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बाराबंकी: नहर विभाग की लापरवाही से बेसहारा हुआ परिवार, इकलौता बेटा काल के गाल में समाया

बाराबंकी में नहर विभाग की लापरवाही के चलते एक परिवार बेसहारा हो गया. पुलिया टूटी होने के चलते गिरे शख्स का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. परिजनों का आरोप है कि अगर समय पर पुल की मरम्मत हो जाती तो यह हादसा न होता. बेटे की लाश के लिए परिजन नहर की खाक छान रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है.

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बाराबंकी में नहर में गिरे युवक का अब तक नहीं चला पता.
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Published : Dec 18, 2019, 11:13 PM IST

बाराबंकी: शारदा नहर के टूटे पुल से नहर में गिरे साइकिल सवारों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है. मौके पर पुलिस तो जरूर पहुंची, लेकिन तलाश के लिए खास मदद नहीं की, जिससे नाराज परिवार के लोगों ने प्रदर्शन भी किया.

प्रशासन ने पीड़ित परिवार की नहीं की कोई मदद.

मामला जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के बेरिया के पास से गुजरी शारदा नहर से जुड़ा है. बेरिया गांव के निवासी पंकज साइकिल से रात करीब 8 बजे कटियारा स्थित अपने ननिहाल जाने के लिए निकला था, लेकिन देर रात तक वह वहां नहीं पहुंचा. बाद में छानबीन में बता चला कि पंकज नहर में गिर गया है.

तलाश में जुटे परिजन
पंकज के परिवारीजन भीषण ठंड में भी नहर पटरी के किनारे-किनारे घूम कर युवक की तलाश में लगे हैं. पंकज परिवार में अकेला कमाने वाला था. उसकी बहन भी शादी करने के लायक हो गई है. परिवारीजन भी नाउम्मीद हो चुके हैं.

शारदा नहर में दो लोग गिरे हैं, लेकिन दूसरा कौन है, यह साफ नहीं हो सका. ग्रामीणों ने पंकज की तलाश के लिये प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन की संवेदनहीनता के आगे वह बेबस हो गए और अब तक पंकज का कोई पता चल नहीं सका है.

परिजनों ने लगाया आरोप
नहर में गिरे दो लोगों में से एक पंकज के परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर समय रहते विभाग टुटी पुलिया को सही करा देता तो वह बच जाता. उनका आरोप है कि प्रशासन से मदद मांगने पर भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली.

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बाराबंकी के नहर विभाग को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के उस आश्वासन की भी चिंता नहीं है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सिंचाई विभाग की नहरों की पुल व पुलिया का भी रंगरोगन व मरम्मत कराई जाएगी और ऐसा न होने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन ने नहीं की मदद
मृतक के परिजनों का कहना है कि उनका भाई एक कार्यक्रम में जा रहा था, तभी यहां नहर में गिर गया और अब तक उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है. वह सभी उसी दिन से भाई की तलाश में वहां बैठे हैं. इस टूटी पुलिया से कई मौतें हो चुकी हैं.

उनका आरोप है कि प्रशासन की तरफ कोई भी उनका हाल लेने नहीं आया है. उन्होंने नहर विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर यह पुलिया टूटी न होती और इसे सही समय पर दुरुस्त करा दिया गया होता तो शायद उनका भाई बच जाता.

ये भी पढ़ें: बाराबंकी: 83 लाख की लागत से बनेगा शारदा की सहायक नहर का पुल

सहायक अभियंता ने दी सफाई
सिंचाई एवं नहर विभाग के अधिशासी अभियंता राकेश वर्मा ने बताया कि दरियाबाद शाखा में करीब 70 साल पहले बहुत सारे पुल बने थे. उन सभी पुलों में से ज्यादातर पुल अब अपनी आयु पूरी कर चुके हैं. इसीलिए वह पुल अब क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. इन सभी पुलों की मरम्मत के लिये एक परियोजना बनाई जा रही है.

पुल की जल्द कराई जाएगी मरम्मत
उन्होंने कहा कि जिस पुल पर हादसा हुआ है, इसकी भी दो साल पहले मरम्मत कराई गई थी, लेकिन इस संकरे पुल से काफी गाड़ियों के निकलने से पुल की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है. इसी वजह से यह हादसा हुआ है. जल्द ही ऐसे सारे पुल की मरम्मत कराई जाएगी.

बाराबंकी: शारदा नहर के टूटे पुल से नहर में गिरे साइकिल सवारों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है. मौके पर पुलिस तो जरूर पहुंची, लेकिन तलाश के लिए खास मदद नहीं की, जिससे नाराज परिवार के लोगों ने प्रदर्शन भी किया.

प्रशासन ने पीड़ित परिवार की नहीं की कोई मदद.

मामला जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के बेरिया के पास से गुजरी शारदा नहर से जुड़ा है. बेरिया गांव के निवासी पंकज साइकिल से रात करीब 8 बजे कटियारा स्थित अपने ननिहाल जाने के लिए निकला था, लेकिन देर रात तक वह वहां नहीं पहुंचा. बाद में छानबीन में बता चला कि पंकज नहर में गिर गया है.

तलाश में जुटे परिजन
पंकज के परिवारीजन भीषण ठंड में भी नहर पटरी के किनारे-किनारे घूम कर युवक की तलाश में लगे हैं. पंकज परिवार में अकेला कमाने वाला था. उसकी बहन भी शादी करने के लायक हो गई है. परिवारीजन भी नाउम्मीद हो चुके हैं.

शारदा नहर में दो लोग गिरे हैं, लेकिन दूसरा कौन है, यह साफ नहीं हो सका. ग्रामीणों ने पंकज की तलाश के लिये प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन की संवेदनहीनता के आगे वह बेबस हो गए और अब तक पंकज का कोई पता चल नहीं सका है.

परिजनों ने लगाया आरोप
नहर में गिरे दो लोगों में से एक पंकज के परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर समय रहते विभाग टुटी पुलिया को सही करा देता तो वह बच जाता. उनका आरोप है कि प्रशासन से मदद मांगने पर भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली.

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बाराबंकी के नहर विभाग को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के उस आश्वासन की भी चिंता नहीं है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सिंचाई विभाग की नहरों की पुल व पुलिया का भी रंगरोगन व मरम्मत कराई जाएगी और ऐसा न होने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन ने नहीं की मदद
मृतक के परिजनों का कहना है कि उनका भाई एक कार्यक्रम में जा रहा था, तभी यहां नहर में गिर गया और अब तक उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है. वह सभी उसी दिन से भाई की तलाश में वहां बैठे हैं. इस टूटी पुलिया से कई मौतें हो चुकी हैं.

उनका आरोप है कि प्रशासन की तरफ कोई भी उनका हाल लेने नहीं आया है. उन्होंने नहर विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर यह पुलिया टूटी न होती और इसे सही समय पर दुरुस्त करा दिया गया होता तो शायद उनका भाई बच जाता.

ये भी पढ़ें: बाराबंकी: 83 लाख की लागत से बनेगा शारदा की सहायक नहर का पुल

सहायक अभियंता ने दी सफाई
सिंचाई एवं नहर विभाग के अधिशासी अभियंता राकेश वर्मा ने बताया कि दरियाबाद शाखा में करीब 70 साल पहले बहुत सारे पुल बने थे. उन सभी पुलों में से ज्यादातर पुल अब अपनी आयु पूरी कर चुके हैं. इसीलिए वह पुल अब क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. इन सभी पुलों की मरम्मत के लिये एक परियोजना बनाई जा रही है.

पुल की जल्द कराई जाएगी मरम्मत
उन्होंने कहा कि जिस पुल पर हादसा हुआ है, इसकी भी दो साल पहले मरम्मत कराई गई थी, लेकिन इस संकरे पुल से काफी गाड़ियों के निकलने से पुल की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है. इसी वजह से यह हादसा हुआ है. जल्द ही ऐसे सारे पुल की मरम्मत कराई जाएगी.

Intro: बाराबंकी, 18 दिसंबर। नहर विभाग की लापरवाही के चलते एक परिवार हुआ बेसहारा., पुलिया टूटी होने के चलते गिरे शख्स का अबतक नहीं मिला कोई सुराग.परिजनों का आरोप- समय पर होती मरम्मत तो न होता हादसा. परिजनों का रो-रोकर है बुरा हाल. इकलौता कमाऊ बेटा इस तरह काल के गाल में समा जाएगा नहीं था आभास. अभी तक नहीं हुई है मृतक के बहन की शादी. परिवार के खर्चे का पूरा जिम्मा होने से अब परिवार की आर्थिक कमर भी गई है टूट. बेटे की लाश के लिए परिजन नाहर की खाक छान रहे हैं लेकिन प्रशासन उनकी नहीं कर रहा है कोई मदद.

Body:बाराबंकी में शारदा नहर के टूटे पुल से नहर में गिरे साइकल सवारों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। पानी के तेज बहाव के बीच पुलिस पहुंची पर तलाश के लिए खास मदद नहीं की। गोताखोर तक नहीं बुलाए बल्कि मददगार के बजाए तमाशबीन बनी रही। इससे नाराज परिवार के लोगों ने प्रदर्शन भी किया। उधर नहर में गिरे युवक के परिवारीजन हांड कपांऊ ठंड में नहर पटरी के किनारे-किनारे घूम कर युवक की तलाश में लगे हैं। नहर में गिरा पंकज तो परिवार में अकेला कमाने वाला था। उसकी बहन भी शादी के लायक है। परिवारीजनों भी नाउम्मीद हो चुके हैं लेकिन उनकी तलाश जारी है।

नहर में गिरे दो लोगों में से एक पंकज के परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर समय रहते विभाग टुटी पुलिया को सही करा देता तो वह बच जाता। उनका आरोप है कि प्रशासन से मदद मांगने पर भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बाराबंकी के नहर विभाग को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के उस आश्वासन की भी चिंता नहीं है जिसमें उन्होंने कहा था कि सिंचाई विभाग की नहरों की पुल व पुलिया का भी रंगरोगन व मरम्मत कराई जाएगी और ऐसा न होने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मामला जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के बेरिया के पास से गुजरी शारदा नहर से जुड़ा है। बेरिया गांव के निवासी पंकज साइकिल से रात करीब 8 बजे कटियारा स्थित अपने ननिहाल जाने के लिए निकला था। लेकिन देर रात तक वह वहां पहुंचा ही नहीं। बाद में छानबीन में बता चला कि पंकज नहर में गिर गया है। जानकारी के मुताबिक इस नहर में दो लोग गिरे हैं, लेकिन दूसरा कौन यह साफ नहीं हो सका। ग्रामीणों ने प्रशासन पंकज की तलाश के लिये प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन की संवेदनहीनता के आगे वह बेबस हो गए और अब तक उनका कोई पता चल नहीं सका है।

मृतक के परिजनों का कहना है कि उनका भाई एक कार्यक्रम में जा रहा था तभी यहां नहर में गिर गया और अबतक उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है। वह सभी उसी दिन से भाई की तलाश में वहां बैठे हैं। इस टूटी पुलिया से कई मौतें हो चुकी हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन की तरफ कोई भी उनका हाल लेने नहीं आया है। उन्होंने नहर विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर यह पुलिया टूटी न होती और इसे सही समय पर दुरुस्त करा दिया गया होता तो शायद उनका भाई बच जाता। वहीं मृतक पंकज के जीजा रामहर्ष ने आरोप लगाया कि उनकी मदद के लिये प्रशासन की तरफ से कोई नहीं आया। अगर यह पुलिया सही करा दी गई होती तो यह हादसा न होता।

दरियाबाद शाखा में करीब 70 साल पहले बहुत सारे पुल बने थे। उन सभी पुलों में से ज्यादातर पुल अब अपनी आयु पूरी कर चुके हैं। इसीलिए वह पुल अब क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। इन सभी पुलों की मरम्मत के लिये एक परियोजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस पुल पर हादसा हुआ है इसकी भी दो साल पहले मरम्मत कराई गई थी, लेकिन इस सकरे पुल से काफी ट्रैफिक के निकलने से पुल की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है। इसी वजह से यह हादसा हुआ है। जल्द ही ऐसे सारे पुल की मरम्मत कराई जाएगी।

Conclusion:Byte

1-बाइट- पीड़ित पिता,
2-बाइट- लवकुश, पीड़ित परिजन,
3-बाइट- रामहर्ष, पीड़ित परिजन,
4-बाइट- राकेश वर्मा, अधिशासी अभियंता ,सिंचाई एवं नहर विभाग बाराबंकी.



रिपोर्ट आलोक कुमार शुक्ला रिपोर्टर बाराबंकी 96284 76907.
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