोग्रेसिव फाउंडेशन करेगा क्रियान्वयन
प्रोग्रेसिव फाउंडेशन की अध्यक्ष अमिता यादव ने बताया कि इस अभियान को स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलाकर प्रोग्रेसिव फाउंडेशन चलाएगा. बाराबंकी जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुने जाने के पीछे नोडल अस्पताल सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टिट्यूट लखनऊ में स्थित है. लिहाजा स्क्रीनिंग में पाई जाने वाली बीमार महिलाओं के इलाज में लखनऊ स्थित अस्पतालों में इलाज कराने में आसानी होगी.

आरईसी (REC) लखनऊ के जनरल मैनेजर एसके शर्मा ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 400 महिलाओं का निशुल्क टीकाकरण किया जाएगा. उसके बाद पूरे सूबे में यह अभियान चलाया जाएगा.

क्या है सर्वाइकल कैंसर
ये बीमारी ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (papilloma virus) के कारण होती है. ये कैंसर महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा में विकसित होता है. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर होता है.


सर्वाइकल कैंसर का कारण
कम उम्र में ज्यादा बच्चे
धूम्रपान
कमजोर इम्युनिटी
यौन संचारित रोग
जानकारी का अभाव

हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई है. जिसमें उत्तर प्रदेश में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग का प्रतिशत केवल 1.5 ही बताया गया है. यह कार्यक्रम जिले के निंदूरा, देवा, फतेहपुर, बंकी और मसौली में संचालित किया जाएगा, जिनमें लगभग 45 गांव की 4000 महिलाओं को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाएगा. महिलाओं को इस बीमारी की गंभीरता और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा साथ ही इस इस बीमारी की पहचान के लिए उनका पैप टेस्ट कराया जाएगा.

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महिलाओं की कैंसर से होने वाली मौतों में से 23 फ़ीसदी मौतें अकेले सर्वाइकल कैंसर से ही होती हैं .यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर खासा गंभीर है. ग्रामीण क्षेत्रों में इस बीमारी की जानकारी का अभाव है. इसके अलावा महिलाएं जांच कराने में संकोच करती हैं साथ ही इसे किसी से बताती नही हैं. निश्चय ही महिलाओं का बेहतर समाज बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है. ऐसे में महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह पहल सराहनीय है.

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