बाराबंकी : माफिया मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस प्रकरण (Mukhtar Ansari Ambulance Case) में मुख्तार के गुर्गों पर बाराबंकी पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. पुलिस की तफ्तीश में एक के बाद एक आरोपियों के नाम प्रकाश में आते जा रहे हैं. इस मामले में तीन और आरोपियों के नाम सामने आने के बाद अब इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी समेत 10 आरोपित हो चुके हैं. जिनमें से मुख्तार अंसारी समेत 5 आरोपी जेल में बंद हैं. बाकी के 5 आरोपितों की तलाश की जा रही है, जिसमे दो आरोपी 25-25 हजार के इनामी हैं.
मुख्तार के सहयोगियों पर कसता जा रहा पुलिस का शिकंजा
आपको बता दें कि बीते 31 मार्च को चर्चा में आई एम्बुलेंस के बाद यूपी पुलिस इस प्रकरण में लगातार कार्रवाई कर रही है. अब तक इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत 10 आरोपियों के नाम सामने आ चुके हैं. जिनमें मुख्तार समेत 5 आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं. पुलिस ने बुधवार को इस मामले में वांछित चल रहे 25 हजार के इनामी आनंद यादव को जेल भेजा था. अंगद से हुई पूछताछ और तफ्तीश के आधार पर इस मुकदमे में तीन और आरोपियों के नाम और बढ़ाये गए हैं.
तीन नाम और आये आए सामने
पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद के मुताबिक इस मामले में कई नए तथ्य निकलकर सामने आए. उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस का प्रयोग मुख्तार के गुर्गों द्वारा असलहों को लाने ले जाने के लिए किया जाता था. पुलिस के मुताबिक छानबीन के बाद इस मामले में तीन नाम और प्रकाश में आये हैं. बताया जा रहा है कि इस एम्बुलेंस को दो चालक चलाते थे. गाजीपुर के रहने वाले सलीम और सुरेंद्र शर्मा बारी-बारी से इसे चलाते थे. एक जब पंजाब में रुकता था तो दूसरा घर चला जाता था और जब दूसरा आ जाता था तो पहले वाला चला जाता था. इसके साथ ही गाजीपुर रहने वाला अफरोज इस एम्बुलेंस में लगातार मुख्तार के साथ रहता था. जांच में इन तीनों का नाम सामने आने के बाद, मुकदमे इन तीनों आरोपियों के नाम बढ़ा दिए गये हैं.
इसे भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी एम्बुलेंस मामला: पुलिस के हत्थे चढ़ा 25 हजार का इनामी आनंद यादव
कैसे खुला एम्बुलेंस मामला
फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में एक एम्बुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी. इस एम्बुलेंस का प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया जा रहा था. पंजाब के रोपण जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी को इसी एम्बुलेंस के जरिए मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया, जिसके बाद UP41 AT 7171 नम्बर वाली इस एम्बुलेंस को लेकर यूपी में हड़कम्प मचा गया. बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग ने जब इस एम्बुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका फिटनेस 2017 में खत्म हो गया था और रिनिवल नहीं कराया गया था और न ही इस एम्बुलेंस का इंश्योरेंस था. कागजात खंगाले गए तो ये एम्बुलेंस डॉ. अलका राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई. इस मामले में डॉ. अलका राय के खिलाफ एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह द्वारा नगर कोतवाली में अपराध संख्या 369/21 पर धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी में मुकदमा लिखाया गया था. बाद में छानबीन में मुख्तार अंसारी, डॉ शेषनाथ राय, राजनाथ यादव और मुजाहिद की संलिप्तता पाए जाने पर मुकदमे में 120 बी, 506, 177 आईपीसी और 7 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट की धाराएं बढ़ाते हुए उनके नाम भी मुकदमे में बढ़ाये गए थे.
मुख्तार सहित 5 आरोपी जेल में बंद
तफ्तीश के दौरान इस प्रकरण में आनंद यादव और शाहिद के नाम प्रकाश में आने पर उनके नाम भी बढ़ाये गए थे. इस मामले में डॉ. अलका राय, शेषनाथ राय और राजनाथ यादव को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी. साथ ही इस मामले में वांछित चल रहे आनंद यादव, शाहिद और मुजाहिद की गिरफ्तारी के लिए 25-25 रुपये का इनाम घोषित किया था. इनमें से 25 हजार इनामी के आरोपी आनंद यादव को बुधवार को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया.
आनंद यादव ने उगले कई राज
पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त आनंद यादव इस मामले के दूसरे आरोपी मुजाहिद के साथ डॉ. अलका राय के पास गया था, जहां शाहिद उर्फ मो. जाफरी के जरिये डॉ. अलका राय को ऑडियो रिकार्डिंग के जरिये सिखाया था कि एम्बुलेंस की बाबत पूछे जाने पर उसे पुलिस को क्या बताना है. उसने डॉ. अलका राय से कहा था कि पुलिस द्वारा पूछे जाने पर उसे बताना है कि मुख्तार अंसारी की पत्नी बीमार थी, उन्हें पंजाब ले जाना था. इसलिए किराए पर एम्बुलेंस ली गई थी और उसका किराया भुगतान किया गया था.
इसे भी पढ़ें : 'पाकिस्तान में इमरान आया' गाने पर हिंदुस्तान के इस शहर में सामूहिक हर्ष फायरिंग