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बाराबंकी व्यापारी अपहरण: रंगदारी मांगने के मामले में एसओ लाइन हाजिर

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Published : Nov 12, 2020, 9:38 PM IST

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक व्यक्ति से रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस कप्तान ने थानाध्यक्ष कोठी को लाइन हाजिर कर दिया है. बता दें कि इस मामले में चार सिपाहियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है.

एसओ लाइन हाजिर
एसओ लाइन हाजिर

बाराबंकी: जिले में एक व्यापारी का अपहरण कर पुलिसकर्मियों की ओर से पीड़ित से रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है. इस मामले में थानाध्यक्ष और आरोपी पुलिसकर्मियों के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भी वायरल हुआ. इसके बाद पुलिस कप्तान ने थानाध्यक्ष कोठी को लाइन हाजिर कर दिया. इससे पहले पीड़ित की शिकायत पर पुलिस कप्तान की ओर से कराई गई जांच में मामला सही पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक ने चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया था. 6 नवम्बर को इनमे से तीन आरोपी सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा भी लिखा गया था.

मसौली थाना क्षेत्र के भूलीगंज का रहने वाला राहुल सिंह 16 अक्टूबर की शाम करीब 7 बजे घर से बाहर निकला था. इसी दौरान मसौली चौराहे पर सफदरगंज थाना क्षेत्र के तुरकानी का रहने वाला संदीप यादव भी उससे मिला. संदीप ने राहुल से कहा कि लखनऊ से कुछ लोग जमीन खरीदने आ रहे हैं, उन्हें चलकर दिखा दो. इसके थोड़ी देर बाद चौराहे पर दो कारें आकर रुकीं. कार में बैठे लोगों ने राहुल को जबरन कार में बैठा लिया और लेकर चले गए.

फर्जी मामले में फंसाने की धमकी देकर मांगी रंगदारी
कार में सवार लोग राहुल को कोठी थाने के उस्मानपुर गांव ले गए और एक मकान में बंद कर दिया. उन्होंने राहुल को धमकाते हुए कहा कि तुम मार्फीन का काम करते हो. राहुल की ओर से इसका विरोध करने पर उन्होंने कहा कि अगर यहीं छूटना है तो पांच लाख रुपयों का इंतजाम करो. बाद में इन लोगों ने खुद को सिपाही बताया और राहुल को कोठी थाने ले गए. राहुल के मुताबिक थाने में उसे प्रताड़ित किया गया. डरे सहमे राहुल ने अपने मोबाइल से परिवार और दोस्तों को फोन किया.

तीन लाख रुपये देने पर छोड़ा
राहुल के परिजन विवेक सिंह और नियामतपुर के संदीप सिंह से उसने डेढ़-डेढ़ लाख रुपये मंगवाए. इस तीन लाख रुपये को उसने कोठी थानाध्यक्ष के सामने उन लोगों को दिया. इसके कुछ देर बाद उन्होंने राहुल को धमकी देते हुए थाने से भगा दिया गया. राहुल के मुताबिक दोनों गाड़ियों में करीब सात लोग थे. तीन सिपाहियों को वह पहचानता था, जबकि दूसरी कार में तीन-चार सिपाही थे जिन्हें वह नहीं पहचानता था.

चार सिपाहियों को किया गया निलंबित
पीड़ित की शिकायत पर मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान ने चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया था. इसमें कोठी थाने के नीलेश सिंह, जमाल, पुलिस लाइन में तैनात आशीष तिवारी और अमित सिंह को निलंबित किया गया था. साथ ही पूरे प्रकरण की जांच सीओ रामसनेही घाट पंकज सिंह को सौंप दी गई थी.

जांच के बाद केस दर्ज
सीओ रामसनेही घाट पंकज सिंह की जांच रिपोर्ट में एक सिपाही को क्लीन चिट मिल गई. बाकी तीन आरोपी सिपाहियों के खिलाफ 6 नवम्बर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और जबरन वसूली जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में शुरू से ही थानाध्यक्ष कोठी शैलेश यादव की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी, लेकिन जांच रिपोर्ट में एसओ को क्लीन चिट मिल गई थी. वहीं सोशल मीडिया पर आरोपी सिपाहियों और एसओ के बीच हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद हड़कम्प मच गया. इसके बाद ऑडियो को संज्ञान में लेते हुए पुलिस कप्तान ने एसओ कोठी को लाइन हाजिर कर दिया है.

बाराबंकी: जिले में एक व्यापारी का अपहरण कर पुलिसकर्मियों की ओर से पीड़ित से रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है. इस मामले में थानाध्यक्ष और आरोपी पुलिसकर्मियों के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भी वायरल हुआ. इसके बाद पुलिस कप्तान ने थानाध्यक्ष कोठी को लाइन हाजिर कर दिया. इससे पहले पीड़ित की शिकायत पर पुलिस कप्तान की ओर से कराई गई जांच में मामला सही पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक ने चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया था. 6 नवम्बर को इनमे से तीन आरोपी सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा भी लिखा गया था.

मसौली थाना क्षेत्र के भूलीगंज का रहने वाला राहुल सिंह 16 अक्टूबर की शाम करीब 7 बजे घर से बाहर निकला था. इसी दौरान मसौली चौराहे पर सफदरगंज थाना क्षेत्र के तुरकानी का रहने वाला संदीप यादव भी उससे मिला. संदीप ने राहुल से कहा कि लखनऊ से कुछ लोग जमीन खरीदने आ रहे हैं, उन्हें चलकर दिखा दो. इसके थोड़ी देर बाद चौराहे पर दो कारें आकर रुकीं. कार में बैठे लोगों ने राहुल को जबरन कार में बैठा लिया और लेकर चले गए.

फर्जी मामले में फंसाने की धमकी देकर मांगी रंगदारी
कार में सवार लोग राहुल को कोठी थाने के उस्मानपुर गांव ले गए और एक मकान में बंद कर दिया. उन्होंने राहुल को धमकाते हुए कहा कि तुम मार्फीन का काम करते हो. राहुल की ओर से इसका विरोध करने पर उन्होंने कहा कि अगर यहीं छूटना है तो पांच लाख रुपयों का इंतजाम करो. बाद में इन लोगों ने खुद को सिपाही बताया और राहुल को कोठी थाने ले गए. राहुल के मुताबिक थाने में उसे प्रताड़ित किया गया. डरे सहमे राहुल ने अपने मोबाइल से परिवार और दोस्तों को फोन किया.

तीन लाख रुपये देने पर छोड़ा
राहुल के परिजन विवेक सिंह और नियामतपुर के संदीप सिंह से उसने डेढ़-डेढ़ लाख रुपये मंगवाए. इस तीन लाख रुपये को उसने कोठी थानाध्यक्ष के सामने उन लोगों को दिया. इसके कुछ देर बाद उन्होंने राहुल को धमकी देते हुए थाने से भगा दिया गया. राहुल के मुताबिक दोनों गाड़ियों में करीब सात लोग थे. तीन सिपाहियों को वह पहचानता था, जबकि दूसरी कार में तीन-चार सिपाही थे जिन्हें वह नहीं पहचानता था.

चार सिपाहियों को किया गया निलंबित
पीड़ित की शिकायत पर मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान ने चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया था. इसमें कोठी थाने के नीलेश सिंह, जमाल, पुलिस लाइन में तैनात आशीष तिवारी और अमित सिंह को निलंबित किया गया था. साथ ही पूरे प्रकरण की जांच सीओ रामसनेही घाट पंकज सिंह को सौंप दी गई थी.

जांच के बाद केस दर्ज
सीओ रामसनेही घाट पंकज सिंह की जांच रिपोर्ट में एक सिपाही को क्लीन चिट मिल गई. बाकी तीन आरोपी सिपाहियों के खिलाफ 6 नवम्बर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और जबरन वसूली जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में शुरू से ही थानाध्यक्ष कोठी शैलेश यादव की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी, लेकिन जांच रिपोर्ट में एसओ को क्लीन चिट मिल गई थी. वहीं सोशल मीडिया पर आरोपी सिपाहियों और एसओ के बीच हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद हड़कम्प मच गया. इसके बाद ऑडियो को संज्ञान में लेते हुए पुलिस कप्तान ने एसओ कोठी को लाइन हाजिर कर दिया है.

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