बाराबंकी: नगर कोतवाली क्षेत्र में एक युवक द्वारा धोखाधड़ी कर पीड़ित से लाख रुपये ठगी का मामला सामने आया है. युवक ने रुपये लेकर कोर्ट का फर्जी आदेश बनाकर पीड़ित को थमा दिया. मामले की जानकारी पर शनिवार को गुस्साए वकीलों ने आरोपी युवक को पीट कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया.
बता दें कि बाराबंकी पारिवारिक न्यायालय में एक महिला ने नगर कोतवाली के कटरा मुहल्ले के रहने वाले अपने पति अनिल कुमार के विरुद्ध गुजारे भत्ते का मुकदमा दर्ज करा रखा है.अनिल कुमार के भाई मनोज कुमार ने बताया कि अगस्त 2022 में प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय ने अनिल कुमार के खिलाफ 4 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से गुजारा भत्ता दिए जाने का आदेश दिया था. अब तक पति अनिल कुमार ने गुजारा अदा नहीं दिया. जिसपर पत्नी ने कोर्ट में 125(3) का वाद दायर किया था.
इस मामले में प्रधान न्यायाधीश ने गुजारा भत्ता 2 लाख 80 हजार रुपये की रिकवरी का वारंट जारी किया था. वारंट जारी होने के बाद बुधवार को नगर कोतवाली पुलिस अनिल के घर पहुंचकर उसे दबोच लिया. कोतवाली पुलिस को अनिल ने एक आदेश दिखाया. जिसमें मुकदमा खत्म होने का आदेश था. आदेश की प्रति पर संदेह जताते हुए पुलिस ने शुक्रवार को अनिल को कोर्ट में पेश किया. तब इस आदेश की असलियत का पता चला. जबकि कोर्ट ने ऐसा कोई ऑर्डर जारी नहीं किया था. लिहाजा कोर्ट ने अनिल को जेल भेज दिया. अनिल के भाई के मुताबिक यह ऑर्डर उसके भाई को 2 माह पहले सिरौलीगौसपुर निवासी एक युवक ने खुद को वकील बताते हुए उससे 2 लाख 10 हजार रुपये लेकर यह आदेश दिया था.
शनिवार को मनोज कुमार ने आदेश की कॉपी देने वाले वकील को कचहरी बुलाया. इस पर युवक वकील के पहनावे में ही कोर्ट परिसर पहुंच गया. जिसके बाद यहां पर वकीलों ने उसे घेर लिया. पूछताछ में युवक ने बताया कि उसने एलएलबी की है. लेकिन वकालत के लिए उसका पंजीकरण नहीं हुआ है. युवक के इस धोखाधड़ी वाले कृत्य से नाराज वकीलों ने उसकी पिटाई कर उसे पुलिस को सौंप दिया. उधर ठगी के शिकार अनिल कुमार के भाई ने नगर कोतवाली में तहरीर दी है.
नगर कोतवाली के अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक देवीशरण गुप्ता ने बताया कि कोर्ट का फर्जी आदेश तैयार करने से जुड़ा एक मामला सामने आया है. तहरीर पर आरोपित से पूछताछ की जा रही है. इस मामले के संज्ञान में आने के बाद जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंह और महामंत्री शाहीन अख्तर ने एक पत्र जारी कर वकीलों से कहा कि कोर्ट परिसर में ड्रेस में ही आयें. इसके अलावा जिनका बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकरण तथा सीओपी (सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस) नंबर नहीं है. वे लोग अगर कोट और बैंड में पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
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