बाराबंकी: महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव युद्ध की 202 वीं सालगिरह को भीम आर्मी भारत एकता मिशन के कार्यकर्ताओं ने शौर्य दिवस के रूप में मनाया. इस मौके पर जिले के बड़ेल स्थित कार्यालय पर एक गोष्ठी का आयोजन हुआ. गोष्ठी में बहुजन समाज को भीमा कोरेगांव की याद दिलाते हुए उनमें जोश भरा गया. इससे पहले कार्यकर्ताओं ने भीमा कोरेगांव के प्रतीक चित्र पर फूल मालाएं भी चढ़ाईं. भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला प्रभारी बोले कि कार्यक्रम का उद्देश्य दलित समाज को हक और हुकूक के लिए जागरूक करना है.
भीमा कोरेगांव युद्ध का इतिहास
महाराष्ट्र स्थित भीमा कोरेगांव की युद्ध में ब्रिटिश सेना का हिस्सा रहे 500 महार सैनिकों ने पेशवाओं की 25 हजार की फौज को हरा दिया था. दलित समुदाय का मानना है ब्रिटिश सेना में महार सैनिकों ने पेशवाओं के खिलाफ आजादी का युद्ध लड़ा था.
पुणे में है विजयस्तंभ
इसकी याद में पुणे में एक विजयस्तंभ बना है. हर वर्ष पहली जनवरी को दलित समुदाय के लोग इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं. आयोजकों का कहना है इसके जरिए हम अपने दलित समाज को जागरूक करते हैं.
जिला प्रभारी हरिनंदन गौतम ने दी जानकारी
भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला प्रभारी हरिनंदन गौतम ने कहा कि इतिहास को बताकर उनको सचेत करना है कि जो लुट रहा इतिहास, लुट रहा अधिकार, मिट रहा अस्तित्व, मिट रही समानता इसको बचाने की जरुरत है. हमने दलित समाज को उनके हक के लिए जागरूक करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है.
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