बाराबंकी: करीब 7 वर्ष पूर्व एक किशोरी अपनी मां के साथ एक तिलक समारोह में गई थी. इस दौरान किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के दोषी को अदालत ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नबंर-44 राजीव महेश्वरम ने सुनाया है.
फौजदारी के विशेष लोक अभियोजक योगेंद्र कुमार सिंह और अनूप कुमार मिश्रा ने अभियोजन कथानक का ब्यौरा देते हुए बताया कि सुबेहा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी वादी ने सुबेहा थाने में 10 मार्च 2016 को तहरीर देकर बताया कि 2 मार्च 2016 की रात करीब 9 बजे उनकी नाबालिग बेटी अपनी मां के साथ गांव में ही एक व्यक्ति के यहां आयोजित तिलक समारोह के निमंत्रण पर गई थी. इस दौरान वहां मौजूद हरिनाथ मेरी बेटी को बहला फुसला कर भगा ले गया था. तब से वादी अपनी पुत्री की तलाश कर रहा था. लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका. पुलिस ने इस मामले में आरोपी हरिनाथ के विरुद्ध 363,366 आईपीसी के तहत मुकदमा लिखकर तफ्तीश शुरू की. तत्कालीन विवेचक ने वैज्ञानिक विधियों के जरिये साक्ष्य एकत्र किए. विवेचना के दौरान आरोपी पर दर्ज मुकदमे की धाराओं में 376 आईपीसी और 4 पॉक्सो ऐक्ट की धाराएं बढाई गई. विवेचक ने आरोपी हरिनाथ के विरुद्ध धारा 363, 366, 376 आईपीसी और 04 पॉक्सो ऐक्ट के तहत चार्जशीट माननीय कोर्ट में प्रस्तुत की.
अभियोजन ने इस मामले में ठोस गवाह पेश किए. किशोरी के बयानों के आधार पर और अभियोजन और बचाव पक्ष के गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो ऐक्ट कोर्ट नंबर-44 राजीव महेश्वरम ने आरोपी हरिनाथ को अंतर्गत धारा 363 ,366 आईपीसी से दोषमुक्त कर दिया. जबकि अंतर्गत धारा 376 आईपीसी में दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
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