बाराबंकी: कोरोना संकट से जूझ रहे देश के लिए हर कोई अपने-अपने स्तर से सहयोग कर रहा है. ऐसे में बाराबंकी के एक मदरसे के शिक्षकों ने भी संकट की इस घड़ी में अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री के कोरोना संघर्ष कोष को दिया है. शिक्षकों की मंशा है कि मुसीबत की इस घड़ी में कोई भी भूखा न रहे.
शिक्षकों ने एक दिन का वेतन किया दान
मसौली विकास खंड के रसौली कस्बे में स्थित जामिया मदीनतुल उलूम के शिक्षकों ने कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए अपने एक दिन का वेतन दान देने का फैसला किया है. मदरसे में 24 से ज्यादा शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी हैं. मौजूदा समय मे पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है.
लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का लोग कर रहे पालन
हर कोई इस महामारी को लेकर परेशान है. लोग इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. प्रशासन भी इसके अनुपालन को लेकर लगातार अपील कर रहा है. गरीब मजदूरों का काम बंद है.
देश को सहयोग की है जरूरत
संकट के इस दौर से गुजर रहे अपने देश को सहयोग की जरूरत है. इसको ध्यान में रखते हुए मदरसे ने ये पहल की है. मदरसा प्रबंधक ने बताया कि शिक्षकों की मंशा है कि इस मुसीबत के समय में कोई भूखा न रहे.