बाराबंकी: जनपद में अधिवक्ताओं ने सोमवार को विभिन्न मुद्दों पर प्रदर्शन किया. ग्राम न्यायालयों के गठन का विरोध, अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू किये जाने जैसे मुद्दों को लेकर पहले से ही प्रस्तावित प्रदर्शन सोमवार को होना था, लेकिन रविवार को अधिवक्ता संजय गुप्ता की गलत ढंग से हुई गिरफ्तारी ने इस प्रदर्शन को और भी संवेदनशील बना दिया.
अधिवक्ताओं का आक्रोश देखते हुए जिला प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए पटेल तिराहे से कचहरी तक भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. वहीं मीटिंग के बाद अधिवक्ताओं ने कचहरी गेट के बाहर सड़क पर प्रदर्शन किया. इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम को ज्ञापन सौंपा.
रामनगर और सिरौलीगौसपुर तहसीलों में गठित किये गए ग्राम न्यायालयों को लेकर जिले के अधिवक्ताओं में खासा आक्रोश है. अधिवक्ताओं का आरोप है कि उनसे बिना राय मशविरा के ग्राम न्यायालयों का गठन नियम विरुद्ध है. 2 सितंबर को जिला बार एसोसिएशन की तरफ से जनपद न्यायाधीश और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इनके गठन पर रोक लगाने की मांग की गई थी. पत्र में अनुरोध किया गया था कि जनपद में ग्राम न्यायालयों और वाह्य न्यायालयों के गठन की प्रक्रिया स्थगित कर जिला बार एसोसिएशन बाराबंकी और जनपद न्यायाधीश/जिलाधिकारी बाराबंकी की संयुक्त बैठक आयोजित कर बार एवं बेंच में समन्वय स्थापित करते हुए ही अग्रिम कार्यवाई की जाए. वहीं जिला बार एसोसिएशन द्वारा भेजे गए पत्र पर जब कोई संज्ञान नहीं लिया गया तब शनिवार को अधिवक्ताओं ने सोमवार को आंदोलन करने का फैसला किया था.
हर महीने की 7 तारीख को रुदौली वापसी को लेकर भी अधिवक्ता प्रदर्शन करते हैं. लिहाजा सोमवार को ये भी प्रदर्शन होना था. यही नहीं रविवार को एक अधिवक्ता की गिरफ्तारी पर भी अधिवक्ताओं में नाराजगी थी. एक साथ कई मुद्दे होने से जिला प्रशासन पहले से ही अलर्ट हो गया था. जिला बार में मीटिंग करने के बाद अधिवक्ताओं ने जिला जज और जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा.
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