बाराबंकी : किसानों की आय बढ़ाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने अनोखी पहल की है. जिसके तहत बाराबंकी समेत सूबे के कई जिलों के गांधी आश्रमों में गाय के गोबर से पेंट बनाने के प्लांट लगाए जाएंगे. पशुपालकों से गोबर खरीदकर हाई क्वालिटी के पेंट तैयार किए जाएंगे. इससे न केवल पशुपालकों की आय बढ़ेगी बल्कि इससे पशुपालन को भी बढ़ावा मिलेगा. ये खुलासा रविवार को खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन ने किया. चेयरमैन रविवार को बाराबंकी श्रीगांधी आश्रम में संचालित योजनाओं का विजिट करने आये थे. उन्होंने बताया कि इसके अलावा यहां अगरबत्ती बनाने का एक बड़ा ऑटोमेटिक कारखाना और सिल्क रीलिंग यूनिट भी लगाई जाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों में स्वदेशी की भावना पैदा हो और साथ ही रोजगार मिले.
काऊ डंग से बनेगा ब्रांडेड पेंट
भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से संचालित खादी और ग्रामोद्योग आयोग ग्रामीण अंचलों के ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के तहत लगातार काम कर रहा है. आयोग खादी के उत्थान के लिए पिछले 6 वर्षों से नई-नई योजनाएं चला रहा है. हाल ही में आयोग ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक अनोखी पहल की है. आयोग जल्द ही कई जिलों में गाय के गोबर से पेंट बनाने के प्लांट लगाये जाएंगे. इन प्लांटों में बाजार में उपलब्ध बड़े ब्रांडों के पेंट की क्वालिटी से सुपीरियर क्वालिटी के पेंट तैयार किये जायेंगे. ये पेंट क्वालिटी में ब्रांडेड पेंटों से सुपीरियर होंगे, लेकिन कीमत में आधे होंगे. आयोग इसके लिए अपने कर्मचारियों की जयपुर में विशेष ट्रेनिंग करा रहा है. एक बैच की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है और दूसरे बैच की ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है.
पशुपालकों से गाय का गोबर खरीदा जाएगा उसके बाद प्लांट में उससे पेंट तैयार किया जाएगा. औसतन 20 रुपये किलो बिकने वाले गोबर से एक किसान को औसतन सौ रुपये की रोजाना की आय होगी. आयोग का मानना है कि इससे पशुपालकों को अतिरिक्त आय होगी, साथ ही पशुपालन को भी बढ़ावा मिलेगा.
अगरबत्ती बनाने का भी लगेगा कारखाना
आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि यहां लगी अगरबत्ती यूनिट को बढ़ाया जाएगा. यहां की अगरबत्ती यूनिट में एक ऑटोमेटिक अगरबत्ती का बड़ा कारखाना लगाया जाएगा, जिससे इसमें 100 और महिलाओं को काम मिल सकेगा. इस कारखाने से हर दिन 80 किलो अगरबत्ती तैयार की जाएगी.
सिल्क रीलिंग यूनिट भी लगेगी
चेयरमैन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सिल्क उत्पादन का बड़ा काम होने के बावजूद ये दुर्भाग्य है कि इसके लिए कच्चा माल पश्चिम बंगाल, असम और दक्षिण भारत से मंगाया जाता है. इसी को देखते हुए आयोग यहां सिल्क रीलिंग यूनिट लगाने जा रहा है. अगले एक से दो महीने के अंदर ये यूनिट लग जायेगी. यूनिट लग जाने से सस्ते दरों पर कच्चा माल दिया जाएगा.