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खिलौना उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा बाराबंकी

यूपी के बाराबंकी में ग्रामोद्योग विभाग ने खेल उत्पाद के लिए लोगों का सर्वे कर उनको जागरूक करना शुरू कर दिया है. मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों के लिए कॉमन फैसिलिटी बनाकर उन्हें वर्तमान बाजार के अनुरूप ढाला जा रहा है.

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Published : Sep 11, 2020, 8:18 PM IST

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माटीकला.

बाराबंकी: पीएम मोदी ने खिलौना उत्पाद में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया. इसके बाद बाराबंकी के ग्रामोद्योग विभाग ने खेल उत्पाद के लिए लोगों का सर्वे कर उनको जागरूक करना शुरू कर दिया है. परंपरागत रूप से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले ग्रामीण अंचलों के कारीगरों के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित कर उनमें अत्याधुनिक मशीनें और भट्ठियों की स्थापना कर वर्तमान बाजार के अनुरूप ढाला जा रहा है. यही नहीं उनके उत्पादों को खुले बाजार तक पहुंचाने के लिए विभाग ने एक प्रोजेक्ट शासन को भेजा है.

प्रोजेक्ट में तमाम इकाइयों द्वारा तैयार किए गए बेहतरीन उत्पादों के फोटोग्राफ और उनकी कीमत के साथ ही तमाम डेटा शासन को भेजा जा रहा है. शासन स्तर पर इसे एक प्लेटफार्म पर अपलोड किया जाएगा, ताकि देश ही नहीं विदेशों के खरीददारों तक ये उत्पाद एक क्लिक में पहुंच सकें.

खिलौना उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की कवायद शुरु.

लोगों को घरेलू उद्योग लगाकर खिलौने निर्माण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जिले का ग्रामोद्योग विभाग माटीकला से जुड़े लोगों को परम्परागत रूप से बना रहे बर्तनों के अलावा खिलौना बनाने के लिए जागरूक कर रहा है. जिले में माटीकला से जुड़े तकरीबन 900 कारीगर हैं. शासन ने इनको सहकारिता आधारित सुविधाएं देने का फैसला किया है. इसके लिए कुम्हारीकला से जुड़े लोगों को समितियां बनानी होंगी.

इस समिति में 11 सदस्य होंगे. जिले में दो समितियां बनाने का लक्ष्य रखा गया है. एक समिति बन गई है. इसके बाद विभाग इनके लिए एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर उपलब्ध कराएगा. इसमें अत्याधुनिक मशीनें, हाईटेक भट्ठियां रहेंगी. यही नहीं इनके उत्पादों को खुला बाजार भी मुहैया कराया जाएगा, ताकि कारीगरों का जीवन सुधर सके. शासन की मंशा है कि इन कारीगरों को खिलौना उत्पादों से जोड़कर न केवल इन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा, बल्कि देश में चीनी खिलौनों की मांग को भी काबू में किया जा सकेगा.

बाराबंकी: पीएम मोदी ने खिलौना उत्पाद में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया. इसके बाद बाराबंकी के ग्रामोद्योग विभाग ने खेल उत्पाद के लिए लोगों का सर्वे कर उनको जागरूक करना शुरू कर दिया है. परंपरागत रूप से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले ग्रामीण अंचलों के कारीगरों के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित कर उनमें अत्याधुनिक मशीनें और भट्ठियों की स्थापना कर वर्तमान बाजार के अनुरूप ढाला जा रहा है. यही नहीं उनके उत्पादों को खुले बाजार तक पहुंचाने के लिए विभाग ने एक प्रोजेक्ट शासन को भेजा है.

प्रोजेक्ट में तमाम इकाइयों द्वारा तैयार किए गए बेहतरीन उत्पादों के फोटोग्राफ और उनकी कीमत के साथ ही तमाम डेटा शासन को भेजा जा रहा है. शासन स्तर पर इसे एक प्लेटफार्म पर अपलोड किया जाएगा, ताकि देश ही नहीं विदेशों के खरीददारों तक ये उत्पाद एक क्लिक में पहुंच सकें.

खिलौना उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की कवायद शुरु.

लोगों को घरेलू उद्योग लगाकर खिलौने निर्माण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जिले का ग्रामोद्योग विभाग माटीकला से जुड़े लोगों को परम्परागत रूप से बना रहे बर्तनों के अलावा खिलौना बनाने के लिए जागरूक कर रहा है. जिले में माटीकला से जुड़े तकरीबन 900 कारीगर हैं. शासन ने इनको सहकारिता आधारित सुविधाएं देने का फैसला किया है. इसके लिए कुम्हारीकला से जुड़े लोगों को समितियां बनानी होंगी.

इस समिति में 11 सदस्य होंगे. जिले में दो समितियां बनाने का लक्ष्य रखा गया है. एक समिति बन गई है. इसके बाद विभाग इनके लिए एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर उपलब्ध कराएगा. इसमें अत्याधुनिक मशीनें, हाईटेक भट्ठियां रहेंगी. यही नहीं इनके उत्पादों को खुला बाजार भी मुहैया कराया जाएगा, ताकि कारीगरों का जीवन सुधर सके. शासन की मंशा है कि इन कारीगरों को खिलौना उत्पादों से जोड़कर न केवल इन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा, बल्कि देश में चीनी खिलौनों की मांग को भी काबू में किया जा सकेगा.

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