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बाराबंकी: भीम आर्मी ने शौर्य दिवस के रूप में मनाई भीमा कोरेगांव युद्ध की 202 वीं सालगिरह

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में भीम आर्मी ने भीमा कोरेगांव युद्ध की 202 वीं सालगिरह को शौर्य दिवस के रूप में मनाया. आयोजकों ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य दलित समाज को हक और हुकूक के लिए जागरूक करना है.

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Published : Jan 2, 2020, 4:31 AM IST

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भीमा कोरेगांव युद्ध की 202 वीं सालगिरह.

बाराबंकी: महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव युद्ध की 202 वीं सालगिरह को भीम आर्मी भारत एकता मिशन के कार्यकर्ताओं ने शौर्य दिवस के रूप में मनाया. इस मौके पर जिले के बड़ेल स्थित कार्यालय पर एक गोष्ठी का आयोजन हुआ. गोष्ठी में बहुजन समाज को भीमा कोरेगांव की याद दिलाते हुए उनमें जोश भरा गया. इससे पहले कार्यकर्ताओं ने भीमा कोरेगांव के प्रतीक चित्र पर फूल मालाएं भी चढ़ाईं. भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला प्रभारी बोले कि कार्यक्रम का उद्देश्य दलित समाज को हक और हुकूक के लिए जागरूक करना है.

भीमा कोरेगांव युद्ध की 202 वीं सालगिरह.

भीमा कोरेगांव युद्ध का इतिहास
महाराष्ट्र स्थित भीमा कोरेगांव की युद्ध में ब्रिटिश सेना का हिस्सा रहे 500 महार सैनिकों ने पेशवाओं की 25 हजार की फौज को हरा दिया था. दलित समुदाय का मानना है ब्रिटिश सेना में महार सैनिकों ने पेशवाओं के खिलाफ आजादी का युद्ध लड़ा था.

पुणे में है विजयस्तंभ
इसकी याद में पुणे में एक विजयस्तंभ बना है. हर वर्ष पहली जनवरी को दलित समुदाय के लोग इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं. आयोजकों का कहना है इसके जरिए हम अपने दलित समाज को जागरूक करते हैं.

जिला प्रभारी हरिनंदन गौतम ने दी जानकारी
भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला प्रभारी हरिनंदन गौतम ने कहा कि इतिहास को बताकर उनको सचेत करना है कि जो लुट रहा इतिहास, लुट रहा अधिकार, मिट रहा अस्तित्व, मिट रही समानता इसको बचाने की जरुरत है. हमने दलित समाज को उनके हक के लिए जागरूक करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है.

यह भी पढ़ें- 55 सिख पर मुकदमा दर्ज, पंजाब मुख्यमंत्री ने सीएम योगी से की शिकायत

बाराबंकी: महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव युद्ध की 202 वीं सालगिरह को भीम आर्मी भारत एकता मिशन के कार्यकर्ताओं ने शौर्य दिवस के रूप में मनाया. इस मौके पर जिले के बड़ेल स्थित कार्यालय पर एक गोष्ठी का आयोजन हुआ. गोष्ठी में बहुजन समाज को भीमा कोरेगांव की याद दिलाते हुए उनमें जोश भरा गया. इससे पहले कार्यकर्ताओं ने भीमा कोरेगांव के प्रतीक चित्र पर फूल मालाएं भी चढ़ाईं. भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला प्रभारी बोले कि कार्यक्रम का उद्देश्य दलित समाज को हक और हुकूक के लिए जागरूक करना है.

भीमा कोरेगांव युद्ध की 202 वीं सालगिरह.

भीमा कोरेगांव युद्ध का इतिहास
महाराष्ट्र स्थित भीमा कोरेगांव की युद्ध में ब्रिटिश सेना का हिस्सा रहे 500 महार सैनिकों ने पेशवाओं की 25 हजार की फौज को हरा दिया था. दलित समुदाय का मानना है ब्रिटिश सेना में महार सैनिकों ने पेशवाओं के खिलाफ आजादी का युद्ध लड़ा था.

पुणे में है विजयस्तंभ
इसकी याद में पुणे में एक विजयस्तंभ बना है. हर वर्ष पहली जनवरी को दलित समुदाय के लोग इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं. आयोजकों का कहना है इसके जरिए हम अपने दलित समाज को जागरूक करते हैं.

जिला प्रभारी हरिनंदन गौतम ने दी जानकारी
भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला प्रभारी हरिनंदन गौतम ने कहा कि इतिहास को बताकर उनको सचेत करना है कि जो लुट रहा इतिहास, लुट रहा अधिकार, मिट रहा अस्तित्व, मिट रही समानता इसको बचाने की जरुरत है. हमने दलित समाज को उनके हक के लिए जागरूक करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है.

यह भी पढ़ें- 55 सिख पर मुकदमा दर्ज, पंजाब मुख्यमंत्री ने सीएम योगी से की शिकायत

Intro:बाराबंकी ,01 जनवरी । महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव युद्ध की 202 वीं सालगिरह को भीम आर्मी भारत एकता मिशन के कार्यकर्ताओं ने शौर्य दिवस के रूप में मनाया । इस मौके पर बड़ेल स्थित कार्यालय पर एक गोष्ठी के जरिये बहुजन समाज को भीमा कोरेगांव की याद दिलाते हुए उनमें जोश भरा गया । इससे पहले कार्यकर्ताओं ने भीमा कोरेगांव के प्रतीक चित्र पर फूल मालाएं भी चढ़ाई । भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला प्रभारी ने कहा कि कार्यक्रम आयोजन करने के पीछे दलित समाज को हक और हुकूक के लिए जागरूक करना है ।


Body:वीओ - भीम आर्मी भारत एकता मिशन के कार्यकर्ताओं ने भीमा कोरेगांव की 202 वी बरसी को शौर्य दिवस के रूप में मनाया । बताते चलें कि महाराष्ट्र स्थित भीमा कोरेगांव की लड़ाई में ब्रटिश सेना के हिस्सा रहे 500 महार सैनिकों ने पेशवाओं की 25 हजार की फौज को हरा दिया था । दलित बिरादरी का मानना है कि ब्रिटिश सेना में महार सैनिकों ने पेशवाओं के खिलाफ आजादी का युद्ध लड़ा था । पुणे में इसकी याद में विजयस्तम्भ बना है । हर वर्ष दलित समाज पहली जनवरी को इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाता है । आयोजको का कहना है इसके जरिये हम अपने दलित समाज को जागरूक करते हैं ।
बाईट - हरिनंदन गौतम , जिला प्रभारी, भीम आर्मी भारत एकता मिशन


Conclusion:रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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