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आशा बहुओं ने सरकार चेताया कहा, मांगे पूरी नहीं हुईं तो सरकार के खिलाफ करेंगी प्रचार

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Published : Aug 2, 2021, 7:00 PM IST

बाराबंकी जिले में आज आशा बहुओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. आशा बहुओं का आरोप है कि उन्हें केंन्द्र एवं राज्य सरकार से मिलने वाले मानदेय कई महीनों से नहीं मिला है.

आशा बहुओं ने सरकार चेताया कहा, मांगे पूरी नहीं हुईं तो सरकार के खिलाफ करेंगी प्रचार
आशा बहुओं ने सरकार चेताया कहा, मांगे पूरी नहीं हुईं तो सरकार के खिलाफ करेंगी प्रचार

बाराबंकी : जिले में सोमवार को आशा कार्यकर्ता महिलाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. अपनी कई मांगो को लेकर आज आशा बहुओं ने डीएम को ज्ञापन दिया. दरअसल, नियमित व समय से वेतन न मिलने से आशा बहुओं में नाराजगी है. आशा बहुओं का कहना है कि उन्हें मिलने वाले वेतन का बंदरबांट किया जाता है. इसी बात से नाराज आशा बहुओं ने आज डीएम कार्यलय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी.

ज्ञापन देने पहुंची आशा बहुओं ने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं पूरी नहीं हुईं तो वह यूपी के आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों को वोट न देने के लिए अभियान चलाएंगी. बाराबंकी आशा बहू स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष सुनीता देवी ने बताया कि यूपी चुनाव से पहले अगर उनके मासिक मानदेय को निश्चित नहीं किया गया, तो वह सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगी. सुनीता देवी ने कहा कि वोट मांगने आने वाले वाले विधायक या अन्य प्रतिनिधियों को भगाने का काम करेंगी.

आशा बहुओं ने सरकार चेताया कहा, मांगे पूरी नहीं हुईं तो सरकार के खिलाफ करेंगी प्रचार

बाराबंकी आशा बहू स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष सुनीता देवी ने बताया कि वर्ष 2017 के चुनाव से पहले राजनाथ सिंह ने वादा किया था, कि यूपी में बीजेपी की सरकार बनने पर सभी आशा बहुओं को नियमित कर दिया जाएगा. आशाओं बहुओं का कहना है कि उन्हें नियमित करना तो दूर, केंद्र और प्रदेश सरकार से मिलने वाला मानदेय भी नहीं मिलता है. उन्हें मिलने वाले मानदेय में अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट किया जाता है.

ज्ञापन देने पहुंची आशा कार्यकर्ताओं ने का आरोप है कि उन्हें जनवरी 2020 से 31 जुलाई 2020 तक प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का भुगतान अभी तक नहीं मिला है. आक्रोशित आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार उनके साथ विश्वासघात कर रही है. आशा बहुएं स्वास्थ्य विभाग की हर सेवा में ड्यूटी करती हैं, लेकिन मानदेय देने के नाम पर अधिकारी बंदरबांट करते हैं. उनका आरोप है कि स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी मनमानी करते हैं, ये लोग सीएमओ के आदेश को नहीं मानते हैं.

इसे पढ़ें- कहीं आपके बच्चे न कहें कि मेरा बाप चोर था...पढ़िए ऐसा क्यों बोलीं मेनका गांधी

बाराबंकी : जिले में सोमवार को आशा कार्यकर्ता महिलाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. अपनी कई मांगो को लेकर आज आशा बहुओं ने डीएम को ज्ञापन दिया. दरअसल, नियमित व समय से वेतन न मिलने से आशा बहुओं में नाराजगी है. आशा बहुओं का कहना है कि उन्हें मिलने वाले वेतन का बंदरबांट किया जाता है. इसी बात से नाराज आशा बहुओं ने आज डीएम कार्यलय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी.

ज्ञापन देने पहुंची आशा बहुओं ने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं पूरी नहीं हुईं तो वह यूपी के आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों को वोट न देने के लिए अभियान चलाएंगी. बाराबंकी आशा बहू स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष सुनीता देवी ने बताया कि यूपी चुनाव से पहले अगर उनके मासिक मानदेय को निश्चित नहीं किया गया, तो वह सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगी. सुनीता देवी ने कहा कि वोट मांगने आने वाले वाले विधायक या अन्य प्रतिनिधियों को भगाने का काम करेंगी.

आशा बहुओं ने सरकार चेताया कहा, मांगे पूरी नहीं हुईं तो सरकार के खिलाफ करेंगी प्रचार

बाराबंकी आशा बहू स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष सुनीता देवी ने बताया कि वर्ष 2017 के चुनाव से पहले राजनाथ सिंह ने वादा किया था, कि यूपी में बीजेपी की सरकार बनने पर सभी आशा बहुओं को नियमित कर दिया जाएगा. आशाओं बहुओं का कहना है कि उन्हें नियमित करना तो दूर, केंद्र और प्रदेश सरकार से मिलने वाला मानदेय भी नहीं मिलता है. उन्हें मिलने वाले मानदेय में अधिकारियों की मिलीभगत से बंदरबांट किया जाता है.

ज्ञापन देने पहुंची आशा कार्यकर्ताओं ने का आरोप है कि उन्हें जनवरी 2020 से 31 जुलाई 2020 तक प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का भुगतान अभी तक नहीं मिला है. आक्रोशित आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार उनके साथ विश्वासघात कर रही है. आशा बहुएं स्वास्थ्य विभाग की हर सेवा में ड्यूटी करती हैं, लेकिन मानदेय देने के नाम पर अधिकारी बंदरबांट करते हैं. उनका आरोप है कि स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी मनमानी करते हैं, ये लोग सीएमओ के आदेश को नहीं मानते हैं.

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