बाराबंकी: जनपद के रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के पूरे गिरधर गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ रहे कल्प नारायण पाण्डेय ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. पंडित दीनदयाल जी के साथ बिताए पल को और उस समय के अपने विद्यार्थी जीवन और प्रचारक जीवन को याद करते हुए 95 वर्षीय आचार्य कल्प नारायण पाण्डेय बताते हैं कि विलक्षण बुद्धि, सरल व्यक्तित्व और नेतृत्व के अनगिनत गुणों के स्वामी पंडित दीनदयाल जी उस समय जनसंघ का कार्य देख रहे थे.
...जब एक बाल्टी पानी में पं. दीनदयाल ने किया था स्नान
पंडित कल्प नारायण पाण्डेय ने कहा कि यह उस समय की बात है, जब दीनदयाल जी फैजाबाद में जनसंघ से जुड़े किसी कार्यक्रम में आए थे तो वह फैजाबाद रिकाबगंज में संघ कार्यालय में रुके हुए थे और उस समय संभाग प्रचारक श्री रमाकांत थे. उस समय प्रातः स्नान करने के लिए मैंने एक बाल्टी पानी भरकर और दूसरी बाल्टी में आधा बाल्टी पानी भरा था. जब मैंने आधी बाल्टी से भरी पानी को उसमें डालकर दूसरी भरना चाहा तब उन्होंने हमें रोक दिया और बोले कि वह ब्राह्मण ही कैसा, जो एक बाल्टी में स्नान भी न कर ले. धोती भी न धो ले और एक लोटा पानी हाथ-पैर धोने को न रख ले. उसके बाद उन्होंने मुझे पानी नहीं भरने दिया.
कल्प नारायण पाण्डेय आगे बताते हैं कि स्नान के बाद पंडित जी के साथ हम कमरे में आ गए और पंडित जी से मैंने कहा कि आप तेल लगाएंगे तो दीनदयाल जी ने कहा हां तो मैंने कहा यहां पर तो कड़वा तेल ही है. इस पर वो हंसकर बोले कि अरे भाई राजनीति में कड़वा तेल ही ठीक है, नहीं तो चींटी उठा ले जाएंगे और हंसते हुए तेल लगाने लगे. उसके बाद हम सभी ने जलपान किया उसके बाद पंडित दीनदयाल जी कार्यक्रम में चले गए.
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...जब संघ के कार्यक्रम के परमिशन देने से डीएम ने किया मना
पंडित कल्प नारायण पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया एक और स्मरण हमें याद आता है जब लखनऊ में संघ का एक कार्यक्रम था. डीएम परमिशन नहीं दे रहे थे तो संघ के कार्यकर्ताओं ने कहा कि दीनदयाल जी अगर आप चलेंगे तो कार्यक्रम में अनुमति मिल जाएगी तो उस समय पंडित दीनदयाल जी ने धोती पहनी हुई थी. नीचे की धोती गंदी थी तो कार्यकर्ताओं ने कहा कि पंडित जी दूसरी धोती पहन लीजिए. यह नीचे गंदी है तो पंडित जी अंदर धोती पहनने गए और पहन के जब निकले तो उसी धोती को पलट कर पहन लिया था वह और भी खराब लग रही थी तो फिर कार्यकर्ताओं ने कहा कि पंडित जी यह तो और खराब लग रही है.
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कल्प नारायण पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि दीनदयाल जी ने कहा कि अब कपड़े नहीं बदलेंगे. ऐसे ही डीएम के पास चलते हैं. इसके बाद वह डीएम के पास गए और उनसे मिले, जिसके बाद डीएम साहब ने कार्यक्रम करने के लिए परमिशन दे दी. इसके बाद दीनदयाल जी वापस आते हैं और कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि डीएम साहब ने तो हमारी धोती देखी ही नहीं.