बाराबंकी: जिले के पुलिस कप्तान ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले अपने मातहतों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है. मंगलवार को ऐसे 6 पुलिसकर्मियों को सजा दी गई है. अपनी-अपनी बीट में संतोषजनक कार्य न करने वाले 4 पुलिसकर्मियों में से दो को लाइन हाजिर कर दिया गया. दो को अर्दली रूम की सजा दी गई है. वहीं, बिना उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाए एक अस्पताल को चेक करने और उसे सीज करने की धमकी देने के मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.
यूपी पुलिसिंग को बेहतर बनाने के लिए बीट पुलिसिंग को लगातार मजबूत किया जा रहा है. तमाम दिशा-निर्देशों के बावजूद बीट इंचार्ज अपनी ड्यूटी को ठीक ढंग से अंजाम नहीं दे रहे हैं. एसपी बाराबंकी अनुराग वत्स (SP Barabanki Anurag Vats) ने ऐसे 4 पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई है. एसपी ने दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है तो दो पुलिसकर्मियों को अर्दली रूम की सजा दी है.
गौरतलब है कि अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए हर थानों में बीट सिस्टम लागू है. तकरीबन ढाई साल पहले इसको और मजबूती देने के लिए नई व्यवस्थाओं के साथ तमाम दिशा निर्देश जारी हुए थे. हर थानों में बीट सिपाही नियुक्त किए गए. इन बीट सिपाहियों को अपनी अपनी बीट में जाकर वहां होने वाली हर गतिविधि को अपनी बीट पुस्तिका में लिखना होता था.
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ये बीट सिपाही ठीक ढंग से अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं या नहीं, इसे जांचने के लिए हर रोज हर थाने से एक-एक मुख्य आरक्षी या आरक्षी को बीट पुस्तिका के साथ पुलिस कप्तान के सामने पेश होनी होती है. मंगलवार को सभी थानों से आरक्षी अपनी-अपनी बीट पुस्तिका के साथ उपस्थित हुए. इनकी जांच में सफदरगंज थाने में तैनात मुख्य आरक्षी मंसूर अहमद और थाना जैदपुर में तैनात आरक्षी प्रवीण कुमार वर्मा की बीट पुस्तिकाएं संतोषजनक नहीं पाई गईं.
इनसे जब इनकी बीट की और जानकारियां मांगी गईं तो ये जवाब नहीं दे सके. लिहाजा अपनी बीट के संबंध में पूर्ण जानकारी न होने के कारण इन दोनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया. इसके अलावा थाना सतरिख में नियुक्त आरक्षी नवनीत कुमार और थाना मसौली में नियुक्त आरक्षी आशीष त्यागी को अर्दली रूम की सजा सुनाई गई.
क्या है बीट सिस्टम : बेहतर पुलिसिंग और पुलिस की कार्यप्रणाली में सुगमता के लिए हर थाने के क्षेत्र को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा जाता है. इसी को बीट कहते हैं. थाने के पुलिसकर्मियों को अलग-अलग बीट एलॉट की जाती हैं जिस पुलिसकर्मी को जो बीट एलॉट होती है, उसे अपने बीट की हर छोटी से छोटी गतिविधियों पर नजर रखनी होती है. ये सारी सूचनाएं उसे अपनी बीट पुस्तिका में दर्ज भी करनी होती हैं. वहीं, एक दूसरे मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.
क्या था मामला : बीती 7 और 8 अप्रैल की रात को थाना असंदरा पर नियुक्त आरक्षी जितेंद्र जोशी और आरक्षी राजेश यादव ने बिना किसी उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाये माहेश्वरम हॉस्पिटल के अंदर जाकर पूरा हॉस्पिटल चेक किया. अस्पताल सीज करने की धमकी दी थी. यही नहीं, स्टाफ नर्स से आईडी अपने मोबाइल नंबर पर भिजवाने को कहा था. इसकी शिकायत हॉस्पिटल संचालक ने की थी. इन गंभीर आरोपों की जांच पुलिस कप्तान ने अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी को सौंपी थी. जांच आख्या में ये पुलिसकर्मी दोषी पाए गए. लिहाजा पुलिस कप्तान अनुराग वत्स ने इन दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
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