बाराबंकी: सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान में 96 फीसदी लक्ष्य हासिल कर बाराबंकी जिला सूबे में अव्वल रहा. दिसम्बर 19 से मार्च 2020 तक चार चरणों में जिले के 6 ब्लॉकों में चले इस अभियान में जिले के कुल 23 हजार 852 बच्चों और 4264 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया.
आशाओं, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मेहनत से जनपद फर्श से अर्श तक पहुंचा
वर्ष 2018-19 में जिला टीकाकरण कार्यक्रम में प्रदेश में निचले पायदान पर था. दरअसल मोबलाइजेशन की कमी के चलते टीकाकरण केंद्रों तक लोग नहीं आ रहे थे. ईंट-भट्ठों के मजदूर, घुमंतू और मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग टीकाकरण को लेकर गम्भीर नहीं थे. सबसे ज्यादा समस्या अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर थी. लिहाजा इस बार ये कमी दूर करने के लिए सभी धर्मों के धर्मगुरुओं की मदद ली गई. अधिकारियों की मॉनिटरिंग के साथ साथ एएनएम, आशा बहुओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत ने जिले को फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया.
टीकाकरण के लिए 179 टीमें लगाई गई थी
सघन मिशन इंद्र धनुष अभियान के तहत जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी, पोलियो, काली खांसी, टिटनेस, जापानी इंसेफेलाइटिस, दिमागी बुखार, निमोनिया, खसरा और पीलिया के टीके लगाए गए. बीते दिसम्बर माह से इस अभियान की शुरुआत की गई थी, जो चार चरणों मे 6 ब्लॉकों फतेहपुर, सूरतगंज, रामनगर, घुघटेर, सिद्धौर और बाराबंकी नगर में चलाया गया. इसके लिए 179 टीमें लगाई गई थी. स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ ने जिले के 3318 ऐसे परिवारों को चिन्हित किया था जो टीकाकरण के प्रति उदासीन थे.
सीएमओ ने जाहिर की खुशी
बाराबंकी के सीएमओ डॉ. रमेश चन्द्रा ने बताया कि राज्य स्तर पर टीकाकरण समीक्षा बैठक में जिले को प्रथम स्थान मिला है. डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की मॉनिटरिंग में 96 फीसदी बच्चे जिले में पूर्ण प्रतिरक्षित पाए गए. सीएमओ ने खुशी जाहिर की कि कोरोना काल में भी उनका टीकाकरण अभियान सफल रहा. हर बुधवार और शनिवार को हर केंद्र पर आयोजित होने वाले सत्र पर कोरोना काल में कार्यकर्ताओं ने कोविड नियमों का पालन करते हुए टीकाकरण किया. उन्होंने इसके लिए जिले की आशाओं, एएनएम और आंगनबाड़ी को इस सफलता का श्रेय दिया है.